मां… – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

छोटा सा शहर जो गांव की संस्कृति और आत्मा को जिंदा रखा था वहीं जन्म हुआ था शांभवी का.. दादा दादी चाचा चाची सब एक हीं घर में एक साथ रहते थे.. पिता मां भगवती के उपासक थे .. पहली संतान जब बेटी हुई तो नाम रखा शांभवी! बेहद शांत सहनशील और ठंडे स्वभाव की … Read more

मेरा कसूर क्या था? – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

 भैया ने कुछ शादी के कार्ड थमाते हुये कहा, “लगे हाथ इसे भी बांटते आना, छोटू तुम्हारे साथ जा रहा है… तुम्हारी मदद कर देगा। “ छोटे बड़े सामानों की सूची… पैसा भाभी ने मुझे पहले ही थमा दिया था… ड्राइवर गाड़ी में थैले रख रहा था। आज ही मैं आई हूं। भैया की बेटी … Read more

झूठा प्यार – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

कॉलिज में घुसते ही नीता की नजरों ने सपन को तलाशना शुरू कर दिया,जब कहीं भी नहीं नजर आया तो क्लास रूम में आगई। क्लास रूम में आई,देखा सपन किसी किताब में नजरें गड़ाए बैठा था। ये लो मै पूरा कॉलिज छानआई जनाव की तलाश में और ये जनाव किताब पढ़ने में मश्गूल हैं। अच्छा … Read more

कजली – शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi

नौंवी में पढ़ती थी कजली।साधारण नैन नक्श वाली कजली घर का सारा काम निपटा कर विद्यालय आती थी।पांचवीं में थी,तब पिता चल बसे थे।मां को घर खर्च चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ती थी।ठेकेदारी में काम पर जाते हुए जवान विधवा औरत का जीना हराम हो गया था।उसी के साथ काम करने वाले एक मजदूर … Read more

बस अब और नहीं – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

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सात बजने को आये जूही अभी तक नहीं उठी थी घर में कोहराम सा मचा था। साथ ही पुष्पा जी चिल्ला रहीं थीं  कि महारानी की नींद नहीं हुई अभी तक आराम से सोई पड़ी है कब से चाय के लिए बैठे हैं। बच्चे अलग खुसर फुसर कर रहे थे  कि मम्मी अभी तक नहीं … Read more

प्यार का मौसम – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“नीले गगन के तले.. धरती का प्यार पले”, गुनगुनाता पार्थ अपनी मस्ती में चला जा रहा था। धरा गुनगुनाते पार्थ की आवाज़ सुनकर अपनी पढ़ाई छोड़ झट से अपने कमरे की खिड़की पर आ खड़ी हुई। पार्थ और धरा पड़ोसी थे.. . धरा स्नातक की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी और पार्थ इंजीनियरिंग पूर्ण कर … Read more

बहू का दर्द नाटक ही लगता है – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

“मम्मी जी, आज मेरा जी मिचला रहा है, और ये रोटी की गंध भी मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही है, आप ये रोटियां सेंक दीजिए, मैंने सब्जियां तो बनाकर रख दी है, और सलाद भी तैयार है।” मानसी ने आशा भरी नजरों से अपनी सासू मां को देखकर कहा। “ओहहह!! फिर से बंद करो अपना … Read more

इधर की उधर करना – संगीता अग्रवाल  : Moral stories in hindi

” तुम्हे पता है शालिनी कल संध्या और उसके पति में झगड़ा हो रहा था !” मीना अपनी एक पड़ोसन से दूसरी पड़ोसन के बारे में बात करती हुई बोली। ” अच्छा वो तो परफेक्ट कपल है जो कभी नहीं लड़ते …वैसे तुम्हे कैसे पता जबकि मैं भी उन्ही के पड़ोस में रहती हूं पर … Read more

एक सज़ा ऐसी भी – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

राधिका इस मोहल्ले मे अभी नई नई आई थी क्योकि वो एक सरकारी स्कूल मे शिक्षिका थी और उसका तबादला मेरठ से दिल्ली कर दिया गया था । उसके परिवार मे सास -ससुर, पति सौरभ और दो बच्चे खुशी और वत्सल थे क्योकि दोनो बच्चे आठवीं और दसवीं मे पढ़ते थे तो ऐसे अचानक स्कूल … Read more

अपनत्व भरा रिश्ता खोखला ही निकला – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

आज आसपड़ोस का हमारे जीवन पर बहुत ही प्रभाव पड़ता है, हम अनायास ही किसी की तरफ खिंचे चले जाते है। ऐसी ही मेरी सहेली शिवानी थी। शिवानी को लगता था कि उसके अंकल आंटी बहुत अच्छे हैं। उनके व्यवहार से लगता ही नहीं था, कोई वे गैर है या अपने नहीं है, धीरे- धीरे … Read more

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