ऐसी थी दादी अम्मा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

अरे मनीषा इन कमजलीयों के  लिए क्या जरुरत थी नये कपडे लाने की पुराने ही धोकर  पहना देती। मेरे राजा बेटे के लिए एक ही जोडी लाई उसके एक-दो जोडी और ले आती।  यह सुनकर मनीषा जी का मन आहत हो गया। दीवाली जैसे त्यौहार पर भी कोई अपने बच्चों को कोसता है क्या । … Read more

मां की सीख – एक बेटी को : Moral stories in hindi

संजय जी की कोठी  रोशनी में नहाई जगमगा रही थी। कोठी से लेकर लान तक रोशनी की सजावट की गई थी। आज उनके बेटे शैलेश की शादी का रिसेप्शन  जो था। मेहमानों की आवाजाही लगी थी। चूंकि संजय जी अच्छी बड़ी पोस्ट पर कार्यरत थे सो कुछ संभ्रांत व्यक्ति भी वहां उपस्थित थे। स्टेज पर … Read more

इल्जाम – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

घर आते ही देव अपनी पत्नी संगीता पर बरस पडा कैसे हिम्मत हुई तुम्हारी उस  पराए मर्द के साथ  डांस  करने की। मेरी इज्जत का तुम्हें जरा भी ध्यान नहीं रहा। क्या सोचेंगे लोग मेरे बारे में कि मेरी पत्नी दूसरे  मर्दों के साथ डांस करती है।आज संगीता भी चुप न रही बोली वैसे ही … Read more

अनामिका – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

मम्मी मम्मी सुनो तो मेरी शादी करवा दो ।हैं तू ये क्या बोल रहा है शादी कर दूं पर किससे । मम्मी लडकी से और किससे । कौनसी लड़की यहाँ कहाँ तुझे लडकी मिल गई। इतने दिनों से मैं जब कह रही थी तो हाथ नहीं रखने देता था अब यहां   एक ही दिन … Read more

भविष्य के गर्भ में- शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

देवरानी केतकी के बोल सुन गिरिजा जी जेठानी स्तब्ध रह गई। उम्र में बेटी के बराबर केतकी किस तरह ताने मार कर गिरिजा जी का सीना छलनी कर गई। आप तो बांंझ हो  आप क्या जानो बच्चे कैसे पाले जाते हैं। बच्चे होते तो न आप बच्चों की परवरिश, उन‌की आद‌तें, उनकी अटपटी फरमाइशों के … Read more

बस अब और नहीं – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

सात बजने को आये जूही अभी तक नहीं उठी थी घर में कोहराम सा मचा था। साथ ही पुष्पा जी चिल्ला रहीं थीं  कि महारानी की नींद नहीं हुई अभी तक आराम से सोई पड़ी है कब से चाय के लिए बैठे हैं। बच्चे अलग खुसर फुसर कर रहे थे  कि मम्मी अभी तक नहीं … Read more

फैसला – शिव कुमारी शुक्ला: Moral stories in hindi

अवनी और  आकाश दोनों ही साफ्टवेयर इंजीनियर थे। वे एक  कनाडा की  कम्पनी में पचहत्तर – पचहत्तर लाख बार्षिक वेतन पर कार्यरत थे। उनके पास सारे, भौतिक सुविधा के संसाधन थे। कनाडा में वह आरामदायक, ऐश्वर्य पूर्ण जीवन जी रहे थे। उन्हें वहाँ रहते पाँच साल होने  जा रहे थे । किन्तु उनके  दिल के … Read more

सोच एक मां की – शिव कुमारी शुक्ला   : Moral stories in hindi

पारुल पढी लिखी, सुलझे विचारों की समझदार लड़की थी, खूबसूरत, सौम्य एवं सबसे घुल-मिल जाने वाली । उसकी शादी को पाँच बर्ष हो गए थे, एक छोटा  दो साल का बच्चा भी था। उसका पति M.R.  था सो काम के घंटे बहुत  थे । सुबह नौ बजे का निकला रात तक ही घर आता । … Read more

सेवा निवृत्ती – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

आज राज, उ. मा. विद्यालय अन्ता में गहमा गहमी थी कारण श्री केश्व दत्त शर्मा प्रधानाचार्य  सेवा निवृत्त हो रहे थे सो उनका विदाई  समारोह आयोजित था। बच्चे और स्टाफ मन से तैयारी कर रहे थे कारण उनका व्यवहार सबसे सौहार्दपूर्ण रहा। वे विद्यालय के बच्चों एवं  स्टाफ को अपना परिवार समझते थे। किसी के … Read more

जितनी चादर हो पैर उतने ही फैलायें : Moral stories in hindi

 किटी पार्टी अपने पूरे शबाब पर थी। जहां लगभग तीस महिलाएँ लक दक सुन्दर – सुन्दर साडीयाँ पहने एक से बढ़ कर एक आभूषण धारण किये उन्हें देख ऐसा लग रहा था जैसे कि  साडीयों और आभूषणों की कोई प्रतियोगिता हो रही हो जिसमें सब प्रदर्शन करने आईं हों ।मेजबान छवी जी  जहां एक ओर … Read more

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