हर घर महाभारत : Moral Story in Hindi

अरे बिना भाभी..! कविश की हल्दी में नहीं आई..?  दोपहर को बाजार में कांता ने अपनी पड़ोसी बिना से कहा…  बिना:   अरे हां.. मुझे तो काफी देर बाद याद आया, के तुमने कविश की हल्दी में बुलाया था… वह क्या है ना..? सुबह से इतने सारे काम थे, कि कुछ याद ही नहीं रहा… … Read more

 दरकते रिश्ते: Emotional Kahaniya

“अनूप और प्रिया आए हैं”। ममता जी कमरे में घुसते हुए पति सूरज जी से कहा । सूरज जी ने अखबार चेहरे से हटाकर पत्नी की तरफ देखा थोड़ा गुस्से से पूछा “कौन आया है ?” “आपके बेटा बहू …’और अभी आगे पति से कुछ कहती कि सूरज जी थोड़ी तल्खी से बोले “आता हूं … Read more

Short Stories In Hindi

अच्छाई बाकी है – डॉ. पारुल अग्रवाल रमाकांत जी उम्र के साठ साल पार करने के बाद भी काफ़ी ज़िंदादिल और सकारात्मक इंसान थे। कुछ दिनों से वो जब अपनी सैर से लौट रहे होते तो एक बारह-तेरह साल के लड़के को पार्क के कोने में जूतें-चप्पल की मरम्मत वाले बक्से और  कुछ पढ़ने की … Read more

नानी का गांव –   कविता भड़ाना

बहुत सालों बाद यूपी के ग्रामीण क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले प्यारे से “नानी के घर” जानें का मौका मिला गर्मियों की छुट्टी चल रही है तो मैं भी कुछ दिनों के लिए पीहर आई हुई हूं और एक दिन बातों ही बातों में मम्मी  मुझ से बोली … “चल तुझे तेरे नानी के घर … Read more

छुई मुई या चंडी – संगीता अग्रवाल | family story in hindi

” देख देख कितनी सुंदर है वो !” कॉलेज कैंपस मे खड़ी रितिका अपनी सहेली शीना से किसी की तरफ इशारा करती हुई बोली। ” हाँ यार बिल्कुल छुई मुई सी है ये तो मानो कोई छू भी दे तो मैली हो जाये !” शीना उसकी तरफ देखते हुए बोली। कैंपस मे खड़े हर विद्यार्थी … Read more

 ज्योति की ज्वाला – पूनम अरोड़ा 

      यहाँ  उल्लेख  किए गए पात्रों  के नाम और स्थान काल्पनिक  हैं लेकिन  मनोभाव सत्य । अपने नाम  की तरह  ही खूबसूरती की प्रभा को उज्जवलित  करती ,दामिनी के समान स्फुरित चमक  की लहक से उदीप्त,  अनुपम, अद्भुत  सौन्दर्य  की स्वामिनी  थी “ज्योति” । साधारण सी आय वाले साधारण सी माता पिता की इकलौती संतान थी … Read more

लिव इन –  अमित रत्ता

श्रेया बहुत ही पढ़ीलिखी होनहार होशियार और आत्मनिर्भर लड़की थी। माँ बाप का मानना था कि हमारी बेटी एकदिन हमारा नाम रोशन करेगी। श्रेया अभी बाइस साल की हुई थी। आज सुबह जैसे ही वो आफिस जाने लगी तो माँ ने टिफिन हाथ मे पकड़ाते हुए कहा कि पापा तुम्हारे रिश्ते के बारे में बात … Read more

दर्द के आँसू  – मीनाक्षी सिंह

माँ ,जल्दी आओ….देखो पापा ने फिर बिस्तर गंदा कर दिया ….आप कहां चले ज़ाते हो इनके पास से….पता हैँ ना आपको आज मेरे सिनियर सर अपनी फैमिली के साथ खाने पर आ रहै हैँ…पूरे घर में बदबू आ रही हैँ…साफ कीजिये जल्दी… बेचारी 70 वर्षीय रमावती जी को अपने सगे बेटे कुनाल के मुंह से … Read more

अब पछताये होत क्या? –  मुकुन्द लाल part 1|best hindi kahani

  रात के अंधकार को चीरते हुए बस पूरी रफ्तार से गीली सड़क पर दौड़ रही थी। रह-रहकर बादल के गरजने और बिजली के चमकने का क्रम जारी था।   पानी भी घंटे-आध घंटे के अंतराल पर बरस रहा था पर कमलेश के अंतस्थल में उमड़ते- घुमड़ते दुख के बादल उसकी आंँखों के माध्यम से लगातार बरस … Read more

यत्र तत्र सर्वत्र – मनीषा देबनाथ

अमन एक इंजीनियर होने के साथ-साथ एक अच्छा लेखक भी था। लेकिन एक इंजीनियर होने के बावजूद अमन को ज्योतिष, वास्तु, तंत्र मंत्र के विषयों में जानना और लिखना उसे बहुत शौक था।रात के दो बजे थे। अमन एक जन्मपत्री का अध्ययन कर रहा था। वह संसार की सुध-बुध खोये एक अनजान लड़की की कुण्डली … Read more

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