ऐसी थी दादी अम्मा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi
अरे मनीषा इन कमजलीयों के लिए क्या जरुरत थी नये कपडे लाने की पुराने ही धोकर पहना देती। मेरे राजा बेटे के लिए एक ही जोडी लाई उसके एक-दो जोडी और ले आती। यह सुनकर मनीषा जी का मन आहत हो गया। दीवाली जैसे त्यौहार पर भी कोई अपने बच्चों को कोसता है क्या । … Read more