भगवान के घर देर है पर अंधेर नही   : Moral stories in hindi

moral stories in hindi : सपना जैसे ही अपने मायके पहुंची तो भाई भाभी ने बहुत ही अच्छे से उसका स्वागत किया। भाभी आग्रहपूर्वक चाय नाश्ता करवा रही थी,भाई भी बहुत अपनेपन से बात कर रहा था। पिछले कुछ दिनों से भाई भाभी उसे मिलने आने के लिए लगातार फोन कर रहे थे। भाई भाभी का ये बदला रूप देखकर सपना भावुक हो गई और अतीत में खो गई।

 तीन बहनों में वह सबसे छोटी थी, बाकी दोनो बहने देखने में सुंदर थीमां की तरह ,परंतु सपना पिता पर गई थी ,इस कारण उसके साधारण नैन नक्श थे और रंग भी काफी दबा हुआ था ।पढ़ाई में भी अच्छी नहीं थी।

घर के कामों में और सिलाई कढ़ाई में बहुत अच्छी थी , परंतु हमारे समाज में सबको सुंदर और पढ़ी लिखी लड़की चाहिए।इस कारण शक्ल सूरत के चलते बहनों की शादी अच्छे संपन्न परिवारों में हुई। सपना की शादी के लिए मां पिता को बहुत परेशानी हुईं।आखिर में एक छोटी सी नौकरी वाले लड़के से उसकी शादी हो गई । 

शादी के  कुछ दिनों बाद तक तो वह अपने पति के साथ छोटी नौकरी में खुश रही परंतु थोड़े ही दिन बाद उसके पति जिस कारखाने में काम करते थे वो बंद हो गया ।उसके पति पवन ने दूसरी नौकरी की बहुत कोशिश की पर कोई नहीं मिली। आखिर में पति पत्नी ने अपना खुद का छोटा सा काम शुरू किया जिससे उन लोगो का गुजारा हो जाता था।

धीरे धीरे उनकी  गृहस्थी भी बढ़ी ,दो बच्चे भी हो गई।इस बीच मायके में माता पिता भगवान को प्यारे हो गए ।भाई भाभी का व्यवहार एकदम बदल गया। सहायता तो दूर की बात अगर वो कभी बच्चो को लेकर अपने मायके जाती तो भाई भाभी  सपना और उसके बच्चो से उपेक्षित व्यवहार करते जबकि उसकी बहने पर उनके बच्चो का विशेष ध्यान रखते।

बहने भी अपने पैसों का घमंड दिखाती थी। धीरे धीरे उसने जाना काम कर दिया मायके वाले तो यही चाहते थे परंतु कहते हैं कि भगवान के घर देर है पर अंधेर नही है ।भगवान की कृपा से उसके बच्चे पढ़ने में बहुत ही अच्छे थे । मेधावी होने के कारण पढ़ाई में हमेशा वजीफा मिलता रहा । बाद में बेटी डॉक्टर और बेटा अभियंता बन गया ।

सपना के दिन बदल गए , दिनो के बदलते के साथ ही भाई भाभी और बहने भी बदल गईं। जिन भाई भाभी ने हमेशा पक्ष पात किया  ,कभी भी तीनों बहनों को एक नजर से नहीं देखा, अब उसके साथ स्नेह दिखाने लगे है ।

कहावत है कि बेटी कितनी भी संपन्न क्यू ना हो ,वो हमेशा मायके में  प्यार और सम्मान चाहती हैं।वो हमेशा मायके से जुड़ी रहना चाहती हैं इसलिए आज सब कुछ भूलकर और मन में भाई भाभी को क्षमा करके सपना पूरे खुले दिल से भाई भाभी से मिल रही थी।उसका ऐसा व्यवहार देखकर वो लोग भी मन ही मन अपने किए पर शर्मिंदा हो रहे थे । 

# एक आंख से देखना

ममता भारद्वाज

गाजियाबाद

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