एक माँ अकेली भी बच्चे की परवरिश कर सकती है- संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :” क्या होगा अब सुनयना का उम्र ही क्या है अभी पेट मे बच्चा और पति साथ छोड़ गया बेचारी के साथ बड़ा अन्याय किया विधाता ने !” सुनयना के पति रघु की दुर्घटना मे मृत्यु के बाद शोक व्यक्त करने आई मोहल्ले की औरतें आपस मे बात कर रही थी। … Read more

सारे अधिकार दीदी को ही क्यों – नमिता झा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “क्या है मांँ? इस घर की बड़ी आप हैं या दीदी? हर बात के लिए मुझे दीदी से क्यों परमिशन लेनी पड़ती है? दीदी कौन होती है ये बताने वाली कि मैं अपने दोस्तों के साथ पिकनिक पर जा सकती हूंँ या नहीं?” सोनल ने ये पहली बार अपना विरोध … Read more

अधिकार – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ऑफिस की तरफ से दस दिन के लिए राजेश को शहर से बाहर जाना था.. राजेश थोड़ा परेशान से लग रहे थे … मैं और दोनो बच्चे शुभम और शुभांगी, जो एक महीने के सेमेस्टर ब्रेक में घर आए थे बेहद खुश थे.. पापा नही रहेंगे तो खूब मस्ती करेंगे … Read more

नाम डुबो दिया – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “अरे कहाँ है गिरधारी, क्या कर रहा है? ” बिहारी बाबू घर में घुसते हुए जोर से बोले |        “मैं तो घर में ही ं हूँ भैया | प्रणाम करता हूँ|आइये बैठिए |” गिरधारी बाबू  अपने कमरे से बाहर आते हुए बोले |           ” खुश रहो , पर ये तो … Read more

वसीयत ( अंतिम भाग ) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अभी तक आपने पढ़ा कि विमल जी अपने बच्चों को अपनी वसीहत में किये गए फैसले सुनाते हैं… हर फैसले पर बेटों , बहुओं को कुछ ना कुछ आपत्ति होती हैं… जैसे ही घर के जेवरों की बात चलती हैं तो दोनों बहुएं रानी और काजल बिल्लियों की तरह लड़ने … Read more

वसीयत ( भाग – 3 ) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अभी तक आपने पढ़ा कि विमल जी को एहसास हो रहा था कि वो अब इस दुनिया में ज्यादा दिन के मेहमान नहीं हैं.. यह देख उन्होने अपने दोनों बेटे नितिन, अनुज और बेटी राखी को अपनी वसीहत सुनाने के लिए बुलवा लिया…. सभी निर्धारित समय पर आ गए … … Read more

वसीयत ( भाग – 2 ) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अभी तक आपने पढ़ा विमल जी अपनी दिन प्रतिदिन बिगड़ती हुई तबियत देखकर अपनी पत्नी सुशीला से कहकर अपने दोनों बेटों अनुज और नितिन को बुलवा लेते हैं.. बच्चों को देख विमल जी भाव विभोर हो ज़ाते हैं… तभी अचानक से फिर से उनकी तबियत बिगड़ती हैं… पत्नी से बेटी … Read more

वसीयत – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : एक बार विमल जी बीमार हो गए… उन्हे लगा अब अंत समय पास ही हैं… सोचा… मेरे मरने के बाद मेरे बच्चे घर की जमीन जायदाद का लेकर झगड़ने ना लगे.. क्युंकि ये पैसा सगे भाईयों में भी दरार पैदा कर देता हैं… उनके जाने के बाद कहीं बच्चे ,,उन्होने सालों … Read more

अपना अपना अधिकार – लतिका श्रीवास्तव : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : राघव जी मंदिर की सीढ़ी चढ़ते चढ़ते हांफने लग गए तो थोड़ी देर के लिए बैठ गए बस हो गई हिम्मत खत्म अरे क्यों इतनी कठिन मनौती मान लेते हो जब पूरी करनी इतनी कठिन हो सुनंदा ने भी साथ में ही बैठते हुए टोक दिया था अरी बावरी … Read more

अधिकार – डाॅ संजु झा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :..बाजार में रंग-बिरंगी राखियाँ देखकर ऊषा को आभास हो गया कि सावन का महीना आ चुका है।पूरी खरीददारी कर चुकने के बाद  हर वर्ष की भाँति ऊषा के  कदम राखी की दुकान पर थम गए। उसने बिना भोल-भाव किए एक खूबसूरत-सी राखी ले ली और घर वापस आ गई।  शाम हो … Read more

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