ससुराल के चार दिन ( भाग -1)- माता प्रसाद दुबे : hindi Stories

hindi Stories : रवि की रेलवे में नौकरी लगने के बाद वह लखनऊ शहर में रेलवे कालोनी में अकेले ही रहता था, कुछ दिन तक उसके पास उसकी मां शांति देवी,बहन पायल,व भाई राजेश,बारी-बारी से उसके पास आकर रहते थे,और वापस गांव अपने घर चले जाते थे, रवि का मन भी गांव में ही रमा … Read more

सदा सुहागन रहो – पूजा गीत : Moral Stories in Hindi

मेरे पड़ोस में ६५ वर्षीय सलिल और उनकी ६२ वर्षीय पत्नी सुधा रहते हैं। मैं जब भी आंटी को प्रणाम कहती या तीज त्याहारों में पैर छूती, वो सदा सुहागन रहो, सौभाग्यवती भवः का आशीर्वाद देतीं। अंकल आर्मी से सेवानिवृत्त हैं जिसका असर उनके व्यक्तित्व में स्पष्ट देखा जा सकता है अर्थात वो काफी अनुशासनप्रिय … Read more

जाने कब जिंदगी में कौन सा मोड़ आ जाए, यह कोई नहीं जानता – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral Stories in Hindi

सुनीता पढ़ी लिखी लड़की थी लेकिन ना जाने किन परिस्थितियों वश वह एक छोटे से गाँव में व्याह दी गई। जो एक अत्यंत पिछड़ा गाँव था। वहाँ पर ना तो स्कूल था ना डाकघर ना ही अस्पताल।  फिर भी धीरे धीरे वह सामंजस्य बैठाने की कोशिश में लगी रहती थी। उसका पति तो और भी … Read more

“खुशियों की झालर” – कविता भड़ाना   : Moral Stories in Hindi

“मानवी बेटा जल्दी से तैयार हों जाओ तुम्हारे सब दोस्त आते ही होंगे”… शिप्रा ने अपनी बारह साल की बेटी से कहा और बाहर लॉन में पार्टी की तैयारियां देखने चली गई।  शिप्रा अभी बाहर आई ही थी की मानवी मम्मा मम्मा पुकारती हुई शिप्रा के पास आई और गुस्से से बोली, क्या मम्मा ये … Read more

हमें बस आपका आशीर्वाद चाहिए – अर्चना खंडेलवाल   : Moral Stories in Hindi

“रंजन बेटा, तेरे बाबूजी का चश्मा टूट गया है, आज नया बनवाकर ले आना, इन्हें अखबार पढ़ने में बहुत दिक्कत होती है।” निर्मला जी ने अपने बेटे से कहा। “ठीक है, मम्मी दे दो समय मिला तो बनवा लूंगा, और वो चश्मे का फ्रेम लेकर चला गया।” निर्मला जी अपने पति और बेटे बहू के … Read more

पैसा ही सब कुछ नहीं होता – राजिन्दर कौर   : Moral Stories in Hindi

“बहू रानी सुनंदा बिटिया को भी अपने साथ रसोई में रखा कर, देख देख कर वो भी कुछ सीख जाएगी। इस वर्ष बारह की हो जायेगी। मेरी पोती इस से एक दो साल बड़ी है, रोटी सब्जी बना लेती है।” घर में काम करने वाली कांता ने अपनी मालकिन यशोदा से कहा। “क्या बोलूं कांता … Read more

मझली बहू – संध्या त्रिपाठी  : Moral Stories in Hindi

 राघव ओ राघव कहाँ गया….. मझली बहू मालती , जरा देखो तो अपने जेठ जी को किसी से अंदर बुलवा दो…. पंडित जी इंतजार कर रहे हैं सासु माँ ने मझली बहू मालती को आवाज देकर कहा …… तुम्हारी जेठानी जी पूजा में बैठकर जेठ जी का इंतजार कर रही है……! हाँ – हाँ माँ … Read more

प्यार का मौसम (भाग 5)- स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

तभी प्रशांत अपने पापा के साथ आया और हम लोगों ने खूब बाते करी ।वीर ने उन्हें पहले ही बता दिया कि वो उनकी तरह अमीर नही हैं ,पर अपनी बेटी के लिए कुछ भी कर सकता हैं । मिस्टर वर्मा ने कहा -“मैं ये सब बातें नही मानता….मैं तो बस अपने बेटे की ख़ुशी … Read more

प्यार का मौसम (भाग 4 )- स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

नूरी ने कहा -माँ जी मैं आपसे कुछ नहीं छिपाना चाहती । मैं विजय से प्यार करती हूँ हम दोनो एक साथ काम करते है ,और शादी करना चाहते है । लेकिन बेला मेरी ज़िम्मेदारी है ! जब तक मैं इसे सुरक्षित रुखसत नहीं कर देती , तब तक मैं भी शादी नहीं करूँगी । … Read more

प्यार का मौसम (भाग 3 )- स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

माफ़ करना मुझे आने में थोड़ी देरी हो गयी ! कोई बात नहीं …….मैम सर आप बस इसे कभी कभार आकर थोड़ा पढ़ा दिया करे ताकि इसका मनोबल बना रहे । आपका बहुत आभार होगा । मै इसकी पढ़ाई की वजह से चिंतित रहती हूँ । वीर उसकी निःशब्द आँखो को ना कह ही नही … Read more

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