ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने -रश्मि सिंह Moral stories in hindi

सविता-बहू, मैंने तुझे हमेशा इतना प्यार दिया, हमेशा बेटी माना, तू अपनी माँ की एक बात नहीं मान सकती। प्रीति (सविता की बहू)-मम्मी आप कुछ भी माँग लो पर ये पाप मुझसे नहीं होगा। सविता-बस इस सुई को ही तो निकलना है, फिर सब दर्द-पीड़ा से मुक्ति मिल जाएगी। हर महीने के कीमियोथेरेपी का दर्द … Read more

मेरे बीमार होने से किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ता – रश्मि सिंह : Moral stories in hindi

दीपिका (फ़ोन पर)-बताओ मम्मी क्या है ? अभी मैं मीटिंग में थी, आप बार बार फ़ोन कर रही हो। सविता (दीपिका की माँ)-तूने आज ऑफिस जाते समय फ़ोन नहीं किया वैसे तो रोज़ करती है। दीपिका-अरे मम्मी आज मीटिंग थी तो जल्दी आना था कल रात आपको बताया तो था। अच्छा अब रखो मैं काम … Read more

ऊँचा खानदान – रश्मि सिंह : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : शिवेश-आज मैं तुम्हारे कहे अनुसार फिर जा रहा हूँ, पर अगर उन्होंने अबकी बार भी कुछ व्यंग कसा तो अच्छे सुनाकर आयुँगा। रीमा (शिवेश की पत्नी)-आप तो हमेशा ताव में रहते हो, लड़की वाले हो थोड़ा संयम रखा करो। आज के जमाने में रोहित जैसा लड़का मिलना मुश्किल है, और … Read more

परिवार और बच्चों के आगे तुम ख़ुद को भूल गई हो – रश्मि सिंह  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : देवांश-गीता कभी ख़ुद को आईने में देखा है, 30 की हो पर लगती 50 से कम नहीं। दिन भर बस बच्चों और मेरी हर चीज़ का ध्यान रखना। नाश्ता करोगी तो लंच नहीं, लंच किया तो डिनर नहीं। वेट भी इतना कम हो गया है।  गीता-आप क्या जानो, मेरे जैसे … Read more

सासु जी तूने मेरी कदर न जानी – रश्मि सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कविता-वर्षा गैस जल्दी बंद कर, दूध गिर जाएगा। वर्षा (कविता की बेटी)-अरे मैं सामने होकर भी नहीं देख पायी। कविता-तेरा केवल शरीर यहाँ है, मन तो कही ओर है। अच्छा मन तो जमाई राजा के पास होगा। वर्षा- नहीं मम्मी। मैं तो कुछ और सोच रही थी। कविता-शादी को सिर्फ़ … Read more

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