बच्चों पर भरोसा कीजिए – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अरे अरे.. देखो तो.. सुनिधि को क्या हो गया..? अचानक कैसे चक्कर खाकर गिर गई..? सुनिधि के चक्कर खाकर बेहोश होते ही

वहां शादी में मौजूद सभी महिला पुरुषों में तरह-तरह की बातें बनना शुरू हो गई! आजकल  क्या  भरोसा लड़कियों का…

जाने कहां-कहां किस-किस के साथ उठती बैठती है… पता नहीं कहां गुल खिलाए होंगे..? उसी का परिणाम है यह ..!

तभी किसी ने कहा.. और क्या.. ऑफिस में न जाने किस-किस से मिलती-जुलती है, दिनभर मोबाइल में लगी रहती है..

मां-बाप को पता चलेगा इसके गुल खिलाने के बारे में तो उन पर क्या बीतेगी! जितने मुंह उतनी बातें ! अगर कोई ऐसी वैसी बात हो गई

तो किस-किस को जवाब देते फिरेंगे! अरे.. अब जवान लड़की है कहीं इधर-उधर चक्कर चल भी सकता है!

थोड़ी देर बाद डॉक्टर ने लोगों की उल्टी सीधी बातों को यह कहकर बंद करवा दिया की.. सुनिधि को कुछ नहीं हुआ है,

अपने भाई की शादी की भाग दौड़ में  और तनाव में अपने स्वास्थ्य का ध्यान न रखने के कारण चक्कर खाकर बेहोश हुई है!

जैसा आप लोग सोच रहे हैं वैसा कुछ भी नहीं है, बल्कि सुनिधि को तो मैं अच्छी तरह से जानती हूं, सुनिधि बहुत ही प्यारी लड़की है,

और कृपया करके जब तक किसी के बारे में पूरी जानकारी ना मालूम हो ऐसे उलटी सीधी बातें मत किया कीजिए!

आपके घरों में भी बेटियां होगी और वह भी अपने कार्यों के लिए घर से बाहर जाती ही होगी, तो जरूरी तो नहीं है हर बाहर जाने वाली लड़की कोई ना कोई गुल खिला कर ही आएगी!

अपने बच्चों पर भरोसा करना सीखिए! डॉक्टर के इतना कहते ही वहां उपस्थित सभी लोगों की नजरे शर्म से झुक गई!

  दूसरों की बेटी पर इल्जाम लगाने से पहले थोड़ा सोच समझकर बोलना चाहिए!

  हेमलता गुप्ता स्वरचित

 मुहावरा प्रतियोगिता गुल खिलाना

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