वह कौन थी?? – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

मेरी दोनों बेटियां बोर्डिंग स्कूल नैनीताल में पढ़ने चली गईं थीं । बड़ी बेटी के बाद जब छोटी बेटी भी वहां पढ़ने चली गई तो  घर मानो काट खाने को दौड़ रहा हो,, मैं और ये नौकरी पर चले जाते, पर इनका अक्सर संभागीय दौरा होता था,, मैं जब स्कूल से घर आती, तो बच्चों … Read more

कहीं देर ना हो जाए… – रश्मि झा मिश्रा   : Moral stories in hindi

“कितना प्यार है तुम्हें तुम्हारी मौसी से… और वह भी तुम्हें कितना प्यार करती है… बचपन में बूआ जब घर आती थीं तो कितनी खुशी होती थी तुम्हें… आज भी जब मिलती हो तो कितनी बातें करती हो… और मामा जी… चाचा जी… सभी से प्यार है या नहीं है… उनके यहां घूमने जाने का … Read more

मुहँ ना खुलवाओ – संध्या त्रिपाठी  : Moral stories in hindi

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     नमस्ते आंटी….. पौधों में पानी डाल रही है…..?? हां बेटा पर तुम कब आई ससुराल से गिन्नी…..?? तुम्हारी मम्मी ने बताया नहीं कि तुम आने वाली हो…. आओ अंदर बैठते हैं…! पाइप पौधों के बीच में रखते हुए आभा ने कहा….! हां आंटी वो अचानक ही प्रोग्राम बन गया…तो बस आ गई….।      गिन्नी आभा के … Read more

फौजी बाबू – आयशा खान  : Moral stories in hindi

मुझे आज भी ‌याद है बरसात कि वो रात जब मैं अपनी फौज कि ड्यूटी खत्म कर वापस अपने गाँव लौट रहा था। एक तरफ घर जाने कि खुशी थी तो दूसरी तरफ खराब मौसम जो कि बार-बार मुझे रोकना चाह रहा था‌। लेकीन छुट्टी मिलते ही मैंने अपना सामान उठाकर गाड़ी में भरा और … Read more

औकात – माधुरी गुप्ता  : Moral stories in hindi

आरती व ऊषा दोनों पक्की सहेलियां थी,एक ही कलास में होने के कारण उन दोनों की दोस्ती दिन दूनी रात चौगुनी वढ रही थी आरती पढ़ाई में जितनी फिसड्डी थी,उमा उतनी ही मेधावी थी। आरती को एक क्लास से दूसरी क्लास में जाने में उमा का बहुत सहयोग होता,सहेली होने के कारण उमा अपने अच्छे … Read more

प्रेम-पुजारी – मुकुन्द लाल : Moral stories in hindi

   पुजारी शंभुनाथ की उम्र जब ढलने लगी तब बुढ़ापा के कारण उनकी शक्ति क्षीण हो गई, घुटनों के दर्द के कारण चलना-फिरना  भी मुश्किल हो गया तो ऐसी परिस्थिति में दैनिक पूजा-पाठ की जिम्मेदारी अपने युवा पुत्र भुवनेश को सौंप दी।    झूलन, जन्माष्टमी और शिवरात्रि जैसे व्रतों और अन्य त्योहारों में ही वे आते थे … Read more

वटवृक्ष – डॉ  संगीता अग्रवाल  : Moral stories in hindi

रामदीन जब से रिटायर हुए थे,बहुत खुश थे, कितनी ही योजनाएं बना रखीं थीं उन्होंने इस समय के लिए,जब काम से  फ्री हो जाऊंगा,सब दोस्तों के साथ एक बार वैष्णो देवी की यात्रा पर जरूर जाऊंगा। बेटा अजय चेताता उन्हें,”पिताजी!इस उम्र में चढ़ाई नहीं कर पाएंगे,छोड़िए!कहीं और घूम आइए आप।” पर वो हंसकर कहते,”तू फिक्र … Read more

तुम्हारी तो कोई औकात ही नहीं है – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi

“रवि, परसों मेरी छोटी बहन की सगाई हो रही है, मम्मी-पापा ने आपको फोन भी किया था, तो मै उसे शादी में कुछ अच्छा सा उपहार देना चाहती हूं, मै सोच रही थी ,एक ही बहन है तो मै उसके लिए सोने के झूमके बनवा लेती हूं, आप मुझे उसके लिए  रूपये दे दीजिए।” सुधा … Read more

विलगाव – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral stories in hindi

डैप्युटी कमिश्नर ऑफ पुलिस मिष्टर सत्यकाम दुबे घर के दरवाजे पर दस्तक देने ही वाले थे कि उन्हे भीतर से किसी पुरुष के फुसफुसाने के स्वर सुनाई दिये। उनका पुलिसिया दिमाग तुरंत सचेत हो गया और उन्होने कोट की जेब में पड़ी पिष्टल हाथ में ले ली। दरवाजे को ज़ोर का धक्का दिया तो सरकारी … Read more

जिन्दगी जीने के दो ही तरीके होते है – संध्या सिन्हा  : Moral stories in hindi

“हेलो मैम! ऑर यू अपेक्षा मॉम???” “एस! पायलट” “अपेक्षा इस माई को-पायलट। शी इस वेरी नाइस एंड गुड पर्सन।” “ओह! हाय! हाउ ऑर यू??” “फ़ाइन। यू लुक लाइक अपेक्षा!” “एस! बट शी लुक लाइक मी या मी लाइक अपेक्षा??” कहने को तो अपेक्षा की माँ ने कह दिया कि- “अपेक्षा मेरी जैसी है या मैं( … Read more

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