नियति -तरन्नुम तन्हा
मैं कला प्रदर्शनी में देख तो वह पेंटिंग रही थी, लेकिन मेरा ज़ेहन मेरी बेटी की ओर ही था। वैसे मैंने अब तक शादी तो नहीं की है, लेकिन ग्यारह वर्ष की बेटी है मेरी, चित्रांशी, जो कमाल के चित्र बनाती है। वह नौ वर्ष की थी जब मुझे चाँदनी-चौक में एक औरत के साथ … Read more