तिरस्कार – प्रेम बजाज

“सीमा, अरी ओ सीमा कब से बुला रही हूं, कहां मर गई”  बड़बड़ाती हुई आरती कमरे से बाहर आई तो देखा सीमा रसोई घर में फर्श पर उकड़ू होकर बैठी है और उसकी आंखों से झर-झर आंसू बह रहे हैं। “क्या हुआ ये टसुए क्यों बहा रही है, कोई मर गया है क्या तेरा जो … Read more

बंटवारे की नींव – डॉ. पारुल अग्रवाल

अंजलि के देवर पराग की शादी तय हो गई थी। उसके पति नीलेश के एक भाई और एक बहन थी। बहन की शादी हो चुकी थी। अंजलि और उसके पति दोनों नौकरी में थे इसलिए दूसरे शहर में रहते थे जबकि देवर ससुर जी के साथ ही व्यवसाय में था इसलिए सास-ससुर के साथ रहता … Read more

“जिम्मेदारी” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा

“देखिये भैय्या ,आपको सुनने में थोड़ा कड़वा लगेगा लेकिन मुझे यह मजबूर होकर  कहना पड़ रहा है कि हम पूरे खानदान भर का  बोझ नहीं उठा सकते! मेरी भी अपनी जिन्दगी है। जिन्दगी की छोटी- मोटी खुशियां हैं ,बाल बच्चे हैं। मुझे उनके लिए भी सोचने की जरूरत है। बचपन से हमने जो जोड़- तोड़कर … Read more

रसोई की बुलबुल आजाद हो गई-मुकेश कुमार

विनोद अपने घर में सबसे बड़ा था.  और वही अकेला अपने घर में कमाने वाला भी था आज वह जहां पर नौकरी करता था महीने की आखिरी दिन था और तनख्वाह मिलने का भी दिन था.  सुबह घर से निकलते ही उसने अपने घर की पूरी लिस्ट बनाकर रखा हुआ था कि घर के लिए … Read more

यह मेरा घर है – ज्योति अप्रतिम

सुमिता ! कभी तो सोच समझ कर काम किया करो। तुम्हें मालूम भी है क्या हुआ रजनी को ? क्या हुआ छोटी भाभी को ? सुमिता ने बड़ी भाभी के कड़े शब्दों को सुन कर सहमते हुए पूछा। तुम्हारी वजह से उसका ब्लड प्रेशर एकदम नीचे गिर गया है।अभी हॉस्पिटल गई है भैया जी के … Read more

लड़के वाले (भाग -8) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि आपने अभी तक पढ़ा कि नरेश जी अपने बड़े बेटे उमेश के लिए परिवार सहित भुवेश जी के यहां लड़की देखने आयें हुए हैं… लड़के वालों को लड़की पसंद नहीं आती हैं…उमेश की माँ वीना जी लड़की शुभ्रा को सूट पहनकर और बिना मेकअप के आने को कहती … Read more

बेवजह जलन- मंजू तिवारी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रोज कविता और उसकी सास की सुबह शाम  कहा सुनी होती रहती थी कभी-कभी  बात लड़ाई का रूप भी धारण कर लेती थी   गृह कलह इतना विकराल रूप धारण कर लेता कोई किसी से बात ना करता और खाना पीना भी ना खाने की धमकी कविता की सास दे देती … Read more

फिर गृह प्रवेश – जयश्री बिरमी

जैसे ही मीता ने कहा कि बेटी हो तुम मां का दर्द तो बेटियां ही ज्यादा समझती हैं।सामने से बेटी रिया ने फोन एकदम काट दिया और वह बोलती रह गई। फोन को हाथ में लिए उसको तक के देखती रही। सारी उम्र की तकरीर सामने से गुजरने लगी।जैसे सिनेमा देख रही हो।   वह ७ … Read more

कुंठा – शिव कुमारी शुक्ला   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : हमारी कालोनी में जहॉ हम रहते थे आमने सामने  बत्तीस  मकान थे। जहाॅ कुछ मकान मालिक स्वय॔ रहते थे कुछ  में  किराएदार।  इतने  मकानो मे से केवल दो महिलये ही नौकरी पेशा थी बाकी की सब गृहणियां थी। ये दोनों ही  महिलाएं उनके लिए गाॅशिप का जरीया  थीं। अलग  अलग … Read more

गलती का एहसास – पुष्पा जोशी   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज फिर माला अपने मायके आ गई। उसका ससुराल और मायका एक ही गॉंव में था। यह उसका हमेशा का काम था, अभी चार दिन पहले तो माँ  जानकी देवी समझा बुझा कर उसे ससुराल में छोड़कर आई थी। और कह दिया था, कि अब अगर वो ससुराल को छोड़कर … Read more

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