अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 20) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi
“माॅं मैं कुछ दिनों के लिए मम्मी के पास जाना चाहती हूॅं।” रात में डिनर के समय विनया अंजना से कहती है। अब विनया लंच और डिनर जबरदस्ती ही सही अंजना के साथ ही करती है और धीरे धीरे संपदा भी दोनों का साथ देने लगी थी। “मनीष से पूछ लेना।” अंजना संक्षिप्त उत्तर देकर … Read more