जब विरोध करना सिखाया ही नहीं गया तो विरोध कैसे करूं,,,,, बेटी – मंजू तिवारी
मैं आप के गर्भ में आई आपको पुत्र मोह था आपने मुझे मरवा दिया तब तो मैं विरोध कर भी नहीं सकती थी मैं एक बेटी हूं बचपन से ही मुझे पालने के लिए सदैव समाज के परिवार के दोहरे मापदंड रहे,,,,, जब पैदा हुई तो मुझे बोझ समझा गया कभी भी शरीर को मजबूत … Read more