प्यार का मौसम (भाग 5)- स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

तभी प्रशांत अपने पापा के साथ आया और हम लोगों ने खूब बाते करी ।वीर ने उन्हें पहले ही बता दिया कि वो उनकी तरह अमीर नही हैं ,पर अपनी बेटी के लिए कुछ भी कर सकता हैं । मिस्टर वर्मा ने कहा -“मैं ये सब बातें नही मानता….मैं तो बस अपने बेटे की ख़ुशी … Read more

प्यार का मौसम (भाग 4 )- स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

नूरी ने कहा -माँ जी मैं आपसे कुछ नहीं छिपाना चाहती । मैं विजय से प्यार करती हूँ हम दोनो एक साथ काम करते है ,और शादी करना चाहते है । लेकिन बेला मेरी ज़िम्मेदारी है ! जब तक मैं इसे सुरक्षित रुखसत नहीं कर देती , तब तक मैं भी शादी नहीं करूँगी । … Read more

प्यार का मौसम (भाग 3 )- स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

माफ़ करना मुझे आने में थोड़ी देरी हो गयी ! कोई बात नहीं …….मैम सर आप बस इसे कभी कभार आकर थोड़ा पढ़ा दिया करे ताकि इसका मनोबल बना रहे । आपका बहुत आभार होगा । मै इसकी पढ़ाई की वजह से चिंतित रहती हूँ । वीर उसकी निःशब्द आँखो को ना कह ही नही … Read more

प्यार का मौसम (भाग 2 )- स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

लेकिन जैसे ही आरोही उसके सामने आती तो उसके लबों पे एक सन्नाटा सा छा जाता था ।उसकी घबराहट देख आरोही बोल पड़ी !! लगता है मैं हिटलर हूँ ! “जो मुझे देख वीर की बोलती बंद हो जाती हैं , या फिर ये बस भाषण ही लिख सकता हैं “ । ये सुन ! … Read more

प्यार का मौसम (भाग 1 )– स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

सोचो के झीलों का शहर हो उसमें अपना एक घर हो ..ये सुनने में जितना अच्छा लगता है। हक़ीक़त में झीलों का शहर सब उथल पुथल कर देता है । ये कहानी भी ऐसे ही झीलों के शहर की है ,जिसमें सब तैर कर पार जाना चाहते है ।वीर और आरोही दो नाम ,दो जान … Read more

error: Content is Copyright protected !!