ननद नहीं बहन है मेरी – अनुज सारस्वत

#ननदरानी  “अरे छुटकी देख बुआ हूं मैं तेरी बोल बुआ” अनामिका ने अपने छोटे भाई की नवजात बिटिया को हाथ में लेते हुए प्यार से दुलारते हुए कहा, आज अनामिका बहुत खुश थी उसके चहेते  भाई के बिटिया जो हुई थी, खुशी के मारे पागल हुए जा रही थी सबको बोल रही थी, वहीं पड़ोस … Read more

ननद का हक –   मुकुन्द लाल

 शोभा की शादी के बाद तुरंत ही विदाई होने के पहले पारम्परिक रीति-रिवाज के अनुसार उसके बक्से को नये-नये कपड़ों, उपहारों व अन्य जरूरी सामानों से रिश्तेदारों द्वारा सजाया जा रहा था। उसी क्रम में उसकी मांँ कागजों में लिपटा एक चौकोर छोटा सा बंडल बक्से में रखने लगी तो वहीं पर खड़ी मुआयना करती … Read more

जिम्मेदारी – अनु इंदु

‘ मम्मी , यह दूध का डिब्बा आधा कैसे रह गया ?  अभी कल ही तो खरीद कर लाया था मैं , आप क्या गिन्नी को सारा दिन दूध ही पिलाते रहते हो, आप को तो पता है कि स्पून को लेवल करके ही बच्चे का दूध बनाया जाता है ,30ml में एक levelled स्पून … Read more

मेरा साँया – बेला पुनिवाला 

ईश्वर :  ( drawing room से आवाज़ लगाते हुए ) सुधा, अभी कितनी देर है, टिफ़िन बनने में ? मुझे ऑफिस जाने में देरी हो रही है ? और मेरा चाय-नास्ता ready हुआ के नहीं ? सुधा : ( किचन में से आवाज़ लगाती है। ) अरे, समझो बस हो ही गया। एक नज़र dining … Read more

एक रिश्ता ऐसा भी – अनु इंदु

“दुनियाँ में वफ़ा नाम की कोई चीज़ नहीं होती।असल में आदमी हो या औरत दोनों तब तक ही एक दूसरे के प्रति वफ़ादार रहते हैं जब तक कोई और option न हो। हर रिश्ता कुछ अरसे के बाद नीरस लगने लग जाता है।समाज़ के डर से कई बार बेजान रिश्तों को भी हम  जिंदगी भर … Read more

मुझे मेरा मायका चाहिए – संगीता अग्रवाल

” छोटी तो जल्दी से घर आ जा !” अतुल अपनी बहन अंकिता से फोन पर बोला। ” भैया क्या बात है सब ठीक तो है ना ?” अंकिता ने हैरानी से पूछा। ” नही कुछ सही नही है मां…!” इतना बोल अतुल फूट फूट कर रो दिया। ” क्या हुआ है मां को ?” … Read more

शादी की दावत – विनिता मोहता

सभी दोस्तों में से अनिरुद्ध की शादी ही नहीं हुई थी| सारे दोस्तों को और उनकी पत्नीओ के बीच अनिरुद्ध की शादी हमेशा हॉट टॉपिक होता था क्योंकि अनिरुद्ध शहर के जाने-माने व्यवसायी का बेटा था| सभी को लगता था कि अनिरुद्ध की शादी बहुत ही धूमधाम से होगी| मगर अनिरुद्ध ने कोर्ट मेरिज कर … Read more

एक कहानी -गोविन्द गुप्ता

सीमा एक सीधी साधी लड़की थी दुनियां के किसी भी शौक को नही पालती थी यहाँ तक मोवाइल भी केवल की पैड बाला ही रखती थी,उसके पापा सोंचते थे कि किसी अच्छे से लड़के के साथ उसकी शादी हो तो वह तलाश में रहते थे, अचानक एक बड़ी कम्पनी के मालिक का बेटा उनसे मिलने … Read more

अनमोल उपहार-संजय सहरिया

कॉलेज के दिनों से बलराम की सबसे बड़ी इच्छा थी कि उसे एक बेहद सुंदर पत्नी मिले. उसका रंग रूप ऐसा हो कि दोस्त और रिश्तेदार बस देखते रह जाएं. साधारण व्यक्तित्व वाले बलराम की ईश्वर ने आख़िरकार सुन ली थी.गोपिका के रूप में उसे अपने सपनों की दुल्हन मिल गयी थी.गोरा रंग,छरहरा व्यक्तित्व, आकर्षक … Read more

अपरिचित -दीप्ति मित्तल

रात थोड़ी डरावनी हो चली थी। वैसे इसमें रात की कोई गलती नहीं थी। प्रकृति के बंधे-बंधाये नियमों के तहत धरती के उस हिस्से ने सूरज से पीठ कर ली थी जिधर दिल्ली बसता था। ये तो वो रोज़ ही किया करती थी। गलती शायद इस शहर की थी या सिया के कुछ अनुभवों की … Read more

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