वापसी (रिश्तों की) भाग–3 – रचना कंडवाल

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि बरखा सुनिधि को उसके पापा के बारे में बताना चाहती है। और अपनी मां को रूम से बाहर जाने को कहती है अब आगे– बैठो, सुनिधि को कह कर बरखा हारे हुए जुआरी की तरह बेड पर बैठ गई। सुनिधि काऊच पर बैठी हुई थी। तुम्हारे पापा के बारे … Read more

बड़े भाई सा पिता या पिता सा बड़ा भाई – लतिका श्रीवास्तव

ट्रेन पूरी रफ्तार से चली जा रही थी….पर अजय का अधीर मन तो जैसे आनंद के पास वैसे ही चला गया था..कल रात में ही आनंद का फोन आया” भैया ,आप तत्काल यहां आ जाओ ,आपकी ही जरूरत है आप नहीं आओगे तो मेरा क्या होगा…”अजय तो घबरा ही गया “क्या बात है बेटा ?तुमका … Read more

अनमोल धन….!-विनोद सिन्हा “सुदामा”

माँ कुछ खाने को दो बेटे वैभव की आवाज सुनते ही सुनंदा का ध्यान भंग हुआ.!बस थोड़ी देर बेटा चावल पक जाने दे तुरंत देती हूँ कहते ही सुनंदा के आँखों में आँसू आ गए….पर बच्चे से छीपा लिया क्योंकि उसे पता था कि बेटे से वह अपना दर्द नहीं बांट सकती परस्थितियाँ जो बदल … Read more

बड़ा भाई पिता समान होता है-गीता वाधवानी

साधारण वेशभूषा और असाधारण व्यक्तित्व। बात करते तो मानो मुख से फूल बरसते, सामने वाला मंत्रमुग्ध होकर उनकी बात सुनता ही रह जाता और उसे स्वयं को क्या कहना था यह भूल ही जाता। छोटा हो या बड़ा सबको अपने स्नेह में बांध लेते हमारे बड़े भैया लक्ष्मण।        हम कुल चार भाई है। जब हम … Read more

मै एक कहानी “बेबसी” – रीमा ठाकुर

आज उर्मि की सांसे थम थम कर चल रही थी!  अतिंम बार उसने हिमम्त कर पलट कर देखने की कोशिश की “ सब ओर खून ही खून बिखरा पड़ा था!  उसने उठने की कोशिश की, पर उठ न पायी “ मेरा श्रेष्ठ,  उसने फिर से नजरें घुमायी “ कुछ दूरी पर आठ महिने का बच्चा … Read more

“वैराग्य क्यूँ..?” – रंजना बरियार

एक समय था जब माली के बेटे सोनू को आम का पौधा लगाते देख नीलिमा जी ने पूछा था “कहाँ से लाकर पेड़ लगा रहा है सोनू?” आँटी जी, आज बाबा ने मुझे सौ रुपये दिये, कहा “मैं तो तुझे पढ़ा नहीं सकूँगा..एक-एक आम का पौधा  मेरे पाँच घरों में लगा ले, बीस साल बाद … Read more

वीरागंना – रीमा महेन्द्र ठाकुर

वीरागंना – रीमा महेन्द्र ठाकुर आज फिर उदास बैठी थी “कर्णिका, कोई रास्ता न बचा धा।  भाग निकलने का, राजा साहब बन्दी बना लिए गये थे “गौरवमय इतिहास धूल धूसरित हो चुका था।  पर अब नारी सम्मान की बात थी। राजकुमारी कर्णिका पीछे  हटने वालो मे से न थी।  वो साहस के साथ उठ खडी … Read more

बड़ा भाई भी पिता का ही रूप होता है। – संगीता अग्रवाल

” क्या बात है संदीप बेटा परेशान नजर आ रहे हो सब ठीक तो है ?” ऑफिस में संदीप से उम्र और ओहदे दोनो में वरिष्ठ सिन्हा जी ने पूछा।  ” जी सिन्हा साहब बहन की शादी करनी है पर कोई रिश्ता अभी समझ नही आया !” संदीप ने कहा।  ” क्यों बेटा ऐसी क्या … Read more

बड़ा भाई पिता जैसा ही होता है – राम मोहन गुप्त

अन्नू तुम यह ठीक नहीं कर रहे हो सुनते ही अन्नू, अमन पर फट पड़ा और बोला हाँ मैं कब और कहाँ कुछ भी ठीक करता हूँ, अच्छा करने और अच्छे बने रहने का ठेका जो है तुम्हारे पास। अपने छोटे भाई अनुज की दिल फटी बातें सुनते ही अमन की आँखें भर आईं और … Read more

बड़ा भाई पिता जैसा ही होता है – प्रीती सक्सेना

पतिदेव का जन्म दिन है, काफी लोग आने वाले है, मैं माया जल्दी जल्दी तैयारी करती जा रही हूं, बेटी को नाश्ता करा दिया, मेरा छोटा नन्हा शायद भूखा है, इसलिए दादी की गोद में मचल रहा है, दूध पिला ही देती हूं, वरना सम्भालना मुश्किल होगा, लाइए मम्मी सनी को मुझे दे दीजिए, बेटे … Read more

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