तनु वेड्स मनु – अनुपमा 

नमस्कार दोस्तों आज जो कहानी मैं आप सभी को सुनाने वाली हूं वो आज की कहानी नही है , ये घटना है आज से तकरीबन पचास साल पहले की या उससे भी पहले की , लेकिन उस वक्त अगर ये कहानी कोई सुनता तो ये किसी को भी स्वीकार नहीं होती , हां आज के परिवेश मैं भी थोड़ा मुश्किल है पर लोग कोशिश कर रहे सहज होने की , मेरे हिसाब से तो सब मन का धन है जब आपके साथ हो तो सहज स्वीकार ओर किसी और के साथ हो तो दस सवाल , खैर छोड़िए इन सब बातों को , तो आप सभी को मिलवाते है अपने कहानी के पात्रों से जिनका नाम है तनु और मनु , चलिए इस कहानी का शीर्षक भी रख लेते है ।

तनु वेड्स मनु 

तनु और मनु यूं तो बचपन से ही साथ है , साथ खेलते खेलते बड़े हुए थे , तनु मनु ज्यादातर समय साथ ही बिताते , स्कूल से घर , घर से खेत खलिहान , और जो भी काम करना होता साथ ही करते । तनु मनु के साथ लड़कों के सारे खेल खेलती गिल्ली डंडा जैसे और मनु भी तनु के साथ उसके सारे खेल खेलता घर घर , पचकुट्टे , और तनु तो अपने कपड़े मनु को पहना कर उसका श्रृंगार भी कर देती थी ,उसे मनु को लड़की बना देखना बड़ा अच्छा लगता था ।

दोनो कब बचपन से जवान हो गए पता ही नही चला , तनु और मनु की दोस्ती बहुत प्रसिद्ध थी , कोई भी गांव का व्यक्ति तनु को मनु के बगैर और मनु को तनु को बगैर कल्पना भी नहीं करता था । लोग तो ये भी कहते की तनु ससुराल भी साथ ले जाओगी क्या मनु को ।

मनु और तनु एक दूसरे को भलीभांति समझते थी खास तौर से मनु जाने कैसे वो तनु की हर बात बिन कहे ही समझ जाता था 

जाने कैसे तनु को अपनी कभी कोई भावना मनु को समझानी नही पड़ी ,एक लड़का किसी लड़की को ऐसे समझता था जैसे वो खुद उस भावना को भी महसूस कर सकता हो ।

घर वालों ने समय के साथ दोनो की एक दूसरे से शादी भी कर दी, ( इस कहानी मैं प्रेमविवाह मुद्दा नही है ) 

अब जब शादी हो गई दोनो की तो मनु की बात हर कोई करता था क्योंकि ऐसा पति दूर दूर तक न कभी किसी ने देखा था न सुना था

तनु तो शायद इस दुनिया की सबसे खुशनसीब लड़की होगी जिसे ऐसा पति मिला , उसका बचपन का दोस्त भी था , वो उसे जानती भी थी , और सबसे अलग बात वो तनु का इतना ध्यान रखता था की क्या कहे , तनु का जरा सा थकने पर उसके पैर दबा देता था , तनु को जो चाहिए हरसंभव ला के देता था , तनु का साज श्रृंगार भी कर देता था , तनु को बहलाने को खुद सज संवर  के उसका मन खुश कर देता था , तनु से लोग कहते भी की बचपन की बात और थी अब ये सब शोभा नही देता ,तनु कभी मनु से कहने का कुछ प्रयास करती पर वो कुछ कह नहीं  पाती थी ,तनु की तबियत खराब होती तो पल भर भी ओझल न होता , उसको उठने ना देता । मनु कहता की वो समझता है औरत होना कितना मुश्किल है ,पर तनु कभी समझ नही पाती । तनु जानती थी की मनु ने अपने बाप को हमेशा उसकी मां को मारते ,गाली देते कभी सम्मान करते नही देखा है , वो सोचती शायद इसी वजह से वो मेरा ज्यादा ध्यान रखता है ।

तनु के घर मैं उसकी छोटी बहन की शादी है , चारों तरफ खुशी का माहौल है , नाच गाना हो रहा है सभी लोग छोटी की शादी का इंतजाम मैं व्यस्त है , जगराते की रात सभी लोग ढोलक की थाप पर नाच गा रहे है , तनु भी नाच रही थी की मनु भी लड़की भेष मैं उसका साथ देने आ जाता है और नाचने लगता है , तनु और मनु को ऐसे देख सभी लोग हंसने लगते है और खूब मखौल उड़ता है । तनु शर्मिंदा होकर अपने कमरे मैं आकर रोने लगती है ,मनु भी उसके पीछे पीछे आकर उसे संभालने की कोशिश करता है , तनु उससे पूछती है की वो ऐसा क्यूं करता है , अब वो बड़ी हो गई है , बचपन की बात और थी अब हम पति पत्नी है , ओर शादी कोई खेल तो नही है , बचपन के खेल बचपन मैं ही अच्छे लगते थे अब नही और ये कह कर वो फूट फूट के रोने लगती है ।

मनु वापिस घर चला जाता है , अब वो ऐसा कुछ नही करता है जो तनु को अच्छा न लगे , एक रात तनु नींद से जागती है तो देखती है मनु उसके पास नही है तभी दरवाजा खुलने की आवाज से वो चौंक जाती है , उठ कर देखती है तो वो भी मनु के पीछे पीछे चल पड़ती है , मनु सजसंवर के कहीं जा रहा होता है , मनु मंदिर पहुंचता है और वहां श्री चरणों मैं  श्रृंगार का सारा सामान , साड़ी वो अर्पित कर रहा होता है और कहता है की प्रभु आपने मुझे ऐसा क्यूं बनाया , एक पुरुष शरीर मुझे दिया और अंदर से स्त्री बना दिया , इस समाज को यह कतई स्वीकार नहीं है कोई पुरुष स्त्री रूप व्यवहार करे ,पुरुष होकर स्त्री की भांति सोचे समझे , ऐसे लोगो को जिंदगी इस धरा पर नरक है प्रभु , मुझे लगता था तनु मुझे समझेगी जब पहली बार उसके साथ मैं उसके कपड़े पहन कर खेला था तभी मुझे एहसास हुआ की मैं तो बिलकुल उसके जैसा ही हूं और वो भी तो कितना खुश होती थी मुझे अपना सा पाकर , पर अब वो भी दुखी है मेरे ऐसा होने से , और मैं उसे दुखी नही देखना चाहता ,इसलिए प्रभु आज मैं अपने इस रूप को त्याग कर हमेशा के लिए आपके दिए पिंजरे को स्वीकार करने आया हूं । तनु ये सब सुनकर आश्चर्य चकित हो जाती है और चुपचाप घर आ जाती है ,तनु समझ ही नही पाती है की वो क्या करे किससे कहे । पर अब वो फिर से मनु के साथ बचपन के खेल धीरे धीरे खेलने लगती है पर सिर्फ घर के अंदर ही ।

#बैरी_पिया

 

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!