बेवफाई- एक दंश (भाग-1) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सुनो! तुम्हारा ये माया नाम मुझ पर जादू सा कर देता है। तुम्हारी ये हंसी तुम्हारे गालों में पड़ते गड्ढे और ये कंचन काया सच कहूं ! तो तुम्हारे आगे मुझे कुछ दिखता ही नहीं ऐसा कह कर अविनाश उसे अपने बाहुपाश में बांध चुके थे। सुबह-सुबह गीले बालों की फुहार से उसने उनका चेहरा भिगो दिया था।

जनाब! आपकी बीवी होने के साथ-साथ मैं एक gynaecologist भी हूं। माया ने कसमसाते हुए उनके बाहुपाश से छूटने की कोशिश की तो वो मुस्कुरा उठे सच में छूटना चाहती हो या सिर्फ बहाना कर रही हो उसने हंसते हुए अपने को छुड़ा कर उनकी नाक पकड़ते हुए कहा “माई हैंडसम हसबैंड” आपके लिए “बेड टी” लेकर आई हूं शादी को दस साल हो चुके हैं कोई कल हमारी शादी नहीं हुई है। मुझे आज एक ऑपरेशन के सिलसिले में जल्दी निकलना है।

आपके कपड़े निकाल चुकी हूं नाश्ता रेडी करवा दिया है। और ये सुबह की चाय खुद बनाई है। आज आपकी मीटिंग डाक्टर सिंह के साथ है। हां आज एक ओपन हार्ट सर्जरी है अविनाश जल्दी जल्दी चाय पीने लगे। तो “फेमस हार्ट  सर्जन” “the अविनाश कपूर” अपना काम छोड़कर सुबह सुबह रोमांस करेंगे। क्यों ???

मैडम हमारे पास दिल नहीं है क्या??? हमारे हार्ट की सर्जरी तो आप ही करेंगी। अविनाश ने उसका माथा चूम लिया। रोमांस कभी फीका नहीं पड़ने देना चाहिए। कल तो तुम थक गई थी पर कल की कसर आज…. अच्छा जी! वो भौंहें सिकोड़ कर उन्हें मुंह चिढ़ा कर हंसती हुए निकल गई। ड्राइव करते हुए सोच रही थी कि वो कितनी खुशनसीब है कि अविनाश उसके पति हैं अचानक से उसकी आंखें भर आईं। शादी को दस साल हो चुके हैं पर उसकी गोद अभी

अकूत संपत्ति सब सुख सुविधा पर आंगन सूना है उसने अविनाश से बच्चा गोद लेने की बात की पर वो चुप हो जाते हैं।

उनकी नाराजगी के डर से वो कुछ नहीं कहती।

आज जब तक उसने यूट्रस रिमूव सर्जरी खत्म की तब तक लंच टाइम जा चुका था। सोच रही थी कि वो चाय के साथ एक सैंडविच खा लेगी।

माया! पीछे से डाक्टर शोभना ने आवाज दी। मुस्कराते हुए बोली चलो साथ में चाय पीते हैं आजकल बहुत बिजी हो।

उसने मुस्कुराते हुए कहा नहीं ऐसी कोई बात नहीं है।

दोनों अच्छी दोस्त थी।

चाय की चुस्की लेते हुए शोभना बोली आज-कल तुम क्लब नहीं आती।

बस यूं ही थकान हो जाती है। फिर शाम का वक्त रोज तो नहीं पर कभी कभी अविनाश के साथ गुजरता है।वो बहुत बिजी रहते हैं पर जिस दिन जल्दी आते हैं उस दिन घर पर उनका इंतजार करना अच्छा लगता है।

तुमसे एक बात कहनी थी।

गलत मत समझना आजकल अविनाश और डाक्टर दीपिका की दोस्ती पर लोग क‌ई तरह की बातें कर रहे हैं। कुछ कलीग्स ने मुझसे भी कहा।

मैं कुछ समझी नहीं।

डियर! कभी किसी पर इतना भरोसा मत करो कि दिल टूट जाए।

आज उसका दिल घबरा उठा था। नहीं नहीं अविनाश ऐसा नहीं कर सकते वो उसे बहुत प्यार करते हैं।

