हमारी कोई मांग नहीं है… – संगीता त्रिपाठी

बड़े दिनों बाद कीर्ति बुआ जी से कल मुलाक़ात हुई, कीर्ति बुआ हमारे पापा की चचेरी बहन है हालचाल लेने के बाद मैंने बुआ जी से पूछा, “बुआ जी नितिन की शादी कब कर रही हो आप…??    “जब ढंग की लड़की मिल जाये “दार्शनिक अंदाज में बुआ जी ने जवाब दिया।      “ढंग की…. क्या मतलब … Read more

अनचाही नही हमारी चाहत है हमारी बेटी – संगीता अग्रवाल 

” सुनो इस महीने मुझे पीरियड्स नही आए मुझे डर लग रहा है !” सुगंधा अपने पति नवल से बोली। ” ऐसे कैसे पर …हमने तो .. खैर तुम डॉक्टर के पास जाओ हो सकता है कोई हार्मोन्स के बदलाव के कारण हो ये सब !” नवल  पत्नी से बोला। ” नही तुम मुझे किट … Read more

“चाहत कि जिस काम में खुशी मिले वो करना चाहिए!” – ज्योति आहूजा

क्या बात राधिका? आजकल ध्यान कहाँ रहता है तुम्हारा? आलू पराठे में नमक इतना तेज़ डाल दिया है। सास मालती देवी ने किचन में खड़ी बहू को कहा। रविवार का दिन था। सभी घर पर ही थे। बच्चों का स्कूल भी नहीं था। दादी की बात सुन छोटा बेटा सक्षम तुरंत बोला हाँ मम्मी कल … Read more

चाहत -मुझे सोने का पिंजरा नहीं बल्कि मेरे सपने को पंख चाहिए •••• – अमिता कुचया

रोली को  देखने लड़के वाले आने वाले थे।घर में बहुत सारी तैयारियां चल रही थी ।घर में लड़के वाले के सामने कोई कमी नहीं होना चाहिए । रोली की मां ने कहा••• इतना सुनते ही पापा बोलने लगे – “हां- हां ये रिश्ता तो हो ही जाएगा। हम लड़के वालों की खातिरदारी में कोई कसर … Read more

मुझ पर झूठा इल्जाम मत लगा…. – भाविनी केतन उपाध्याय

  ” सुधा, तुम्हारी चेहरे की स्किन इतनी चमक रही है जैसे जवानों को होती है….. चेहरा भी खुशी से दमकता रहता है… हर वक्त इतनी खुश इतना मैइंटैन कैसे रखती है अपने आप को ? मुझे देखो मैं भी तुम्हारी अड़सठ साल की ही हूॅं…. पर ना चेहरे पर खुशी या ना ही कोई … Read more

जीने की चाहत  – अनीता चेची

‘गौरी जल्दी करो 5:00 बज गए, मंदिर पर फिर भीड़ लग जाएगी और हमें स्कूल जाने में दूर हो जाएगी।’ ‘ आती हूॅं बाबा मंजू तुम भी शोर मचा देती हो,  एक घंटे में हम घर वापस आकर स्कूल पहुॅंच जाएंगे  भोलेनाथ पर सबसे पहले जल मैं ही चढ़ाऊॅंगी   ,जरा धीरे बोल पिताजी ने … Read more

 ये कैसी चाहत – गुरविंदर टूटेजा

तान्या बेटा हम तुम्हारी भलाई के लिए ही बोल रहें हैं…तुम्हें समझ क्यूँ नहीं आ रहा वो लड़का तुम्हारे लिए सही नहीं हैं…मैंने दुनिया देखी हैं मेरा तजुर्बा ये कहता हैं कि वो तुम्हारा साथ नहीं देगा…!!!! पापा प्लीज़ आप मेरी बात मानियें वो मुझे बहुत चाहता हैं कभी मेरे साथ गलत नहीं करेगा…पापा आप … Read more

दिसंबर का वो आखिरी दिन…. – रूचिका राणा

अपने ऑफिस में बैठा सुबह से ही फाइलों में उलझा हुआ था कि तभी दरवाजा खटखटाने की आवाज हुई और चपरासी ने आकर बताया कि बाहर कोई मेरा इंतजार कर रहा है। कहीं ना कहीं मैं जानता था कि कौन होगा लेकिन फिर भी यह जानने को उत्सुक था कि कौन होगा।     मैं तेज कदमों … Read more

* बंधनमुक्ति* – नीरजा नामदेव

      मयूरा जैसा नाम वैसी ही अप्रतिम नैसर्गिक सुन्दरता प्रदान की थी ईश्वर ने। उसे प्रकृति से बहुत गहरा लगाव था ।नदी , झरने, पहाड़, पेड़ों को  निहारना उसे बहुत ही अच्छा लगता था । समय आने पर उसका विवाह एक सरकारी अफसर मिलिंद से हुआ जिसका मूल स्थान पहाड़ों पर बसे एक गांव में  था … Read more

तलाश (अंतिम भाग ) (भाग 3 ) – अंतरा

अब तक आपने पढ़ा कि ..बाबा रोहिणी को तपोवन के बारे में बताते हैं जिसे वह ढूंढते हुए पहाड़ों पर आई थी  और रोहणी अब तपोवन की तलाश में चल पड़ी है.. तो आइए पढ़ते हैं अब आगे… रोहिणी बड़ी ही उत्सुकता से तपोवन को ढूंढ रही थी। चारों ओर बड़े बड़े पेड़ों और  झुरमुटों … Read more

error: Content is Copyright protected !!