लकीर – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

अनुज के लिए दक्षा का रिश्ता आया था. मालिनी जी को सहज विश्वास ही नहीं होता कि अनुज इतना बड़ा हो गया. ऐसा नहीं लगता कि सब कुछ कल ही की बात हो एक लंबा समय व्यतीत हुआ है मगर मां के लिए कभी उसका बच्चा बड़ा नहीं होता आज भी अनुज के बचपन के … Read more

वक्त रहते -श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

# दो पल के गुस्से से प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है.. कहानी -वक्त रहते   “अम्मा,, ओ अम्मा,, उठो अम्मा, ई का होई गवा,अम्मा “सुषमा चीख उठी और फिर फफक कर रोने लगी, उसकी सास झिंझोड़ने से अचकचा कर उठीं,,,, ” का हुई गवा दुलहिन,”, “अरे अम्मा, गजब हुई गवा, दीदी फांसी लगा लिहिन अम्मा.. … Read more

हमसफ़र- श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

समय को भी पंख लग जाते हैं क्या, बेटियां कैसे देखते-देखते बड़ी हो जाती हैं ना,,अमलतास के खिलने का मौसम यही अप्रैल, मई हीं तो होता है और इसी महीने में अपर्णा पैदा हुई थी, तभी शिवानी ने आँगन में अमलतास लगाया था.  इस बार उसका बीसवां जन्मदिन मनाने की तैयारी है.तैयारी तो बस पूछिए … Read more

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