आपकी पत्नी कोई अनूठी या हुरपरी नहीं हैं समझे !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

 तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुमने मेरी पत्नी को धक्का मारा इसिलिए बड़ा किया था क्या तुमको कि तुम एक दिन अपनी ही मां को मारो , तुम्हारी मां से पहले यह मेरी पत्नी हैं समझे आलोक जी ने गुस्से में अपने छोटे बेटे मीतांश से कहा !! पापा , यह क्या मेरी पत्नी , मेरी … Read more

बिखरे रिश्ते – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

रिया ने चटाक एक जोरदार थप्पड़ आशु को लगा दिया। आशु जोर से रोने लगा। तभी  नीलू वहां आई और बच्चे को गोद में उठा चुप कराने लगी और प्रश्न भरी निगाहों से ननद रिया की ओर देखा। गुस्से में रिया चिल्लाकर बोली देखो भाभी आशु कितना शैतान हो गया है इसने मेरे चिन्टु को … Read more

भगवान सब देख रहा है – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

सुधा आज सुबह से ही बहुत खुश थी उसके बेटा बहू अरुण और हेमलता उसे चार धाम की यात्रा कराने के लिए अपने साथ ले जा रहे थे उसकी वर्षों से तमन्ना थी चार धाम की यात्रा अपने पति के साथ करने की परंतु, घर की जिम्मेदारियां के कारण वह चार धाम की यात्रा न … Read more

सास-बहू का अनोखा रिश्ता – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

सुजाता जी ने जैसे ही नई बहू का घुंघट खोला तो उसके चेहरे पर डर साफ दिख रहा था, नया घर, नये लोग हर लड़की सहम ही जाती है, उस पर अम्मा की कड़क आवाज का रूतबा, नित्या तो चुपचाप ही बैठी थी। बहू तेरी बहू का थोडा सा घुंघट और लंबा कर, अब मुंह … Read more

बुढ़ापा – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

मेडिका हॉस्पिटल के प्राईवेट केबिन में पड़ी मैं सत्तर साल की जानकी भगवान से प्रार्थना कर रही हूं मुझे अपने पास बुला ले… आंखों से आंसुओं की बरसात हो रही है… आज हीं डॉक्टर डिस्चार्ज करने के लिए बोला था पर बड़े बेटे राहुल के पास समय नहीं था और बहु अटेंडेंट के लिए जिन … Read more

बुढ़ापा -शनाया : Moral Stories in Hindi

बुढ़ापा एक सच्चाई है , जिसे कोई बदल नहीं सकता न ही झुटला सकता है।  बुढ़ापा तो आना ही है ये ही परम सत्य है।  लेकिन कुछ लोग अपनी जवानी के दिनों में ये भूल जाते हैं कि आज भले से वो जवान हैं लेकिन एक दिन उन्हें भी बूढ़ा होना है।  आज की ये … Read more

बेटे का निर्णय -माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

तीन साल का विनय जैसे ही सोकर उठा,बाहर के रूम से चीखने चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। डरा सहमा विनय अपनी मां सरला के पीछे चुपचाप खड़ा हो गया।बैसे घर में इस तरह का ड्रामा रोज ही होता था।विनय को समझ ही नहीं आता था कि उसके पेरेंट्स के बीच आखिर रोज झगड़ा होता … Read more

चलो घर चलें -रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“आज क्या सत्यानाश कर दिया तुमने खाने का… एक चीज में स्वाद नहीं है… कच्ची अधपकी रोटियां… बेस्वाद सब्जी… एक सलाद तक ढंग से नहीं काट पाई…!” ” अरे यह क्या बात हुई… एक ही रट लगाए हुए हैं आप… मैंने कहा ना आज मेरा मूड नहीं था खाना बनाने का… तो बिगड़े मूड में … Read more

अपना घर स्वर्ग -ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आज दोनों बुजुर्ग दम्पत्ति लखमीचंद जी और उनकी पत्नी पुष्पा जी झूले पर बैठे अपने घर के आंगन में अपने स्वर्ग जैसे घर का आनंद ले रहे थे। तभी लख्मी चंद जी की आंखों के सामने  तीन वर्ष पहले का एक दृश्य सचित्र घूम गया, जब उन्होंने अपने बेटे से कहा था….. बेटा कहां थे … Read more

बहू बुढ़ापा सबको आता है। -अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

बेटा, जरा सी तबीयत ठीक नहीं लग रही है, तू मुझे डॉक्टर के दिखा ला, अब तो हाथ-पैर भी काम नहीं करते हैं, शरीर में ढीलापन सा रहता है” विमला जी ने अपने बेटे अंकित से कहा। लेकिन अंकित तो अपने ऑफिस के काम में लगा था, और लैपटॉप पर नजरें गड़ाए हुए था, अपनी … Read more

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