बेटे का निर्णय -माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

तीन साल का विनय जैसे ही सोकर उठा,बाहर के रूम से चीखने चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। डरा सहमा विनय अपनी मां सरला के पीछे चुपचाप खड़ा हो गया।बैसे घर में इस तरह का ड्रामा रोज ही होता था।विनय को समझ ही नहीं आता था कि उसके पेरेंट्स के बीच आखिर रोज झगड़ा होता … Read more

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