कुछ दिनों से क‌ई बार लेट हो जाते हैं क‌ई बार डिनर नहीं करते। रात को भी वह व्यवहार बदला हुआ महसूस करती है। पर सोचती है शायद काम का प्रेशर है।

वो उन्हें जान से भी ज्यादा प्यार करती है।

नहीं, नहीं

हम दोनों के बीच किसी तीसरे के लिए कोई जगह नहीं है।

छि! मेरा मन भी खराब कर दिया। उसने अपने सिर को झटका दिया

ऐसा सोचते हुए वह do not disturb के साइन को अनदेखा करते हुए अविनाश के रूम में चली गई।

वहां का नजारा देख कर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।

दीपिका अविनाश के बेहद करीब थी। अविनाश के कंधे से चिपकी हुई अविनाश ने उसे सीने से लगा रखा था।

उसकी अप्रत्याशित उपस्थिति से दोनों हड़बड़ा ग‌ए।

दीपिका को अनदेखा करते हुए वह अविनाश से बोली मैं घर जा रही हूं आपको यही बताने आई थी।

आधा घंटे बाद अविनाश घर पहुंच गए।

वो बहुत रो चुकी थी।

अविनाश रूम में आए और उसकी बगल में बैठ ग‌ए।

कुछ लम्हे खामोश गुजर ग‌ए।

मुझे तुमसे कुछ कहना है। उन्होंने उसके कंधे पर हाथ रखा। उसने उनका हाथ झटक दिया।

माया ! दीपिका और मैं

तो धोखा देने की क्या जरूरत थी?? आज तक हमेशा आपकी हर इच्छा पूरी की है। तो ये भी…. उसके आंसू बह चले।

कब से चल रहा है ये सब???

हम दोनों पिछले छह महीनों से एक साथ हैं। अविनाश का स्वर डूबा हुआ था।

वो मेरे बच्चे की मां बनने वाली है।

क्या ???

अचानक से अपने आंसू पोंछ कर वो हंस पड़ी।

अविनाश हैरत से उसे देखने लगे।

वो थके कदमों से खड़ी हुई।

उसने अलमारी का लॉकर खोला उसमें से एक फाइल निकाली और अविनाश के आगे रख दी।

खोलिए!

कुछ साल पहले मैंने अपना चेकअप करवाया था उसी

की रिपोर्ट है।

अविनाश ने कांपते हाथों से फाइल खोली पढ़ते पढ़ते उनके चेहरे का रंग उड़ गया।

माया की रिपोर्ट बिल्कुल सही थी। उसके अंदर कोई कमी नहीं थी

तो क्या कमी उनके अंदर है??

तो फिर वो बच्चा??? अविनाश के मुंह से निकला

अपनी जांच जरूर करवाइए।

माया ने शांत स्वर में कहा

मैं आपको चोट नहीं पहुंचाना चाहती थी इसलिए चुप रही।

चाहती तो आपको सब कुछ बता कर आपको टैस्ट करवाने के लिए कह सकती थी। कभी कहने का सोचा भी पर आप हर्ट न हों इसलिए चुप हो गई।

बच्चा गोद लेने की बात पर हर बार आपकी चुप्पी को आपकी ना का इशारा समझती रही।

और मैं बेवकूफ! मुझे तो प्यार के आगे मुझे कभी कुछ दिखा ही नहीं। परिवार के ताने जो कुछ सहा सब आपके लिए क्योंकि आप पर इल्जाम लगना ….. मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती थी। उसकी हिचकियां बंध गई।

खैर कोई बात नहीं आपको आपके होने वाले बच्चे की बहुत बहुत बधाई!

पर अब मेरा और आपका रिश्ता मैं यहीं खत्म कर रही हूं।

हां एक वादा आपसे करती हूं कि आपकी ये सच्चाई कभी किसी को पता नहीं चलेगी।

ये सब उस बेपनाह मुहब्बत की खातिर जो मैंने आपसे की थी।

मैं एक सफल डॉक्टर हूं आपसे किसी चीज की कोई इच्छा नहीं है।

हमेशा खुश रहिएगा अपने होने वाले बच्चे के लिए दीपिका के लिए

एक व्यंग के साथ ऐसा कह कर वह अविनाश को उनके धोखे के साथ एक झटके में पीछे छोड़कर बाहर निकल गई।

अगला भाग

बेवफाई- एक दंश (भाग-2) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

© रचना कंडवाल

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