प्यार का मौसम (भाग 2 )- स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi
लेकिन जैसे ही आरोही उसके सामने आती तो उसके लबों पे एक सन्नाटा सा छा जाता था ।उसकी घबराहट देख आरोही बोल पड़ी !! लगता है मैं हिटलर हूँ ! “जो मुझे देख वीर की बोलती बंद हो जाती हैं , या फिर ये बस भाषण ही लिख सकता हैं “ । ये सुन ! … Read more