अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 9 ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi
विनया जो कि कमरे से निकल कर सम्पदा के पीछे–पीछे बैठक में आकर बैठक की साफ सफाई में लग गई थी लेकिन उसके कान अंजना और संपदा की बातों पर ही लगे थे और चोर नज़रों से रसोई में खड़ी अंजना और संपदा के हाव–भाव के साथ साथ क्रियाकलाप भी देखना चाह रही थी। यूॅं … Read more