कजली – शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi
नौंवी में पढ़ती थी कजली।साधारण नैन नक्श वाली कजली घर का सारा काम निपटा कर विद्यालय आती थी।पांचवीं में थी,तब पिता चल बसे थे।मां को घर खर्च चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ती थी।ठेकेदारी में काम पर जाते हुए जवान विधवा औरत का जीना हराम हो गया था।उसी के साथ काम करने वाले एक मजदूर … Read more