बहु जब लड झगड़कर अपने मायके पहुंची तब उसे हुआ आत्मग्लानि का एहसास !! (भाग 2 ) – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

 Moral Stories in Hindi : खत पढ़ते पढ़ते मगनलाल जी को लगा जैसे उनके पीछे कोई खडा हैं उन्होने पीछे देखा तो चंदाजी खड़ी थी !! वे बोली क्या पढ़ रहे हैं जी ?? मगनलाल जी बोले तुम्हारी बड़ी बहू मायके जाने से पहले या खत लिखकर छोड़ गई है बस वही पढ़ रहा हूं … Read more

क्या कोई इतना त्याग कर सकता है – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज बहुत दिनों बाद घर में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी थी…. सालों से माँ बनने के सपना देखती कृति आख़िर आज माँ जो बन गई थी… सास सुभद्रा जी के ताने भी शायद अब ख़त्म हो जाएँ पर क्या सच में कृति माँ बनी थी…. आइए आगे पढ़ते है… … Read more

बहु जब लड झगड़कर अपने मायके पहुंची तब उसे हुआ आत्मग्लानि का एहसास !! (भाग 1) – स्वाति जैन : Moral Stories in Hindi

 Moral Stories in Hindi :निकल जाओ तुम लोग अभी की अभी मेरे घर से , भगवान यह दिन दिखाने से पहले काश मुझे उठा लेते , इतने सालों से जो परिवार एक साथ रहा मैं नहीं जानता था वह इस तरह टूटेगा , क्या यही दिन देखने के लिए तुम लोगों को इतना बडा किया … Read more

*स्पष्ट वादिता* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  नीरज की अभी छह महिने पूर्व शादी हुई थी, और उसे आज उसके ससुराल बुलाया गया था। नीरज का ससुराल बहुत पैसे वाला था, और रोमा उनकी इकलौती, लाड़ली बेटी थी। नीरज बेहद खूबसूरत,लम्बापूरा नौजवान था। जो देखता, देखता ही रह जाता। प्रभावशाली व्यक्तित्व था उसका। नीरज और रोमा एक … Read more

आत्मग्लानी – माधुरी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : एसी कोच में बैठे होने पर भी सुधा जी केचेहरे पर पसीना आ रहा था,बगल में बैठे पति मनोहरजी ने पूछा   क्या बात है है तबियत तो ठीक है न तुम्हारी इतना पसीना क्यों आरहा है फिर।नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही मन में कुछ पिछली कडबी यादें सिर उठा … Read more

आत्मग्लानी – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : एक तो सर्दियों के दिन वैसे ही छोटे होते हैं उस पर से ठंड में काम करने का मन भी नहीं करता। रजनी को भी काम निपटाते निपटाते 1:00 बज गया, सोचा.. बच्चों को आने में एक घंटा है तब तक थोड़ी देर धूप का आनंद ले लिया जाए! जैसे … Read more

तू हमारी बहु नही बेटी है – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रागिनी के आंसू आज फिर छलछला आए….. जब भी वो ये तस्वीर देखती उसका दर्द उसके आंसू बनके बह निकलता। “तू फिर ये तस्वीर ले बैठी, कितनी बार कहा है मत देखा कर ये तस्वीर , सविता जी ने अपनी बहु के हाथ से तस्वीर छीनते हुए कहा”                                  “रागिनी, मेरी … Read more

ना मुझे आपके पैसे चाहिए ना ही आपकी संपत्ति : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : वरुण एक आधुनिक सोच वाला युवा था।  वह कोई प्राइवेट नौकरी करता था नौकरी के साथ-साथ एक समाजसेवी भी था। उसकी नौकरी से अच्छी खासी  आमदनी हो जाती थी जिससे उसका गुजारा सही ढंग से चल रहा था।  लेकिन वहीं पर उसके माता-पिता  थोड़ा पुराने खयालातों के थे। समाज सेवा … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 30) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“रातों रात ऐसा क्या कर दिया भाभी आपने कि भैया के सुर बदले बदले हैं, जो भैया बुआ को किसी से बांटना नहीं चाहते थे, संभव भैया से भी नहीं। संभव भैया तो इस बात से काफी दिन नाराज भी रहे थे और आज मेरे भैया पर इस जादू की पुड़िया ने ऐसा क्या जादू … Read more

आज़ादी।-  कामनी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ना मुझे आपके पैसे चाहिए ना आपकी संपत्ति…  मैं अब बच्ची नहीं हूँ। अपने तरीके से जीने दो मुझे। कहते हुए कोमल पैर पटकते हुए घर से बाहर चली गई। मम्मी और पापा खुद को दोषी मानते हुए आज फिर एक दूसरे से यही बात करते रहे… नहीं, हमें बच्चों … Read more

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