कैसा ये इश्क है ( भाग – 7) – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : वक़्त बीतता गया पर केशव को नौकरी नही मिली कही मिलती भी तो सैलरी कम होने के कारण केशव इंकार कर देता। हर दिन के साथ केशव का व्यवहार मीनाक्षी के प्रति खराब होता जा रहा था । मीनाक्षी केशव से प्यार करती महज इसलिए वो सब कुछ ठीक करने … Read more

आत्मसम्मान किसका बड़ा? – सविता गोयल : hindi stories with moral

hindi stories with moral :  “सगुनी, तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे झूले पर बैठने की? क्या तू भूल गई कि ये मेरा झूला है?  गंवार कहीं की… ” शकुन्तला गुस्से में अपनी नौकरानी सगुनी को जोर-जोर से डांट रही थी।          “माफ कर दो छोटी ठकुराइन, भूल हो गई। बस इतना सुन्दर झूला देखकर मन कर गया … Read more

परिवर्तन की लहर – पुष्पा जोशी : hindi stories with moral

hindi stories with moral : आज पॉंच दिन हो गए थे। घर में तनाव का माहौल चल रहा था। कोई किसी से बात नहीं कर रहा था। कोई किसी से कुछ बोलता तो भी बिल्कुल संक्षिप्त में। देवेंद्र बाबू के परिवार में कुल सात सदस्य थे। वे उनकी पत्नी सुशीला। राघव और मीरा उनके बड़े … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 20) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“माॅं मैं कुछ दिनों के लिए मम्मी के पास जाना चाहती हूॅं।” रात में डिनर के समय विनया अंजना से कहती है। अब विनया लंच और डिनर जबरदस्ती ही सही अंजना के साथ ही करती है और धीरे धीरे संपदा भी दोनों का साथ देने लगी थी।  “मनीष से पूछ लेना।” अंजना संक्षिप्त उत्तर देकर … Read more

घर – मीनाक्षी सिंह : hindi stories with moral

hindi stories with moral : रजनी क्या यार… कई दिनों से देख रहा हूँ तुम्हारी हरकतें …. लगा शायद तुम खुद ही समझ ज़ाओगी… इसलिये कुछ नहीं बोला…. झुँझलता हुआ रजनी का पति साकेत बोला…. क्यूँ ऐसा क्या मैने कर दिया जो तुम मुझ पर शादी के चार साल बाद इतना गुस्सा हो रहे हो?? … Read more

सहनशक्ति – ऋतु गुप्ता : hindi stories with moral

hindi stories with moral : निर्मला जी आज अपनी कोठी में जीवन की संध्या में नितांत अकेला जीवन व्यतीत कर रही थी ।आराम कुर्सी पर बैठी वह याद कर रही थी जिंदगी के उन पन्नों को जिसमें जिंदगी ने उन्हें बहुत कुछ दिया, आदर, सत्कार, पैसा रुतबा सब, पर उन्होंने अपने कर्कश व्यवहार के कारण … Read more

बेघर – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : hindi stories with moral

hindi stories with moral : सुबह-सुबह मैं अपने किचन गार्डन में पौधों में पानी दे रही थी तभी मोबाइल बजने लगा। मैं जल्दी से हाथ धोकर अपने रूम में आई और मोबाइल उठा लिया। शिवनाथ अंकल का फोन था। मैंने फोन उठाया  “अंकल नमस्ते ,कैसे हैं ?” “नमस्ते बेटा…!, वह बोलते हुए रुक गए। मैं … Read more

चाहत (अंतिम भाग ) – : hindi stories with moral

hindi stories with moral : “पर आप जीवन भर साथ निभाते आए उसका जो चाहे जिस्मानी रूप से हमारे सामने ना था थी पर उसकी यादें हमेशा हमारे बीच दीवार की तरह खड़ी रहीं.” “मैं आप से पूछती हूं अगर आप इन्हें यादों के भंवर जाल में रहना चाहते थे तो क्यों शादी की मुझसे? … Read more

चाहत (भाग 5 ) : hindi stories with moral

hindi stories with moral : मीरा का सर चकराने लगा था. जिस्म पसीने से तरबतर हो चुका था. पैर लड्खड़ाने लगे थे उसके. खुद को संभल नहीं पायी और पलंग पर औंधे मुँह गिर पड़ी. उसकी आंखों के आगे पूर्ण अँधेरा छा गया था और धीरे धीरे उसकी आंखे मुंदती चली गयी. फिर जब उसकी … Read more

चाहत (भाग 4 ) : hindi stories with moral

hindi stories with moral : मीरा का जन्मदिन आया तो घर में ही छोटा सा आयोजन किया गया. उसे मिले सभी तोहफे अच्छे पर जिस तोहफे में आज उसकी जान बस गई थी वो थीं वैभव की दी हुई चांद बालियां .खूबसूरत गहरे नीले रंग की वेलवेट की डिबिया में सजी बालियां उस दिन से … Read more

error: Content is Copyright protected !!