हां बेटी मैं पागल हो गया हूं – बीना शर्मा  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : एक दुख्दाई बीमारी से मुक्ति पाने के बाद काफी विचार विमर्श करने के बाद जब महेश पाल ने अपना निर्णय अपनी तीनों बेटी मोनिका, सोनी, जुही और बेटे मोहित को सुनाया तो चारों गुस्से में तिलमिला उठे थे उनकी बड़ी बेटी मोनिका गुस्से में बोली” पापा आप पागल हो गए … Read more

खून के रिश्ते – मंजू ओमर  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज खून के रिश्ते इतने पानी पानी क्यों हो गए हैं शायद वक्त का तकाजा है ।आज समय ही ऐसा आ गया है कि खून के रिश्ते अब रिश्ते नहीं रह गए हैं ।आज दस में से छह परिवार अपने बच्चों के बदलते रवैए से परेशान हैं । आइये आज … Read more

बच्चों की खुशी – मेघा मालवीय   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रोहन और राधिका   समरथ सिंह जी के दो बच्चे थे। समरथ जी ने दोनों बच्चों की परवरिश अच्छे से की थी। समय के साथ बच्चे बड़े हो गये , समरथ जी को उनके विवाह की चिंता सताने लगी, सही मौका और अच्छा घर वार देखकर राधिका का विवाह  करवा … Read more

मीठी – लतिका श्रीवास्तव   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  मीठी ए मीठी….सुधाकर लगातार आवाजे दिए जा रहा था हां हां आई ….आ रही हूं बाबा क्यों बुलाए जा रहे हो मीठी हाथों में बेसन लगाए ही आ गई क्या है बताओ जल्दी सुधाकर कड़ाही जल रही है …आकर सुधाकर के सामने खड़ी हो गई थी मीठी। बेसन वाले हाथों … Read more

एक डाली के फूल – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :   ” सूर्यप्रकाश जी, आपका कोई वकील…?” ” वकील…नहीं जज साहब….मेरा केस लेने को कोई वकील तैयार नहीं हो रहा है…, अपनी बेटी की फ़रियाद लेकर….।” हताश-लाचार सूर्यप्रकाश जी जज साहब को कहते हुए रो पड़े, तभी उनके कंधे पर काला चोगा पहने एक सज्जन ने हाथ रखते हुए कहा,” धीरज … Read more

आखिरी तस्वीर – रोनिता कुंडू   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मां… मेरे सारे दोस्त तो आ गए हैं और हमारी फैमिली भी… फिर हम किसका इंतजार कर रहे हैं..? केक काटू..? नीरज ने अपनी मां पूनम से कहा… थोड़ी देर और रुक जा बेटा… मैंने फोन किया है उसे… वह आ ही रही है बस… पूनम ने कहा  नीरव:  मां … Read more

काश – आरती झा आद्या  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज जाने सुबह से कैसा लग रहा है। मन भी बेलगाम घोड़ा सा अतीत की गलियारों में दौड़ रहा है। अतीत की सुप्त यादों में सुगबुगाहट हो रही है, मानो नींद से उठ फिर से जीना चाह रही हो। कहकहों के दौर थे, झूमता सी प्रकृति सी लगती थी वो, … Read more

खून का रिश्ता – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगाती मंजुला को गुड मॉर्निंग मम्मा बोलती बहु नव्या गले से लिपट गई. मम्मा आपने नाश्ता भी लगा दिए. वाओ मूंग दाल की हींग वाली कचौड़ियां हरे धनिए की चटनी और गाजर का हलवा. अम्मा जी के लिए बेसन का चीला तवे पर डाल कर आई … Read more

गृहस्थी के कार्य में लिंगभेद क्यों…?? – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  बेटा अब तो नौकरी भी करने लगा है…. कई अच्छे रिश्ते आ ही रहे हैं तो तू अब शादी के लिए तैयार हो जा…! ज्वाला जी ने बेटे अभिमन्यु से कहा…. हां मम्मी तो मैंने भी कहां मना किया है…?? मैं तो शादी के लिए तैयार हूं… बस मुझे नौकरी … Read more

देर से ही सही सासुजी मेरी कदर तो जानी- शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :    बात पुरानी है लगभग साठ के दशक की जब उमा जी व्याह कर इस बडे से संयुक्त परिवार में आईं थीं। अभी अठारह की भी नहीं हुई थीं कि शादी कर दी। एक अल्हड नवयौवना को जो स्वच्छंद अपने परिवार में हॅसती फुदकती थी ,को नियमों एवम अनुशासन की … Read more

error: Content is Copyright protected !!