मम्मी साफ साफ बोलो ना – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

जानते हैं जी , आज क्या हुआ…?? जैसे ही आरती ने कुछ कहना चाहा…पास में बैठी बिटिया ने तपाक से कहा…मम्मी सीधे-सीधे बात बताना एक घंटे भूमिका मत बाँधना …I और पतिदेव ने भी क्या हुआ बोलकर न्यूज पेपर में ही ध्यान लगाये बैठे रहे ….आरती कुछ बताना चाहती थी पर पति बच्चों के व्यवहार … Read more

गुरुर – अयोध्या प्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

इंजीनियर दंपति ने यह बहुत पहले ही निर्णय ले लिया था कि संतान रूप में लड़की हो या फिर लड़का केवल एक ही। वे बैंगलोर में रहते थे। दोनों की अच्छी खासी तनख्वाह थी। घर गृहस्थी मजे में चल रही थी। तीन कमरों का फ्लैट था।दो ही प्राणी तो रहने वाले। कुछ खाली खाली सा … Read more

एक मौका – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

अजी सुनती हो सुबह के सात बज गए है । चाय लें आओ……मुझे ऑफिस जाने में देरी हो रही है । यें है हमारी कहानी के मुख्य पात्र केशव कुमार ! जो पेशे से एक प्राइवट फ़र्म में वकील के पद पर कार्यरत है । यें समझ लो की इनके बिना ऑफ़िस का कोई काम … Read more

सासू मां आप मुझे बेटी बनाकर लाई थी और बहू का हक भी नहीं दिया – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

बहू आज दोपहर के खाने में राजमा चावल , भरवा बैंगन और , खीरे का रायता बना लेना और मीठे में खीर हो जाएगी, दूध तुम्हारे ससुर जी से मैंने मंगा लिया था वो फ्रिज में रखा है। उसमें उबाल लगा लो और खीर के लिए चावल भी भिगो दो। क्यों मम्मी जी आज कोई … Read more

मेरे पिता – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

ओडिटोरियम में व्हीलचेयर पर बैठी स्मिता के आते ही तालियों की गड़गड़ाह से स्मिता का स्वागत किया गया , कुर्सियों पर चारों तरफ़ बैठे हुए लोग अपनी अपनी जगह उठ कर खड़े हो गए और उन्होंने तालियां बजाकर स्मिता का स्वागत किया।  मंच तक पहुंचते पहुंचते स्मिता के गले में फूलों की कई मालाएं डल … Read more

गुरुर… किस बात का – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

क्या रानू दीदी… पूरे 1 साल बाद गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों के साथ आई हो  और कह रही हो बस चार-पांच दिनों के लिए ही आई हूं, तुम्हारे जीजाजी को खाने की परेशानी हो  जाती है, इस बार  मैं कुछ नहीं सुनने वाला और हां आज दोपहर में तैयार रहना हम सब वाटर पार्क … Read more

बेटी कह देने से बहू बेटी नहीं हो जाती। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मानसी, ये दूध का गिलास निधि के कमरे में दे आ, उसकी परीक्षाएं चल रही है, दूध पीयेंगी तो पढ़ने में भी मन लगेगा, अपनी सास आरती जी की बात सुनकर मानसी अपना खाना छोड़कर पहले दूध देकर आ गई, वो अपने खाने की थाली से दोबारा खाने लगी थी कि आरती जी बुदबुदाने लगी, … Read more

गुरुर – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

स्नेहा   जैसे ही सोकर उठी मम्मी  खुश होकर बोलीं , उठ गई बेटा चलो , पापा तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं , पता है  4:00 सुबह से उठकर आम के बागान  में आम चुन रहे हैं रात की  आई आंधियों में आम काफी बिखरे पड़े हैं । सुनकर स्नेहा  बोली हूऊं ।  जाती हूं … Read more

दायरे – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

“परी, चल जल्दी से शादी का जोड़ा पहन ले, जयमाले की रस्म होने ही वाली है”..  सुगंधा आज जितनी उत्साहित है उतनी ही विवश भी. बस आज की रात कल बेटी विदा होकर चली जाएगी अपने घर,कैसा लगेगा तब यह घर जिस घर के कोने कोने में परी और सुगंधा की साथ-साथ साझा की गई … Read more

कि रानी बेटी राज करेगी!! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

मैं लैब में हूं, मम्मी…(  मतलब, अभी बात नहीं कर पाऊंगी..) आद्या ने जवाब दिया पूनम ने इत्मीनान के भाव के साथ फोन रख दिया…. ज्यादा बात ही नहीं हो पाई आज ही क्या… लगभग अक्सर ही मां बेटी के बीच ( बस) इतनी ही बात हो पाती है। और ये बस इतनी सी बात … Read more

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