परिचित – सुनीता परसाई : Moral stories in hindi

सुबह का नजारा बड़ा लुभावना था।शुभी को लग रहा था, जैसे आकाश एकदम स्वच्छ है। सूरज का रूप आज ज्यादा सुनहरा हो गया है। कल ही समीर से मुलाकात हुई थी। समीर ने अस्पताल के दरवाजे पर मिलने पर हाथ जोड़कर “नमस्ते” कहा,शुभि ने जवाब नहीं दिया आगे बढ़ने लगी, समीर की पत्नी रूही बोली … Read more

अंगूठी खो गई – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

सुमी के हाथ से आज बड़ा नुकसान हो गया था, उसे बहुत दु:ख हो रहा था। वह घबरा रही थी,उसका रोना रूक नहीं रहा था, घर में कोई था भी नहीं जो उसे दिलासा देता। उसके हाथ से दो तोले की सोने की अंगूठी कहीं गुम गई थी।अभी छ महिने पूर्व ही उसका विवाह विवेक … Read more

सबक – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

हुर्रे!हम पिकनिक पर जा रहे हैं..खुशी से उछलते हुए शिवम ने कहा तो उसकी बहन रिदिमा चौंक गई। “क्या सच में?”पापा तो कह रहे थे कि ये उनकी ऑफिस ट्रिप है वो हमें साथ नहीं ले जा सकते? नहीं..दीदी!मैंने रिक्वेस्ट की तो पापा को मानना पड़ा।शिवम खुश होता बोला। चल पगले!ऐसे भी कहीं होता है, … Read more

दादी आज भी दुआएँ ना दोगी ? – रश्मि प्रकाश: Moral stories in hindi

नन्ही मासूम पीहू क्या ही जानती थी कि उसे दुआएँ देने की जगह कोसा जा रहा है आज तो उसका जन्मदिन है पर हर साल की भाँति दादी की तरफ से उसे तोहफे में बस बद्दुआएं ही नसीब होने वाली है । तीन साल की पीहू ये सब क्या ही जाने कि दादी उसके जन्मदिन … Read more

समयच्रक – रोनिता कुंडु : Moral stories in hindi

मम्मी जी.. मैं अपने मायके जा रही हूं… मम्मी की तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई है… भैया उन्हें अस्पताल भी लेकर गए थे और अभी-अभी उन्हें घर लेकर वापस आए, मुझे तो पहले कुछ बताया ही नहीं… अभी भैया की भी खबर लूंगी इतना कुछ हो गया और मुझे बताना जरूरी नहीं समझा भैया … Read more

सास का रवैया – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

आज नीलम घर लौट रही थी।उसे लग रहा था। समय चक्र भी इतिहास दोहराता है उसे सब एक- एक करके बातें याद आ रही थी जो उसने कल और आज देखा न जाने आने वाला कल क्या दिखाए•••• नीलम वो यादों में खो गई।जब उसकी शादी हुई तो उसे सिर ढकने कहा जाता था। एक … Read more

बड़बोली – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

कमरे में चारों ओर बैठी औरतें और ख़ासतौर पर युवतियाँ नीरजा की बातों को सुनकर सम्मोहित हो गई थी । उम्र भले ही ढलान पर थी पर  दिल कभी बूढ़ा नहीं होता । अधेडावस्था को पार करती हुई पार्वती बोल पड़ी—- हाय! जीणा तो सहर की लुगाइयों का , यहाँ तो सारा दिन खाओ ना … Read more

समयचक्र – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

गिरधारीलाल जब से गांव से शहर आगरा आए थे उनकी किस्मत चमकने लगी थी।गांव में खेती बाड़ी करके घर का गुज़ारा होता था।जब तक उनके पिताजी थे तब तक तो ठीक था।कयोंकि खेती में मेहनत तो पूरी करनी पड़ती थी परन्तु नफा उतना नहीं मिलपाता था ।फिर कभी बारिश कम होने से सूखा या बारिश … Read more

समयचक्र – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“ई फोन भी ना, बजता है तो बजता ही चला जाता है। कोनो बच्चा भी घर में नहीं है, ई संजना भी ना जब आएगी कोनो ना कोनो नया चीज पकड़ा कर चल जाएगी।” अपनी बड़ी सी कोठी के आकार के घर के ओसारे पर सूप में चावल लिए बीनती विमला बड़बड़ा रही थी। “जी … Read more

पुरानी सुंदर यादें – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

काफी पुराना किस्सा है। मेरी दादी की एक पक्की सहेली थी जिनका नाम था सरला। उनके बड़े बेटे सुनील का विवाह हो चुका था और अब उनके छोटे बेटे हितेश की शादी थी। हमारे घर विवाह का निमंत्रण पत्र आ चुका था। दादी की सहेली को हम लोग दादी जी ही बुलाते थे।  मेरे डैडी … Read more

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