आवाज उठानी जरूरी है ( भाग 2)- संगीता अग्रवाल

” माँ बाप गरीब है तो क्या गलत बात भी सहेगी पति है वो तेरा और तू उसकी पत्नी। उसकी हिम्मत इसलिए ही बढ़ी है क्योकि तू चुपचाप सब सहती आई है। पर तूने सोचा है इससे तेरे बच्चो पर क्या असर होगा। वो जो तेरी बेटी है वो कल को दूसरी सांची बनेगी और … Read more

उम्मीदों का दिया बुझने मत देना (भाग 4) – मुकेश पटेल

4 साल बाद महेश की बेटी का जहां पर नैना का ससुराल था उसी शहर में एक सरकारी अस्पताल में हड्डी के डॉक्टर के रूप में नियुक्ति हो गई थी।  महेश की बेटी सब कुछ भूल चुकी थी बचपन में उसकी बुआ उसके साथ बुरा बर्ताव करती थी वह सोच रही थी कि अब शायद … Read more

उम्मीदों का दिया बुझने मत देना (भाग 3) – मुकेश पटेल

सुनीता 6 महीने अपने मायके में ही रही और उसके बाद अब अपनी ससुराल चली गई थी।  लेकिन अभी भी सुनीता की ननंद यही पर थी। कुछ दिन के बाद ही सुनीता की सास की बहन यानी महेश की मौसी बच्चों को देखने आई हुई थी।  वो भी सुनीता की ननंद के लड़के को खूब … Read more

उम्मीदों का दिया बुझने मत देना (भाग 2) – मुकेश पटेल

समय बितता रहा महेश को भी इस बात का बिल्कुल भी भनक नहीं रहा कि घर में क्या हो रहा है नहीं हो रहा है उसे तो लगता था कि सब कुछ ठीक ही है।  माँ जो बोलती खरीद के ला देता था लेकिन महेश की मां अपनी बेटी को खिलाती रहती थी बहू को … Read more

उम्मीदों का दिया बुझने मत देना (भाग 1) – मुकेश पटेल

सुनीता और उसकी ननद नैना की शादी एक साथ ही हुई थी और किस्मत से दोनों एक साथ ही मां बनने वाली थी।  नैना के ससुराल में उसकी सास नहीं थी बस उसके ससुर और उसके हस्बैंड थे इसलिए नैना को नैना की मां यानी कि सुनीता की सास ने अपने पास ही बुला लिया। … Read more

बेवफाई- एक दंश (आखिरी भाग) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : अविनाश सोचने लगे कि  ये मेरा माया के प्रति प्यार है या उस सच का असर जिसे माया ने मुझे बताया। अगर मैंने उससे सच्चे मन से चाहा होता तो मैं ये गुनाह कभी नहीं करता। छह महीने तक मैं उसे धोखा देता रहा। प्यार तो उसने किया मुझसे बिना … Read more

बेवफाई- एक दंश (भाग-2) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : पिछले भाग में आपने पढ़ा कि डाक्टर माया को अपने पति अविनाश और दीपिका के अवैध संबंधों का पता चल जाता है अब आगे– अपना सूटकेस लेकर माया घर से निकली कदम बोझिल थे। जा कर  पार्क में बैठ गई। आंखें बंद करके चुपचाप बैठी हुई सोचने लगी अपने पुराने … Read more

बेवफाई- एक दंश (भाग-1) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सुनो! तुम्हारा ये माया नाम मुझ पर जादू सा कर देता है। तुम्हारी ये हंसी तुम्हारे गालों में पड़ते गड्ढे और ये कंचन काया सच कहूं ! तो तुम्हारे आगे मुझे कुछ दिखता ही नहीं ऐसा कह कर अविनाश उसे अपने बाहुपाश में बांध चुके थे। सुबह-सुबह गीले बालों की … Read more

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