रिक्त स्थान (भाग 19) – गरिमा जैन

पता है रेखा मैं ,पूनम, स्वाति, नैना सब बचपन में एक साथ, एक ही स्कूल में पढ़ते थे । नैना हमारे ग्रुप में नहीं थी लेकिन हमारी अच्छी दोस्त जरूर थी। नैना बचपन में ऐसी नहीं थी जैसी वह बड़ी होकर बन गई लेकिन इसमें उसकी भी क्या गलती थी!!मुझे आज भी याद है हम … Read more

रिक्त स्थान (भाग 18) – गरिमा जैन

आज बहुत खुशी का दिन है ।आज रेखा और जीतेंद्र दोनों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज मिल गया है। रेखा कितने दिनों के बाद आज अपने घर में इत्मीनान की नींद सोएगी लेकिन जितेंद्र को रात में नींद नहीं आ रही ।उसे रेखा से ढेरों बातें करनी है , रेखा को कितना कुछ बताना है ।उसके … Read more

रिक्त स्थान (भाग 17) – गरिमा जैन

रात के 1:00 बज चुके थे। अचानक रूपा को इंस्पेक्टर विक्रम का फोन आता है ।रूपा चौक जाती है!! विक्रम गंभीर आवाज में कहते हैं “रूपा क्या तुम रेखा के मां-बाप को लेकर चौराहे तक आ सकती हो? मैं यही पुलिस की गाड़ी में तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं  । “क्या हो गया जीजू! सब … Read more

रिक्त स्थान (भाग 16) – गरिमा जैन

रूपा मैं विक्रम बोल रहा हूं जल्दी करो फॉरेन पुलिस थाने आ जाओ। बहुत जरूरी बात तुम्हें बतानी है ।रूपा 15 मिनट के अंदर इंस्पेक्टर विक्रम के साथ थी। “रूपा देखो एक और मेल आई है , किडनैपर की तरफ से!! हम इसे कई बार देख रहे हैं ,इसमें रेखा कुछ अजीब से शब्द बड़बड़ा … Read more

कैसी मां हो तुम : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शनिवार के साप्ताहिक बाजार से सरिता अपनी सास की मनमसंद सब्जियां खरीद लाई थी।क्रिसमस की इस बार लंबी छुट्टी पड़ी थी।सासू मां की खुराक बहुत ही कम थी,जीभ पर भी लगाम लगा कर रखतीं थीं वह।रोज़ तो सरिता सुबह बनाकर जाती थी और काम वाली दीदी समय पर गर्म करके … Read more

खानदान – सुषमा यादव : Moral Stories in Hindi

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Moral Stories in Hindi : तुमने तो हद ही कर दी। इतनी रात को अकेले घर से भागकर बारह कोस चलकर अपनी ससुराल से यहां मायके भाग कर आई हो। अभी भोर है, इससे पहले की गांव वाले तुम्हें देखें,सौ सौ बातें बनाये, तुम फौरन वापस लौट जाओ। गुस्से में कुसुम के भैया उसे डांट … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 37) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“बेटा, विनया को अकेले खाने की आदत नहीं है। वो अकेली नाश्ता तो नहीं करेगी। क्यों ना हम डॉक्टर से मिल कर घर ही आ जाएं।” गाड़ी के आगे बढ़ते ही अंजना पीछे छूटते जा रहे पेड़ पौधों को देखती हुई कहती है। “ओह हो माँ, कितना सोचती हो। भैया ने उसकी भी व्यवस्था कर … Read more

सन्नाटा – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“आज माँ के कमरे में जाने का जरा भी मन नहीं कर रहा था… उसको गए अभी सप्ताह भर ना हुआ था और हम दोनों भाई बहन को एहसास हो रहा था….. माँ का होना और ना होना क्या होता है…आज कमरे में चारों तरफ़ सन्नाटा पसरा हुआ था….ये सन्नाटा भी हमने ही तो चाहा … Read more

तू अच्छी सास बनकर दिखा। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

अरे! क्या हुआ? बहू पर इतना गरम क्यों हो रही है? जब देखो तेरा तो दिमाग ही चढ़ा रहता है, अपने स्वभाव में नरमाई ला, पर तू तो मेरी कभी सुनती ही नहीं है, सास बन गई पर बहू को ढ़ंग से रखने की तुझमें अभी तक भी अक्ल नहीं आई, प्यार और दुलार से … Read more

एक प्यार ऐसा भी …(भाग – 7) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : – आप सबने अभी तक पढ़ा कि निम्मी और राजू दो मासूम 15 साल के बच्चे है… उन्हे नही पता कि प्यार क्या होता है…. बस बचपन से साथ रहे, साथ खेले….. पता नही कब एक दूसरे की फिक्र करने लगे…. तभी तो जब निम्मी को उसकी रानी मौसी अपने … Read more

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