मेरे बीमार होने से किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ता है – करुणा मलिक   : Moral stories in hindi

कुसुम, पंद्रह दिन बाद बुआ भात नोतने के लिए आ रही है । अच्छे से तैयारियाँ कर लेना । यही कोई तीस पैंतीस लोग होंगे। तीस पैंतीस……? इतने लोगों का , मैं कैसे करूँगी?  पचास ही लोग होंगे कुल मिलाकर । घर के और पास पड़ोसियों को गिनकर । आपको तो पता ही है कि … Read more

प्यार तेरे लिए – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

सुवह उठ कर नोट्स बनाने में व्यस्त मीता के काम में व्यवधान उस समय पड़ा, जब मां की आवाज कानों में पड़ी,मीता नीचे आकर चाय नाश्ता कर लो ‘मॉं की आवाज को अनसुना करते हुए,मीता ने नोट्स बनाने में अपना ध्यान लगाया, क्योंकि लाइब्रेरी  में यह बुक वापस करने का आज आखिरी दिन था , … Read more

छांव प्यार की – अंजना ठाकुर  : Moral stories in hindi

नीरू जब से शादी हो कर आई थी तब से ही काम अपने सर पर ले लिया उसकी सास बोलती भी की बहु नई नई शादी हुई है अभी आराम करो राघव के साथ घूमने जाया करो उसे ज्यादा समय दो पर नूरी के मन मै बचपन का डर बैठा की काम नहीं किया तो … Read more

रितेश का फैसला – मंजू ओमर  : Moral stories in hindi

रितेश अपने साले को बाहर गाड़ी तक छोड़ कर जब अंदर आया तो देखा नुपुर मुनमुन की फोटो लिए आंसू बहा रही थी। रितेश ने नुपुर को गले से लगा लिया और आंसू पोंछते हुए समझाने लगा धीरज रखो नुपुर कितना रोओगी बस भी करो नहीं था अपनी किस्मत में मुनमुन,वो बस थोडे समय के … Read more

बीमार होने से फर्क पड़ता है… रश्मि झा मिश्रा  : Moral stories in hindi

“अरे मां…! कितनी बार कहा है… इतनी सुबह मत नहाया करो.. तुम हो कि तुम्हें कुछ सुनाई ही नहीं देता… क्या जरूरत है.. ठंडी में इतनी सुबह हड़़बड़ हड़़बड़ करने की… आराम से सब चले जाएं.. तब नहा लो.. धूप निकलने दो.. तब नहाओ….!” आदर्श अपनी मां रमा जी को लगभग डांटते हुए ही.. इतना … Read more

जीने के बहाने बहुत है- संगीता अग्रवाल’  : Moral stories in hindi

“माँ पापा कहाँ हैं आप.. ” रोणित ने घर आते ही आवाज़ दी. ” क्या बात है बेटा बड़े खुश नज़र आ रहे हो! ” स्मिता जी (रोणित की माँ) बोली. ” हाँ माँ खबर ही ऐसी है ”  ” अब बताएगा भी क्या खबर है.. ” सागर जी ( रोणित के पिता) बोले. ” … Read more

हर कदम पर तुम्हारा साथ दूंगा – कविता झा ‘अविका’  : Moral stories in hindi

आंटी रोटी… यह आवाज सुन पांच  साल की अंजलि दौड़ती हुई अपनी बालकनी में आई और अपनी एड़ी ऊपर उठाकर बालकनी की रेलिंग से झांकने लगी।  वो लड़का आज भी मैले फटे कपड़े पहने कांधे पर एक गंदी बड़ी सी बोरी टांगें गेट के पास खड़ा हो बड़ी ही हसरत से आवाज लगा रहा था। … Read more

मन की गांठ – संगीता त्रिपाठी   : Moral stories in hindi

 सुबह की खटर -पटर नहीं सुनाई देने से  सुहास की नींद देर से टूटी घड़ी आठ बजा रही, हेमा पर गुस्सा करने वाला था, देखा बगल में हेमा अभी तक सोई पड़ी है। हेमा को हिलाते हुये सुहास बोले “हेमा उठो आज अलार्म नहीं लगाया था क्या…? मुझे ऑफिस को लेट हो रहा “। तभी … Read more

पारखी नज़र – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

चलो भाई ! ये तो प्रकृति का नियम है । हम तो बहुत भाग्यशाली है कि हमारे ऊपर माँ- बाप का आशीर्वाद बना रहा   हाँ दीदी , अब आप हम दोनों भाइयों के लिए माँ समान है ।घर , खेत इत्यादि का इंतज़ाम कैसे करें ?  बेच देंगे । किसके पास इतनी फ़ुरसत है कि … Read more

खुला आकाश – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

    एक सामान्य निम्न मध्यम वर्ग परिवार में जन्मा विक्रम भी सामान्य और साधारण सा ही युवक था।अच्छे स्वास्थ्य का धनी विक्रम अपने माता पिता का चहेता था तो वह भी अपने परिवार के प्रति समर्पित था,परिवार क्या बस माँ और बापू ही तो थे।धनीराम जी ने पूरी जिंदगी में ले देकर एक छोटा सा घर … Read more

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