कजली – शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi

नौंवी में पढ़ती थी कजली।साधारण नैन नक्श वाली कजली घर का सारा काम निपटा कर विद्यालय आती थी।पांचवीं में थी,तब पिता चल बसे थे।मां को घर खर्च चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ती थी।ठेकेदारी में काम पर जाते हुए जवान विधवा औरत का जीना हराम हो गया था।उसी के साथ काम करने वाले एक मजदूर … Read more

बस अब और नहीं – शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

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सात बजने को आये जूही अभी तक नहीं उठी थी घर में कोहराम सा मचा था। साथ ही पुष्पा जी चिल्ला रहीं थीं  कि महारानी की नींद नहीं हुई अभी तक आराम से सोई पड़ी है कब से चाय के लिए बैठे हैं। बच्चे अलग खुसर फुसर कर रहे थे  कि मम्मी अभी तक नहीं … Read more

प्यार का मौसम – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“नीले गगन के तले.. धरती का प्यार पले”, गुनगुनाता पार्थ अपनी मस्ती में चला जा रहा था। धरा गुनगुनाते पार्थ की आवाज़ सुनकर अपनी पढ़ाई छोड़ झट से अपने कमरे की खिड़की पर आ खड़ी हुई। पार्थ और धरा पड़ोसी थे.. . धरा स्नातक की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी और पार्थ इंजीनियरिंग पूर्ण कर … Read more

बहू का दर्द नाटक ही लगता है – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

“मम्मी जी, आज मेरा जी मिचला रहा है, और ये रोटी की गंध भी मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही है, आप ये रोटियां सेंक दीजिए, मैंने सब्जियां तो बनाकर रख दी है, और सलाद भी तैयार है।” मानसी ने आशा भरी नजरों से अपनी सासू मां को देखकर कहा। “ओहहह!! फिर से बंद करो अपना … Read more

इधर की उधर करना – संगीता अग्रवाल  : Moral stories in hindi

” तुम्हे पता है शालिनी कल संध्या और उसके पति में झगड़ा हो रहा था !” मीना अपनी एक पड़ोसन से दूसरी पड़ोसन के बारे में बात करती हुई बोली। ” अच्छा वो तो परफेक्ट कपल है जो कभी नहीं लड़ते …वैसे तुम्हे कैसे पता जबकि मैं भी उन्ही के पड़ोस में रहती हूं पर … Read more

एक सज़ा ऐसी भी – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

राधिका इस मोहल्ले मे अभी नई नई आई थी क्योकि वो एक सरकारी स्कूल मे शिक्षिका थी और उसका तबादला मेरठ से दिल्ली कर दिया गया था । उसके परिवार मे सास -ससुर, पति सौरभ और दो बच्चे खुशी और वत्सल थे क्योकि दोनो बच्चे आठवीं और दसवीं मे पढ़ते थे तो ऐसे अचानक स्कूल … Read more

अपनत्व भरा रिश्ता खोखला ही निकला – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

आज आसपड़ोस का हमारे जीवन पर बहुत ही प्रभाव पड़ता है, हम अनायास ही किसी की तरफ खिंचे चले जाते है। ऐसी ही मेरी सहेली शिवानी थी। शिवानी को लगता था कि उसके अंकल आंटी बहुत अच्छे हैं। उनके व्यवहार से लगता ही नहीं था, कोई वे गैर है या अपने नहीं है, धीरे- धीरे … Read more

दीवारों के मुंह भी होते हैं। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

“थोडा धीरे बोलो दीवारों के भी कान होते हैं, एक सेकेंड में बात इधर से उधर हो जायेगी, पहले काम पूरा हो जाएगा, हम तभी सबको बतायेंगे, रजनी ने अपने पति शोभित को समझाया। ये सुनकर शोभित हंसने लगा, अरे! ये सिर्फ मुहावरा हैं, भला दीवारे हमारी बाते कैसे सुनेंगी? मान लो उसने सुन भी … Read more

जब दो दोस्तों ने दिखाई अपने ही बच्चों को उनकी औकात – स्वाति जैन : Moral stories in hindi

अखिलेश जी अपनी दुकान बंद ही कर रहे थे कि उनकी नजर सर्दी में ठिठुरते उस व्यक्ति पर जा पड़ी , जिसके पास ना ओढ़ने को शाल थी और ना ही स्वेटर , और ठंड में ठिठूर रहा था !! अखिलेश जी दूर से उसे देखकर सोचने लगे कैसा आदमी हैं ?? इतनी ठंड में … Read more

छलका सब्र का प्याला – डॉ संगीता अग्रवाल: Moral stories in hindi

मोहित की लव मैरिज हुई थी प्रिया के साथ,संग ही काम करते थे,फिदा हो गया था मोहित प्रिया की खूबसूरती पर।थोड़ी नखरीली जरूर थी लेकिन मोहित को लगता था कि वो दिल की अच्छी है,जल्दी ही उनके घर में एडजस्ट हो जायेगी। घर में ले दे कर एक मां ही तो थीं मोहित के,और मोहित … Read more

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