Moral Stories in Hindi : मीठी ए मीठी….सुधाकर लगातार आवाजे दिए जा रहा था हां हां आई ….आ रही हूं बाबा क्यों बुलाए जा रहे हो मीठी हाथों में बेसन लगाए ही आ गई
क्या है बताओ जल्दी सुधाकर कड़ाही जल रही है …आकर सुधाकर के सामने खड़ी हो गई थी मीठी।
बेसन वाले हाथों सहित मीठी को अपने पास सटा कर सुधाकर मुस्कुरा कर कहने लगा अरे जलने दो ये कड़ाही जलने की जितनी फिक्र करती हो ना उसका एक प्रतिशत भी अगर किसी के दिल जलने की कर लिया करो …..!!
अच्छा अच्छा जनाब के कारण तो सुबह से बेसन के पकोड़े गोभी वाले बनाने में लगी हूं दो दिनों से तुम्ही रट रहे थे मीठी गोभी के पकोड़े खाए जमाने हो गए अब लो बना रही हूं तो बनाने भी नही देते आखिर चाहते क्या हो तुम सुधाकर नाक चढ़ाकर गुस्सा जाहिर करती मीठी सुधाकर को दुनिया की सबसे प्यारी पत्नी लग रही थी।
चलिए इसी बहाने सही हमारी श्रीमती जी ने हमारी इच्छा तो पूछी ….हां तो भाई अब पहली बार अपनी इच्छा जाहिर करने का सुनहरा अवसर मिला है तो थोड़ा सोच समझ कर बताते है थोड़ा टाइम तो मिलेगा ना..!सुधाकर ने बहुत विनम्रता से कहा तो मीठी अपनी हंसी दबाकर नकली गुस्सा दिखाती बोल पड़ी ना ….कोई टाइम वाइम नही मिलेगा जल्दी से बता रहे हो या मैं जाऊं!!
ओहो मीठी मेरी तो बस यही इच्छा रहती है कि तुम सिर्फ मेरे ही पास बैठी रहो कहीं ना जाओ यही मेरी एकमात्र पहली और आखिरी इच्छा है
आखिरी क्यों!! जाओ मुझे तुमसे बात ही नही करनी मीठी सच में नाराज हो गई थी।
अच्छा अच्छा आखिरी नहीं अरे आखिरी का मतलब ये नही है मैं आखिरी सांसे गिनने वाला हूं
फिर वही बात जाओ अब तो मैं पकोड़े भी नही बनाऊंगी मीठी ने तुरंत अपने हाथ पानी से धोते हुए कहा।
अरे मेरी मीठी सी पत्नी अगर मैं तुम्हारी आखिरी इच्छा पूछूं तो तुम क्या कहोगी चलो अब बात निकली है तो तुम भी बता ही दो सुधाकर ने उसका उखड़ा मूड ठीक करने की कोशिश में कहा तो मीठी संजीदा हो गई।
मेरी एकमात्र पहली और आखिरी इच्छा यही है कि इस दुनिया से आपसे पहले मैं चली जाऊं ईश्वर से यही प्रार्थना करती हूं आपके बिना ये दुनिया मेरे लिए मरघट सी हो जायेगी कहती मीठी की आखों से अश्रुधारा बह चली।
मीठी …..मीठी पागल हो गई हो कैसी बाते कर रही हो ये क्या मरने की बाते करने लग गई अरे अभी तो हम दोनो को सौ साल साथ रहना है टीना की शादी करनी है नाती पोते खिलाने है और जब मरना ही पड़ेगा तो ना कोई पहले ना बाद…. साथ साथ ही ये दुनिया छोड़ देंगे सुधाकर ने बढ़कर उसे अपने गले से लगा लिया था।
चलोअब जल्दी कड़ाही जल रही है ना
आज मैं तुम्हे गोभी के पकोड़े बनाकर खिलाता हूं चलो आओ तुम यहां आराम से डाइनिंग टेबल पर बैठो अपना सीरियल देखो कहते उसने बहुत प्यार से संभाल कर जबरदस्ती मीठी को कुर्सी पर बिठा दिया और खुद किचन में चला गया।
मीठी भी उठकर उसके पीछे पीछे किचन में आ गई थी जब मरना साथ साथ है तो पकोड़े भी साथ साथ बनाएंगे और पूरा किचन उनकी समवेत हंसी से गूंज उठा था।
शायद वही अंतिम हंसी थी मीठी के साथ सुधाकर की।
थोड़े दिनों बाद बाजार से लौटते समय रोड ऐक्सिडेंट में उसकी मृत्यु हो गई थी ईश्वर ने उसकी अंतिम इच्छा पूरी कर दी थी ।लेकिन सुधाकर के लिए दुनिया मरघट सी ही बन गई थी अगर टीना नहीं होती..!!
दोस्तों ने बहुत कहा समझाया अरे अभी तेरी उम्र ही क्या है बहुत से रिश्ते मिल जायेंगे टीना की देख भाल तुझसे अकेले नहीं हो पाएगी लेकिन सुधाकर कैसे समझाता कि मीठी तो उसीके पास है उसी के साथ है वह कहीं गई ही नहीं एक क्षण को भी उसे लगा ही नहीं कि मीठी अब इस दुनिया में नहीं है हर पल वह उसे महसूस करता है जैसे वह उसके सामने बैठी है और कह रही है देखो सुधाकर तुम चाहते थे ना मीठी तुम्हारे ही पास बैठी रहे ..!!
वह तो अभी भी अपनी हर बात मीठी को ही बताने को आतुर रहता है कभी कभी तो छटपटा उठता है कहां से पकड़ के ले आऊं अपनी मीठी को।
कोई दोस्त कोई रिश्तेदार उसके इस दर्द को महसूस नहीं कर सकते नही बांट सकते …. वह चाहता भी नही इस दर्द को किसी के साथ बांटना क्योंकि यह दर्द उसका है सिर्फ उसका किसी को बताने से किसी के साथ बांटने से इसका महत्व कम हो जाएगा ।यह दर्द ही उसकी जिंदगी का सर्वाधिक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
पापा कहां खो गए जल्दी से खा कर बताइए ना देखिए आज मैने अपने हाथो से आपके लिए गोभी के पकोड़े बनाए हैं आज तो खाने ही पड़ेंगे आपको….मुस्कुराती हुई नन्हीं टीना पकोड़े वाली प्लेट लिए सुधाकर को झिझोड़ रही थी।
नहीं बेटा मुझे गोभी के पकोड़े बिलकुल पसंद नहीं हैं पकोड़े के साथ जुड़ी मीठी यादों की कहानी के आंसू छिपाता सुधाकर कह उठा।
टीना उदास हो गई थी प्लेट उठाकर ले जाने लगी।
उसका उदास चेहरा देख सुधाकर ने उसका हाथ पकड़कर प्लेट ले ली अरे वाह मैने कहा मुझे पसंद नहीं है और तुमने मान भी लिया अरे मेरी बेटी अपने हाथों से पकोड़े बना कर लाई है दुनिया की सबसे अच्छी चीज यही है मैं पूरी प्लेट खा जाऊंगा लाओ
टीना उल्लसित होकर हंस पड़ी थी ।
आज सुधाकर भी बहुत दिनो बाद हंसा था।
शायद जीवनसाथी के साथ ना होने का दुख बांटा तो नही जा सकता पर थोड़ा कम तो किया जा सकता है।
#जीवनसाथी के ना होने का दर्द कोई नही बांट सकता
लतिका श्रीवास्तव