तू बेचारी नहीं है….. रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi
अभी उम्र ही क्या हुई थी उसकी… बीस की ही तो थी.. चुलबुली.. अल्हड़.. संजीवनी.. लेकिन अपने कामों के प्रति बिल्कुल सजग थी वह.… जो काम उसे मिल जाता.. वह कभी अधूरा नहीं रहता था…! भैया की शादी थी.. पूरा घर संभालना था.. और ऐसे में हर जुबान पर एक ही नाम रहता था.. संजीवनी..! … Read more