खुला आकाश – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

    एक सामान्य निम्न मध्यम वर्ग परिवार में जन्मा विक्रम भी सामान्य और साधारण सा ही युवक था।अच्छे स्वास्थ्य का धनी विक्रम अपने माता पिता का चहेता था तो वह भी अपने परिवार के प्रति समर्पित था,परिवार क्या बस माँ और बापू ही तो थे।धनीराम जी ने पूरी जिंदगी में ले देकर एक छोटा सा घर … Read more

फैसला – शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi

सीमा ने हिस्ट्री एम ए में यूनिवर्सिटी में टॉप किया था।दिखने में खूबसूरत सीमा कविता पाठ भी करती थी। रवीन्द्र नाथ टैगोर की कविताएं अपने पिता के मुंह से सुन-सुनकर कंठस्थ हो गई थी उसे। सीमा के पिता एम आर थे।सीमा और उसकी छोटी बहन पिंकी ने बचपन से अपने पिता और मां को संघर्ष … Read more

फैसला – संगीता त्रिपाठी : Moral stories in hindi

 कितना अच्छा लगता हैं जब कोई तुम्हे “यू डीज़र्व “कह तुम्हारा हौंसला बढ़ाता हैं। कुछ उदास स्वर में कल्पना ने कहा तो मै चौंक पड़ी। हमेशा सब के बीच हँसने खिलखिलाने वाली कल्पना के मुँह से पहली बार ये उदास स्वर सुना।    कल्पना एक बढ़ती उम्र की महिला, जो हमेशा एनर्जी से भरी रहती।जिसके पास … Read more

अहसास – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

आज तो दर्द के मारे कमर फटी जा रही है जोश – जोश में लगे रहे सारे दिन अब तो उठने की भी हिम्मत नहीं बची। यह भी ठीक है कि कल इतवार है तो जल्दी नहीं रहेगी उठने की क्योंकि सबकी छुट्टी रहेगी।  चाहे जितना कराहते रहो कोई यह पूछने वाला नहीं है कि … Read more

बस अब और नहीं! – प्रियंका सक्सेना: Moral stories in hindi

सुधीर  की सभी बातों को अनसुना कर राधिका तीर की तरह घर से निकल गई। नुक्कड़ पर राधिका थमी। एक रिक्शा को स्टेशन चलने को कह वो बैठ गई। साथ में एक बैग था जिसमें उसके सर्टिफिकेट थे और एक अटैची में कपड़े थे जो उसने अलमारी से निकाल कर अटैची में यूँ ही ठूस … Read more

प्रेम-विवाह – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral stories in hindi

दादी,नानी और मां से यह कहावत सुनी थी कि इंसान पूरी दुनिया से जीत सकता है,पर अपनी औलाद से हार जाता है। ज़िंदगी भर घर-परिवार की जिम्मेदारी संभालते -संभालते कब ख़ुद की औलाद शादी लायक हो गई ,पता ही नहीं चला।शिखा की बेटी,मीनल अहमदाबाद में एम बी ए  कर रही थी।गुजराती ब्राह्मण परिवार से संबंध … Read more

बहू बहू है उसे बेटी जैसी क्यो बनाना – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

” माफ़ करना मम्मीजी पता नही कैसे उठने मे देर हो गई !” नई बहू तान्या पल्लू संभालती हुई रसोई मे आई और सास सुलोचना जी से बोली। ” कोई बात नही बेटा इसमे माफ़ी वाली कौन सी बात है शादी कि रस्मो के कारण तुम थकी थी थोड़ा ज्यादा सो ली तो क्या फर्क … Read more

माँ दुख सहने की भी एक सीमा होती है…. – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

“सबकी लाइफ़ में कोई ना कोई दुख तो होता ही है पर इतना दुख…..माँ तुम क्यों अपनी ज़िन्दगी को दुखों का भंडार बनाती जा रही हो….जितना सुनोगी सहोगी… सब बस तुम्हें ही सुनाएँगे और तुम अकेले यूँ ही बैठ कर रोती रहोगी ।” राशि अपनी माँ को समझाते हुए बोल रही थी. “ सब समझती … Read more

शादी का फैसला – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

आज मां के चेहरे की चिंता देखते हुए नीना ने मां से कहा -” मां मेरी शादी की इतनी चिंता क्यों??? लोगों का काम ही है ,दस बातें करें और सुनाए , आप सुनती ही क्यों हो ? क्या आप कह नहीं सकती, मेरी बेटी की जिंदगी का सवाल है, जब तक मेरी बेटी अपने … Read more

मेरे बीमार होने से किसी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

चालीस नम्बर की कोठी से निकल कर सोमा ने पचास नम्बर की कोठी की तरफ रूख किया,मन तो कर रहा था कि घर बापिस जाकर आराम करे बुखार से पूरा वदन दर्द कर रहा था।फिर सोचा हम गरीब कामबालों की यही मजबूरी है।तन साथ न दे तब भी काम करना पड़ता है,नहीं तो कोठी की … Read more

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