जीवन का सवेरा (भाग -7 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“जल्दी से फ्रेश हो लो। मैं खाना लगाती हूँ। खुद भी भूखे रहो और सबको भूखा रखो।” बोल क़र बड़बड़ाती हुईं राधा किचन की ओर बढ़ गई। “और सब लोग सो गए हैं। सबने खाना खा लिया था ना।” आरुणि अपनी सहेलियों के साथ अंदर आती हुई पूछती है। “हाँ सबने खाना तो खा लिया … Read more

अंतिम यात्रा – भगवती सक्सेना : Moral Stories in Hindi

बचपन से साथ खेलते रहे हरी और यशोदा पड़ोसी भी थे। गाँव का हरा भरा खुला वातावरण था, कभी तालाब कभी खेत मे बच्चो का खेलना सबको अच्छा लगता था। एक बार तालाब के किनारे दौड़ते हुए यशोदा फिसल गयी और तालाब में गिर पड़ी। उस समय बारिश का समय था, पानी बहुत था, किसी … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -6) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“मोहतरमा तभी इतनी इठलाती किचन के अन्दर गई थी”, रोहित कैफ़े के बाहर जाकर बोर्ड देखकर अंदर आता है और जोर से हँसते हुआ बोलता है, “आरुणि कैफे बड़े बड़े अक्षरों में लिखा है। मैंने कभी देखा ही नहीं, मेरे जैसे लोग आँख होते हुए भी अंधे होते हैं।” “और दिमाग होते हुए भी कमअक्ल”… … Read more

बुढ़ापा – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

तो फिर क्या निर्णय लिया आपने, छाया ने विवेक से पूछा। अरे इसमें सोचने वाली क्या बात है वो भाभी थी मेरी, जैसे भी हो वो मेरे बड़े भैया हैं आज अपने जीवनसाथी की मृत्यु के बाद उनकी हालत कैसी होगी मैं समझ सकता हूं। भले ही हम उनके दोनों बेटों की शादी में ना … Read more

अम्माजी -डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“मिला कोई किराए का मकान आज?”स्वाति ने पूछा तो ऋषभ का मुंह उतर गया,निराशा से बोला, “नहीं!आज भी नहीं।जहां मकान समझ आता है वहां किराया ज्यादा है और जहां किराया कम है वहां जगह समझ नहीं आती,हमें समझ आ भी जाए तो अम्मा जी का क्या करूं?वो नाक में दम कर देंगी।देखा नहीं कैसे पिछले … Read more

अपनी अपनी सोच -माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अधिकांश लोग बुढ़ापे को एक रोग मानकर रोते कलपते जिन्दगी बिताते हैं,ये लोग बुढ़ापे को ज़िन्दगी का बोझ समझते हैं,इसी मानसिकता के कारण कई सारी बीमारियो को न्योता दे देते हैं।वहीं कुछ ज़िन्दा दिललोग बुढ़ापे को लाइफ़ का स्वर्णिम काल कहते हैं, क्योंकि इस उम्र तक आते-आते आप अपनी जिम्मेदारियों से निश्चित हो चुके होते … Read more

ये वादा रहा -पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

पूजाघर से घंटी की आवाज आ रही थी ।मां जी ( कल्याणी जी) आरती  गा रही थी।सुबह उठ कर घर में पूजा करती फिर,बहू वैशाली तब तक नाश्ता तैयार कर लेती, फिर नाश्ता करके मंदिर निकल जाती।  मोहल्ले की उनके उम्र की औरतें मंदिर में जाकर दर्शन करने के बाद मंदिर के पीछे वाले चबूतरे … Read more

बेटा श्रवन कुमार होना चाहिए लेकिन दामाद -सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” देखो बहुत साल गुजार दिए मैंने अपना मन मारते- मारते…. अब मुझे नहीं रहना इन सब के साथ…… आखिर मेरी भी कोई जिंदगी है या नहीं??  कब तक तुम्हारे मां बाप की सेवा करती रहूंगी ? ,,  आज अंकिता अपने पति उमेश के घर आते ही उसपर बरस पड़ी। ”  क्या बकवास कर रही … Read more

वो मुझसे ज़्यादा मेरी भाभी की माँ है….. -रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

इन दिनों कॉलोनी में एक नया परिवार बहुत चर्चा में रह रहा था…सभी इन्हें देख कर कहते इस उम्र में भी कोई बेटी अपनी माँ की इतनी सेवा कर सकती है बहुत कम देखने को मिलता है … कुछ दिनों पहले ही वो शिफ़्ट होकर आए थे और पूरे परिवार का ही मिलनसार स्वभाव था … Read more

आपकी पत्नी कोई अनूठी या हुरपरी नहीं हैं समझे !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

 तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुमने मेरी पत्नी को धक्का मारा इसिलिए बड़ा किया था क्या तुमको कि तुम एक दिन अपनी ही मां को मारो , तुम्हारी मां से पहले यह मेरी पत्नी हैं समझे आलोक जी ने गुस्से में अपने छोटे बेटे मीतांश से कहा !! पापा , यह क्या मेरी पत्नी , मेरी … Read more

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