अछूत कन्या – रीता मिश्रा तिवारी

रात दो बजे.. हावड़ा स्टेशन पर ट्रेन रुकते ही एक नवविवाहिता जोड़ा उतर कर टैक्सी चालक को पार्क स्ट्रीट चलना है बोल बैठ गए। फाइव स्टार होटल में प्रवेश कर कमरा बुक किया। थकावट दूर करने के लिए खाना मंगवा कर कमरे में ही खा कर सो गए । दूसरे दिन दोनों पूरा दिन कोलकाता … Read more

जुगनू – मौसमी चन्द्रा

रात का घनघोर अँधेरा!दोनों तरफ के पेड़ आदमकद भूत दिख रहे थे। रेलगाड़ी अपनी रफ्तार में थी।बोगी में सन्नाटा!सब गहरी नींद में पर जुगनू की आँखों से नींद गायब थी। उसने मोबाइल निकालकर समय देखा..2बजकर 17मिनट! छः घण्टे और!फिर वो सामने होगा अपनी दीदा के! कभी सुना था,बड़ी बहन माँ समान होती है पर जुगनू … Read more

  अब नहीं – विभा गुप्ता

  ” माँ , इस बार तुम्हारी बेटी शहर ही नहीं पूरे जिले में अव्वल आई है।आज स्कूल के फंक्शन में मुझे ‘सर्वश्रेष्ठ’ का पुरस्कार दिया जायेगा और तुम्हें ज़रूर आना है।” मिनी ने माँ को अपना रिपोर्ट कार्ड थमाते हुए कहा और स्कूल जाने के लिए तैयार होने लगी।              रिपोर्ट कार्ड देखते ही माँ की … Read more

बदलाव – रीटा मक्कड़

एक तो लॉक-डाउन के साथ कर्फ्यू ऊपर से घर पर भी दिन रात हर घड़ी हर पल का कर्फ्यू सच ही तो है पति लोग तो कर्फ्यू की वजह से घर पर हैं लेकिन हम औरतों के लिए तो घर पर ही कर्फ्यू लगा हुआ है जिसमे कोई ढील नही। दिन रात सबकी फरमाइशों को … Read more

वो सुनहरे दिन – नीरजा कृष्णा

आज मधुरिमा को बाहर का भी बहुत काम था और ऐन वक्त पर मेड भी धोखा दे गई थी। बेचारी परेशान होकर जल्दी जल्दी काम निपटाने की कोशिश कर रही थी। वो बहू की अफ़रातफ़री समझ भी रही थीं और महसूस भी कर रही थीं। वो पूजा समाप्त कर उसके पास आईं और सब्ज़ी वगैरह … Read more

बाड़ – सुनीता मिश्रा

“अरे मार ही डालेगा क्या बहू को,छोड़ पेट से है वो,बच्चे को चोट लगी तो दोनों के जान पर बन आयेगी।”जानकी बेटे पर बरस पड़ी।जो अपनी पत्नी से,जबरदस्ती उसके हाथ की सोने की चूड़ी उतरवा रहा था और निर्मला(उसकी पत्नी) चूड़ी उतारने नहीं दे रही थी। जानकी का बेटा, मुन्ना बाबू। खानदान मे एक लम्बे … Read more

विदाई – अनामिका मिश्रा

आज निर्मला बिस्तर पर लेटी पुरानी यादों में खो गई थी। काफी दिनों से बीमार थी। निर्मला के दो बेटे थे। छोटा बेटा प्रदीप लाडला था निर्मला का। कहने लगा, “मां चलो तुम हमारे साथ रहना, मैं देख रहा हूं, तुम यहां आराम से नहीं हो, भाभी भी तुम्हारा ख्याल नहीं रख पा रही है,रीना … Read more

राधा जिज्जी – अनुपमा

राधा दीदी जरा गोलू को संभाल लो बहुत परेशान कर रहा है बड़की बहु की आवाज से राधा गोलू को गोदी मैं उठा ही रही थी की पीछे से मानसी पूछ बैठी दीदी क्या बनेगा खाने मैं आज ? राधा ने उसको कहा जो भी हो उसी हिसाब से बना लो यही रहता था उसका … Read more

धुँधला होता रंग – सरला मेहता

अभी अभी पद्मा राजेंद्र की दिल की कलम से लिखा आलेख पढ़ा,,, *क्या आप भी ?* और सच इस पान प्रकरण ने कई यादें ताज़ा कर दी। यूँ देखा जाए यह शनै शनै विलुप्त प्रजाति की श्रेणी में भी आ सकता है। मुखवास के नए साधनों की कमी नहीं है। कई तरह के पान मसालों … Read more

बड़ी बहन भी मां ही होती है,,,-सुषमा यादव

दोनों बहनों में पांच वर्ष का अंतर है,, जहां छोटी बहन गोरी,गोल मटोल, चंचल, मस्त अल्हड़, खूब बातूनी और खिलखिला कर हंसने वाली, साथ ही शैतान भी बहुत थी,,, वहीं पर, बड़ी बहन का रंग थोड़ा दबा हुआ सा,, शांत, गंभीर, प्रकृति वाली,,, बस ख़ामोश भरी निगाहों से सबको ताकती रहती पर बोलती कुछ नहीं,,जब … Read more

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