गंवार  – मनीषा गुप्ता: Moral Stories in Hindi

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शालिनी गांव की कम पढ़ी-लिखी परंतु सुंदर सुशील लड़की थी, रामदास जी को शालिनी में पता नहींऐसा क्या पसंद आया कि उन्होंने अपने बेटे शेखर के लिए शालिनी को पसंद कर लिया। परिवार के अन्य सदस्य सास, देवर और ननद को वह अधिक पसंद नहीं थी। पति शेखर को उसका सीधापन और सादगी पसंद आ … Read more

परिश्रम का आशीर्वाद – संगीता त्रिपाठी  : Moral Stories in Hindi

 बाहर से अख़बार उठाते ही कुछ पम्पलेट बाहर गिर गये, सबको उठाते हुये एक पम्पलेट पर स्नेहा की नजर रुक गई, एक नामी ब्रांड ने, अपने ब्रांड स्टार के नाम से “मिसेज स्टार “की प्रतियोगिता रखी है.., स्नेहा का मन जिज्ञासा से भर गया ..।खुली आँखों से मिसेज स्टार बनने का सपना देखने लगी..।     उसे … Read more

” समाज सेविका ” : Moral Stories in Hindi

समाज सेविका नलिनी को एक अनाथाश्रम का फीता काटने को बुलाया । फीता कटाने के बाद उनसे दो शब्द बोलने को कहा गया। ” भाइयो और बहनो तथा सभी प्यारे बच्चो मेरा जीवन तो गरीबो को समर्पित है । जब देखती हूँ किसी गरीब बच्चे को भूख से व्याकुल होते , या किसी छोटू को … Read more

आशीर्वाद – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

मनुष्य का जीवन पल-पल परिवर्त्तनशील  है।कभी तो उसकी जिन्दगी में निराशा का गहन तिमिर छा जाता है तो कभी ईश्वर के आशीर्वाद स्वरुप उसकी झोली खुशियों से भर जाती है।आज विभा की वर्षों की ख्वाहिश पूरी हो गई है।उसके जीवन से निराशा के बादल छँट  चुके हैं। आज के सूरज का उजियारा उसके जीवन में … Read more

डिज़ाइनर जुड़ा – बीना शर्मा: Moral Stories in Hindi

विमला बड़ी बेचैनी से अपनी बेटी मोनिका और जमाई मयंक का मैरिज होम से आने का इंतजार कर रही थी बड़ी ख्वाहिश थी उनकी अपनी बेटी का विवाह देखने की उसे अपना आशीर्वाद देकर घर से विदा करने की जिसके लिए वह खुशी-खुशी विवाह की सारी तैयारी कर रही थी इससे पहले की वें बेटी … Read more

ससुराल के चार दिन ( भाग -4)- माता प्रसाद दुबे : hindi Stories

hindi Stories : चार दिन बीत चुके थे, उर्वशी को विदा कराने के लिए लखनऊ से उसका भाई रंजीत आया हुआ था। उर्वशी को अपने साथ ले जाने के लिए,जिसे देखकर उर्वशी को कोई प्रशनन्ता नहीं महसूस हो रही थी। सच्चाई तो यह थी कि वह अभी जाना ही नहीं चाहती थी। ससुराल में बिताए … Read more

ससुराल के चार दिन ( भाग -3)- माता प्रसाद दुबे : hindi Stories

hindi Stories : “ऐसा कुछ नहीं होगा मम्मी!वह बहुत अच्छी है,वह कभी भी अपने बेटे से दूर मुझे गांव में रहने के लिए नहीं कहेंगी,वह बहुत ही समझदार है” उर्वशी कौशल्या देवी की बातों को अनसुना करते हुए बोली। “और मैं बेवकूफ हूं,जो तू एक बार मिलने से ही अपनी सास के गुण गा रही … Read more

ससुराल के चार दिन ( भाग -2)- माता प्रसाद दुबे : hindi Stories

hindi Stories : “रवि बेटा! मुझे उर्वशी बेटी बहुत पसंद है,तुम बिना देर किए उर्वशी के माता-पिता को निमंत्रण देकर अपने गांव वाले घर पर बुलाओ, में जल्दी से जल्दी तुम दोनों की शादी करना चाहती हूं” शांति देवी उर्वशी को अपने गले लगाते हुए बोली। शांति देवी की बात सुनकर उर्वशी के मन की … Read more

ससुराल के चार दिन ( भाग -1)- माता प्रसाद दुबे : hindi Stories

hindi Stories : रवि की रेलवे में नौकरी लगने के बाद वह लखनऊ शहर में रेलवे कालोनी में अकेले ही रहता था, कुछ दिन तक उसके पास उसकी मां शांति देवी,बहन पायल,व भाई राजेश,बारी-बारी से उसके पास आकर रहते थे,और वापस गांव अपने घर चले जाते थे, रवि का मन भी गांव में ही रमा … Read more

सदा सुहागन रहो – पूजा गीत : Moral Stories in Hindi

मेरे पड़ोस में ६५ वर्षीय सलिल और उनकी ६२ वर्षीय पत्नी सुधा रहते हैं। मैं जब भी आंटी को प्रणाम कहती या तीज त्याहारों में पैर छूती, वो सदा सुहागन रहो, सौभाग्यवती भवः का आशीर्वाद देतीं। अंकल आर्मी से सेवानिवृत्त हैं जिसका असर उनके व्यक्तित्व में स्पष्ट देखा जा सकता है अर्थात वो काफी अनुशासनप्रिय … Read more

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