छुई मुई या चंडी – संगीता अग्रवाल | family story in hindi

” देख देख कितनी सुंदर है वो !” कॉलेज कैंपस मे खड़ी रितिका अपनी सहेली शीना से किसी की तरफ इशारा करती हुई बोली।

” हाँ यार बिल्कुल छुई मुई सी है ये तो मानो कोई छू भी दे तो मैली हो जाये !” शीना उसकी तरफ देखते हुए बोली।

कैंपस मे खड़े हर विद्यार्थी की निगाह उसकी तरफ उठ गई । दूधिया रंग पर गुलाबी सूट और चेहरे पर आती एक लट कुल मिलाकर वो खूबसूरती की मिसाल थी लड़के तो लड़के लड़कियां भी उसकी खूबसूरती देख हैरान थी। 

” रोहन देख कॉलेज मे नया माल आया है !” तभी लड़को के एक ग्रुप मे से कोई बोला।

” अच्छा …ये माल एक हफ्ते के अंदर अंदर रोहन की जेब मे होगा !” एक लड़का जो दिखने मे सुंदर था और अमीर बाप की औलाद लग रहा था वो बोला। 

” जा ना उससे परिचय बढ़ा !” एक दूसरे लड़के ने कहा।

रोहन स्टाइल मारता हुआ उस नई लड़की की तरफ बढ़ा और जानबूझ कर उससे टकराया।

” माफ़ कीजियेगा मिस….मैने आपको देखा नही वैसे मेरा नाम रोहन है फाइनल ईयर का स्टूडेंट हूँ मैं आपको कभी देखा नही आप शायद नई आई है यहाँ मिस …?” रोहन जमीन पर गिरा लड़की का बैग उसे देते हुए बोला।

” सलोनी …सलोनी नाम है हमारा फर्स्ट ईयर मे एडमिशन लिया है हमने !” वो लड़की इतना बोल रोहन को धन्यवाद बोल बैग ले चलती बनी। 

रोहन जो कॉलेज मे सिर्फ अपने विधायक पिता के रुतबे का रोब दिखाने को आता था पढ़ाई से उसका कोई वास्ता था ही नही किसी तरह नकल कर यहां तक पहुंचा था उसका कॉलेज आने का मकसद यही था खूबसूरत लड़कियों को अपने जाल मे फंसाना। उसका रहन रहन और स्मार्टनेस देख ज्यादातर लड़कियां भी उसकी तरफ आकर्षित हो जाती थी। अब उसका पूरा फोकस सलोनी को अपने जाल मे फंसाने पर था। वैसे भी उसने दोस्तों से शर्त लगा ली थी तो उसे जल्द से जल्द सलोनी को शीशे मे उतारना था इसलिए वो अक्सर जानबूझ के सलोनी से टकराने लगा पर सलोनी उसे ज्यादा भाव नही देती थी ।

” सुनो सलोनी आज मेरा जन्मदिन है तो कॉलेज के बाद पार्टी के लिए चलोगी ?” छह दिन बाद उसने सलोनी के कॉलेज आते ही पूछा।

” जन्मदिन की बहुत शुभकामनाएं आपको पर  माफ़ कीजियेगा रोहन जी हम पार्टियों मे नही जाते !” सलोनी ने शालीनता से कहा और आगे बढ़ने लगी।

” अच्छा तो मूवी देखने चलना वो तो देखती होंगी ना ?” रोहन तेजी से उसके पास आ बोला।

” जी हमें कॉलेज से सीधा घर जाना होता है !” ये बोल सलोनी तेजी से निकल गई। दूर खड़े रोहन के दोस्त उसपर हँसने लगे। रोहन के लिए ये असहनीय हो गया कि कोई लड़की उसे मना करे वो आक्रोश मे भर गया। 

कॉलेज के बाद रोहन अपने दोस्तों के साथ गेट पर खड़ा था  पास ही सलोनी भी खड़ी थी  तभी एक बाइक आकर रुकी और सलोनी उसपर बैठ गई।




” अरे अरे इनमे क्या हीरे लगे है जो आप इनके साथ चिपक कर बैठी है और मुझे साफ इंकार कर दिया।” रोहन व्यंग्य से बोला तो बाकी सभी हँसने लगे।

” तेरी तो …!” बाइक पर बैठा लड़का गुस्से मे उतरने लगा पर सलोनी ने उसे रोक दिया तो उसने बाइक स्टार्ट की और चलता बना।

” ये तूने अच्छा नही किया जो इस लंगूर के लिए रोहन को इंकार किया !” पीछे से सलोनी को रोहन की आवाज़ सुनाई दी ।

अगले दिन सलोनी जैसे ही कॉलेज पहुंची उसे गेट पर रोहन दिखाई दिया जिसे नज़रअंदाज कर सलोनी आगे बढ़ने लगी पर रोहन ने उसका रास्ता रोक लिया।

” हमें जाने दीजिए हमारा रास्ता छोड़िये !” सलोनी बोली।

” अच्छा कल अपने यार के साथ तो बड़ा चिपक कर बैठी थी और मेरे सामने बड़ी सती सावित्री बन रही थी । रोहन जी  हम पार्टी मे नही जाते !” रोहन उसका मजाक बनाते हुए गुस्से मे बोला। तब तक कॉलेज के गेट पर बहुत से विद्यार्थी इक्कट्ठा हो गये थे।

