सेवा निवृत्ती – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

आज राज, उ. मा. विद्यालय अन्ता में गहमा गहमी थी कारण श्री केश्व दत्त शर्मा प्रधानाचार्य  सेवा निवृत्त हो रहे थे सो उनका विदाई  समारोह आयोजित था। बच्चे और स्टाफ मन से तैयारी कर रहे थे कारण उनका व्यवहार सबसे सौहार्दपूर्ण रहा। वे विद्यालय के बच्चों एवं  स्टाफ को अपना परिवार समझते थे। किसी के … Read more

जितनी चादर हो पैर उतने ही फैलायें : Moral stories in hindi

 किटी पार्टी अपने पूरे शबाब पर थी। जहां लगभग तीस महिलाएँ लक दक सुन्दर – सुन्दर साडीयाँ पहने एक से बढ़ कर एक आभूषण धारण किये उन्हें देख ऐसा लग रहा था जैसे कि  साडीयों और आभूषणों की कोई प्रतियोगिता हो रही हो जिसमें सब प्रदर्शन करने आईं हों ।मेजबान छवी जी  जहां एक ओर … Read more

सुरक्षा कवच एक मां का – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral stories in hindi

संगीता बड़ी ही होशियार एवं सुन्दर मासूम सी बच्ची थी। अभी उसने केवल सत्रह वसंत ही देखे थे कि उसकी दादी ने घर में  उसकी शादी को लेकर हंगामा मचा रखा था। सुबह शाम, उठते बैठते वे एक ही रट लगाएं थीं कि संगीता की शादी जल्दी करो। उनके हिसाब से जवान होती बेटी की … Read more

सोया जमीर – शिव कुमारी शुक्ला    : Moral stories in hindi

आज सुबह मेघा की आँख देर से खुली कारण रात उसे नींद नहीं आई थी सो सुबह के समय आँख लग गई जैसे ही वह कमरे से बाहर आई उसकी सास सुधा जी चिल्ला रहीं थीं । महारानी अभी तक  सो रही हैं। आज चाय मिलने का  भी ठिकाना नहीं है। कब से इन्तजार कर … Read more

कौनसा किसका घर – शिव कुमारी शुक्ला  :Moral stories in hindi

सुलभा बहुत ही मासूम, खूबसूरत सीधी सादी लड़की थी। ग्रेज्यूशन करते ही घर में उसकी शादी की बात चलने लगी। इस बीच उसने एम ए प्रथम वर्ष कर लिया। तभी उसकी शादी साहिल संग तय हो गई।  साहिल बहुत ही आकर्षक व्यक्तित्व वाला , मल्टी नेशन कम्पनी में इंजीनीयर के पद पर कार्यरत था । … Read more

खुशफहमी – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

कभी कभी मनुष्य बडी ही खुशफहमी में रहता -कि वही  कर्ताधर्ता है। उसने बिना एक पत्ता भी इधर से उधर नहीं होना चाहिए जो वह सोचता है वही सच है वाकी कि पूरे  परिवार में सोचने समझने की  औकात ही नहीं है। सागर जी एक नौकरी पेशा, सुखी गृहस्थ थे। वे दो वेटी व  एक … Read more

सूझबूझ – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in hindi

सौम्या और राघव की शादी को चार वर्ष हो गए थे, किन्तु वे अभी तक संतान सुख से वंचित थे। अड़ोस-पड़ोस की महिलाएं उसकी सास शान्ति जी से पूछतीं बहू कब खुशखबरी सुना रही है ‌। शान्ति जी उदास हो कहतीं पता नहीं भाग्य में संतान सुख है भी या नहीं, कोई आसार ही नजर … Read more

माता-पिता सम्माननीय हैं – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे मंजुला तुझे  क्या बताऊं, मेरा बेटा तो शादी के बाद विल्कुल बदल गया । अब तो उसे कल की आई वह छोरीऔर ससुराल  वाले ही सब कुछ लगे हैं। छोटे-छोटे काम के लिए हर समय  मुझे आवाज देता रहता था अब उसे मेरी जरूरत ही नहीं है। ये सब … Read more

तपस्या (भाग 2) – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : यदि तूने  मेरी बात नहीं मानी तो में तुमसे अपना रिश्ता खत्म कर दूँगा? तुझे घर से निकाल दूंगा। मेरी प्रापर्टी और पैसों में से तुम्हें एक पाई भी नहीं दूंगा। जा हो जा मेरी आँखों से दूर और जो तुझे करना हे कर। ठीक है पापा चला जाऊंगा। और … Read more

तपस्या (भाग 1) – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मम्मी समझाओ न पापा  को मुझे कोचिंग नहीं करनी है क्यों मेरे पीछे पड़े हैं। मैं कोटा नहीं जाउंगा। मुझे नहीं बनना डाक्टर , इन्जिनियर ।  मैं वहीं करूंगा जो मुझे पसंद है। मैं सिविल सर्विसेज में जाना चाहता हूं अतः उसकी ही तैयारी करूंगा। मम्मी में किसे समझाऊं तुझे … Read more

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