लौट आओ अपराजिता (भाग 2) – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

जैसा कि आप लोगों ने प्रथम भाग में पढ़ा अपराजिता जो कि जिलाधीश है,प्रदेश में चुनाव के चलते सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह सुदृढ़ बनाए रखने के लिए काफ़ी व्यस्त चल रही थी पर चुनाव के अच्छे ढंग से निबटने के बाद उसको बहुत दिनों के बाद अवकाश मिलता है। जिसमें वो किसी अज्ञात लेखक … Read more

लौट आओ अपराजिता (भाग 1) – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

प्रदेश में होने वाले चुनावों की वजह से शांति व्यवस्था बनाए रखनी की सारी जिम्मेदारी शहर की जिलाधीश अपराजिता के कंधों पर थी। आज चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हो गए थे। अभी परिणाम आने में थोड़ा समय था। इतने दिन से शांति व्यवस्था सफलतापूर्वक बनाए रखने के लिए वो और उसकी टीम दिन रात एक किए … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग – 16) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : थोड़ी देर बाद कैलाश जी और सरला जी भी अस्पताल आये उन्हे ये उम्मीद थी की अब तक तो मीनाक्षी को होश आ गया होगा पर उन्हे निराशा ही हाथ लगी। तभी केशव अनिता जी के पास से उठा और मीनाक्षी के कमरे के बाहर पहुंचा। ” मीनू तुम मेरी … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग – 15) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : ” मीनाक्षी के पापा हमारी बेटी ठीक तो हो जाएगी ना , हमारी तो सारी दुनिया वही है उसे इस हालत मे देख मेरा तो कलेजा मुंह को आ रहा है !” अनिता जी पति के कंधे पर सिर रखते हुए बोली। ” चिंता मत करो भगवान इतना निष्ठूर नही … Read more

जोरू का गुलाम (भाग -2)- लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बिचारी आनंदी दुखी हो जाती है सुन सुन कर उसे ऐसा लगता है जैसे जोरू का गुलाम एक इल्जाम है जो उसके कारण मेरे ऊपर लगाया जाता रहता है। अरे भाभीजी पलाश भइया पर क्या जादू किया है आपने हमें भी सीखा दीजिए पलाश के मित्रों की पत्नियां अक्सर उसे छेड़ती थीं। घर पर कोई … Read more

जोरू का गुलाम (भाग -1)- लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रहने दे बेटा मां को छोड़ तू तो जा अपनी बीबी की ही तीमारदारी कर …..राजमोहन जी ने बहुत धीमे से दांत दबाकर कहा था लेकिन फिर भी अंत का शब्द जोरू का गुलाम पलाश के कानों में पड़ ही गया था। पत्नी आनंदी के साथ पलाश का हंसी ठिठोली … Read more

“बंजर होते मन” – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

“कैसी बात कर रही है भाभी आप” भईया को गए अभी दो महीने भी नही हुए और आप ने अपनी ननद के लिए इतना घटिया सोच लिया। हम बहन, बेटियों के लिए हमारा मायका सलामत रहें, हमारी बस यहीं चाह होती है एक बात और बता दूं भाभी की आपके प्यार ओर सम्मान के अलावा … Read more

आशीर्वाद – अंजू गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

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“संसार में रूप सबके सिर चढ़कर बोलता है” जानवी ने यह अब जाना था। साधारण नैन नक्श पर ह्रदय से कोमल और समझदार बीस वर्षीया जानवी ग्रेजुएशन कर चुकी थी और अब उसके लिए उपयुक्त रिश्ता देखा जा रहा था। पर, उसका गेहुआं रंग और साधारण कद काठी उसके सबसे बड़े दुश्मन प्रतीत हो रहे … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 27) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“हह..हह..हह”…. विनया को अंजना के गले लगते देख और अंजना को उसकी पीठ सहलाते देख बड़ी बुआ के मुॅंह में धरा निवाला गले में जाकर अटक गया था क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि अभी अंजना विनया को खुद से अलग करके रसोई की ओर बढ़ जाएगी। लेकिन ये क्या अंजना तो उसे और जोर से … Read more

कैसा ये इश्क है ( भाग – 14) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : केशव एक बार तो आवाज़ देते मुझे मैं सब भुला लौट आती पर तुमने तो यूँ मुंह फेर लिया जैसे कोई रिश्ता ही नही था हममे !” मीनाक्षी के दिल से आवाज़ आई। ” मन कर रहा है अभी तुम्हे बाहो मे भर लूँ और कहूँ तुम होती कौन हो … Read more

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