” हमें आपसे कोई बात नही करनी जाने दीजिये हमें !” इस बार सलोनी थोड़े आक्रोश से बोली।

” ऐसे कैसे जाने दूँ जानेमन !” ये बोल रोहन ने उसके गले मे बाहे डाल दी। कुछ विद्यार्थी उनका वीडियो बनाने लगे। कुछ सलोनी के लिए डरे हुए थे क्योकि उनको लग रहा था ये छुई मुई सी लड़की तो गई आज। पर तभी वो हुआ जिसकी कल्पना तक किसी ने नही की थी। सलोनी ने अपनी एक लात घुमा कर रोहन की टांग पर मारी जिससे रोहन लड़खड़ा गया। 




” तेरी ये मजाल रोहन से पंगा ..!” ये बोल उसने अपनी जेब से एक शीशी निकाली जिसमे तेजाब थी जिसे वो सलोनी को डराने को लाया था । उस शीशी को देख वहाँ मौजूद सभी विद्यार्थी डर गये कुछ लड़कियां को अंदर की तरफ भागी। डर तो थोड़ा सलोनी भी गई थी पर वो सावधान थी । पास खड़े पता उन्हे ऐसे देख रहे थे मानो शेर के जबड़े मे बकरी फंसी हो। 

रोहन ने शीशी खोली और वो सलोनी की तरफ बढ़ने लगा । सलोनी की निगाह रोहन के हाथ पर ही थी। जैसे ही रोहन पास मे आया सलोनी  झटके से रोहन का खाली हाथ पकड़ मोड़ कर उसकी पीठ पर ले आई सब हैरानी से सलोनी के इस दाव को देख रहे थे रोहन अपना हाथ छुड़ाने को कसमसाने लगा साथ ही गुस्से मे सलोनी को अपशब्द भी बोल रहा था। 

इधर उस छुई मुई सी लड़की के चेहरे पर अब आक्रोश था उसने रोहन का हाथ ओर कसकर मरोड़ा ” कितनी गंदी सोच है ना तुम जैसे लोगो की लड़की को शीशे मे उतारो ना उतरे तो उसके चरित्र पर ऊँगली उठाओ । कल हमारे साथ हमारा भाई था पर तुम जैसे गंदी सोच के लोगो को हर जगह गंदगी ही नज़र आती है । पर मिस्टर रोहन इस बार तुमने गलत लड़की से पंगा लिया है । हमसे पंगा लेने से पहले जरा हमारे बारे मे जानकारी निकाल लेते हम कराटे मे ब्लैक बेल्ट चेम्पियन है तुम जैसे कितने सडक छाप गुंडों को सडक की धूल चटाई है हमने।” आक्रोश से भरी सलोनी चिल्ला कर बोली। 

 उसके ऐसा बोलते ही रोहन ओर ज्यादा गुस्से मे भर गया। गुस्से मे वो ये भी भूल गया कि उसके दूसरे हाथ मे तेजाब की खुली बोतल है उसने अपना वो हाथ जैसे ही बचाव के लिए घुमाया सारा तेजाब उसके ही मुंह पर आ गिरा। चिल्लाता हुआ रोहन जमीन पर गिर पड़ा और तड़पने लगा। सभी विद्यार्थी उसे तड़पते देख सकते मे आ गये । वो लोग सलोनी को अचरज से देख रहे थे क्योकि वो उसे क्या समझते थे और सलोनी क्या निकली आज उन्हे सलोनी छुई मुई नही चंडी नज़र आ रही थी।




तभी वहाँ कुछ लड़किया प्रिंसिपल और बाकी टीचरों के साथ आई। रोहन को जमीन पर तड़पते देख वो माजरा समझ गई। उसकी हरकतो से वो अच्छे से वाकिफ थी ही। फिलहाल उन्होंने एम्बुलेंस बुला रोहन को अस्पताल भेजा । रोहन के विधायक पिता को जब सब पता लगा तो वो आक्रोश मे भरे अस्पताल आये और सलोनी के बारे मे पूछने लगे। पुलिस भी वहाँ मौजूद थी । जो लोग रोहन की हरकतो से परेशान थे उन्होंने रोहन के खिलाफ बयान दिया और बाकी कसर उन वीडियो ने पूरी कर दी जो कुछ विद्यार्थियों ने बनाई थी । सुबूतों के आधार पर सलोनी निर्दोष थी। रोहन को कॉलेज से भी निकाल दिया गया क्योकि चुनाव नजदीक थे इसलिए रोहन के पिता ने भी मामले को खत्म करने के लिए सलोनी और बाकी सबसे माफ़ी मांग ली। जो विद्यार्थी रोहन से परेशान थे उनके लिए सलोनी हीरो बन चुकी थी अब उसे कोई छुई मुई नही कहता था बल्कि उसे नया नाम मिला था चंडी का। 

आपकी दोस्त 

संगीता अग्रवाल

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