“पिता का दर्द” – डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : मीनू जल्दी-जल्दी घर का जरूरी सामान लेकर भागी जा रही थी।  शाम होने को थी। समय हो गया था बाज़ार बंद होने का। हड़बड़ी में  उसने कुछ लिया और कुछ छूट गया। आधे रास्ते पर आई तो याद आया कि घर में आलू नहीं है। अब क्या करें ,बेटा तो … Read more

भगवान के घर देर है पर अंधेर नही   : Moral stories in hindi

moral stories in hindi : सपना जैसे ही अपने मायके पहुंची तो भाई भाभी ने बहुत ही अच्छे से उसका स्वागत किया। भाभी आग्रहपूर्वक चाय नाश्ता करवा रही थी,भाई भी बहुत अपनेपन से बात कर रहा था। पिछले कुछ दिनों से भाई भाभी उसे मिलने आने के लिए लगातार फोन कर रहे थे। भाई भाभी … Read more

रिश्तों का सम्मान – लतिका श्रीवास्तव   : Moral stories in hindi

moral stories in hindi : ओहो रामू तीन दिनों से समझा रही हूं तुझे कि वो एसी वाला कमरा राजन बाबू के लिए तैयार करना है ये नई वाली चादरें भी उसी कमरे के लिए निकाली थी मैने… तूने यहां इस कमरे में क्यों बिछा दीं..सुमित्रा जी रामू पर बिगड़ रही थीं। वो मां जी … Read more

एक पवित्र प्रेम कथा –   डा. नरेंद्र शुक्ल  : Moral stories in hindi

moral stories in hindi : यह राकेश और हिरोशिमा की कहानी है । हिरोशिमा अच्छी लड़की है । राकेश भी अच्छा लड़का है । दोनों में एज़ डिफरेंस है । राकेश 40 साल का है । हिरोशिमा 24 साल की है । राकेश हिरोशिमा से प्यार करता है । हिरोशिमा भी राकेश को देखकर मुस्कराती … Read more

मुझे बचा लो.. पापा –   हेमलता गुप्ता  : Moral stories in hindi

moral stories in hindi : ईशा के पापा का बस चलता तो वह कभी अपनी बिटिया को पराए घर नहीं भेजते, पर क्या करें समाज की रीत ही ऐसी है कि 1 दिन अपने नाजो पली लाडो को दूसरे घर भेजना ही पड़ता है! मध्यमवर्गीय रमाकांत जी तो चाहते थे, कि उनकी बिटिया के लिए … Read more

घर आंगन- सोनिया अग्रवाल  : Moral stories in hindi

moral stories in hindi : ढोलक पर पड़ती चम्मच की थाप और महिलाओं द्वारा गाया जा रहा गीत,“ यह गलियां यह चौबारा यहां आना ना दोबारा” रह रह कर अंजना को अपना ही घर अंजाना सा होता हुआ महसूस करा रहा था। बस दो ही दिन तो शेष थे, उसके बाद तो वह सच में … Read more

मेरा घर -मेरे बच्चे- कुमुद मोहन : Moral stories in hindi

moral stories in hindi : देविका जी उम्र के आठवें दशक  में अपने आलीशान मकान के  बरामदे में अकेली बैठी बाहर होती घनघोर बारिश देख रही थी!बिजली चमकने और बादलों की घड़घड़ाहट से उनका बूढ़ा शरीर डर के मारे रह रह कर कांप जाता! आंघी की वजह से लाईट भी चली गई थी! बैठे बैठे … Read more

ऐसी आजादी किस काम का – वीणा सिंह  : Moral stories in hindi

moral stories in hindi : निशा आंटी के आंखों से अनवरत आंसू गिर रहे थे.. जिसमें दुःख पश्चाताप और शर्मिंदगी सब मिले जुले थे..मैं भी अपनी बचपन की सहेली नेहा की मौत से बहुत दुःखी थी…एक सप्ताह के लिए आई थी घर थोड़ा रिलैक्स करने पर…सुधीर अंकल दिल का दौरा पड़ने के कारण आईसीयू में … Read more

शक- अविनाश स आठल्ये : Moral stories in hindi

moral stories in hindi : लखनऊ शहर यूँ भी अपनी  रंगीन शामों के लिये नवाबों के ज़माने से मशहूर हैं… आज की शाम कुदरत भी कुछ ज्यादा मेहरबान थी, फ़रवरी दूसरा सप्ताह चल रहा था..शाम के तकरीबन साढ़े पांच का वक्त हो रहा था। गुलाबी ठंड भी जा चुकी थी, अब तो लम्बी आस्तीन के … Read more

अधूरी किस्मत – अविनाश स आठल्ये : Moral stories in hindi

moral stories in hindi : सॉरी मिस्टर दीपक, आपके पास इस जॉब के लिए पर्याप्त अनुभव न होने के कारण हम आपको नौकरी नहीं दे सकते.… सेठ महेशपाल के सीनियर अकाउंटेंट ने कहा। दीपक हताशा में अपनी फाइल लेकर पैदल ही घर तक जानें लगा, एक बार फ़िर से वह असफल साबित हुआ…आख़िर क्यों बार-बार … Read more

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