डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -103)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

अच्छा है कि उसने अपना सिर नीचे झुका रखा है। वरना मेरे चेहरे पर फैले वितृष्णा के भाव  जो उस वक्त साफ- साफ मेरे चेहरे पर फ़ैली हुई थी उसे पढ़ लेता। माया के फोन आने के बाद से ही  मन तरह-तरह की आशंकाओं से घिरा हुआ था। पर सच से सामना इस तरह और … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -102)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

ये तुम्हें क्या हो गया हिमांशु ? ज्ञणांश के लिए मन मीलों पीछे भाग  गया। तब किसी उत्सव की तरह झूम कर आगे- चलते हुए हिमांशु सर और उनके पीछे मोहसिक्त सी स्कूल के प्रार्थना सभा में हाथ जोड़कर खड़ी आंखें मूंदी हुई किशोरी नैना, जब कभी कनखियों से आंख खोल कर हिमांशु सर को  … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -101)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

नैना से मेरी दोस्ती ऐसे समय हुई थी। जब मेरा  ब्रेकअप  ‘माएरा’ से हो गया था। और मैं हताश हो कर टूटने के कगार पर पहुंच कर मिस रोहतगी की शरण में था। तब नैना की चंचल चितवन एवं मीठी बातों ने ही मुझमें जीवन के साथ जीवन चेतना भी भरी  है।  तो ऐसे दोस्त … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -100)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

उस दिन भी , ” जिस दिन नैना के दिए ने उसका सब कुछ ले लिया था “ मैं नैना के घर सुबह में गया था। आज हमारा एक साथ रिहर्सल में जाना तय हुआ था।  वहां हिमांशु को चाय पीते देख और उन दोनों के  हाव- भाव देख कर एक नजर में सारी बात … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -99)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

नैना, जब सुबह उठी थी, उसे लगा जैसे खूब गहरी नींद के बाद जागी है — दिमाग एकदम साफ , उजला … सुबह की धूप जैसा पारदर्शी हिमांशु कितनी दफा यहां आ चुका है पर रुका पहली बार था। इस समय वो मेरे कमरे में टेबल पर रखी पत्रिकाएं उलट-पलट कर खुद को व्यस्त दिखाने … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -98)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

“हां जया ! “, जया को यूं बोलते देख अनुराधा की भी हिम्मत बढ़ गई, ” नैना ने हमारी भी बहुत मदद की है। विनोद ने कहीं एक छोटा सा फ्लैट देख रखा था। अब इसके थोड़े से हेल्प से इस महानगर में तुम्हारे भतीजे के सिर पर भी एक स्थाई छत हो गई है। … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -97)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

 ऐसा ‘कुछ भी’ नहीं है दीदी “ आंखों में कुछ तैर गया था उसने नज़रें फेर लीं। ” चलो मान लिया, ऐसा कुछ नहीं है …  फिर भी ‘कुछ तो’ है …  मैं जानना चाहती हूं उस छोटे से कुछ को भी “ नैना ने मुंह दूसरी तरफ फेर लिया, “आप जजमेंटल तो नहीं होगी … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -96)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

जया … ” रोहन तुम्हें नैना कुछ परेशान नहीं लगती?” ” शायद है, या नहीं भी, पता नहीं “ ” मतलब  ?  कुछ तो ऐसा है जिसमें वह उलझ कर रह गई है “ ” मैं पिछले कुछ दिनों से यह महसूस कर रहा हूं।  पर किसी दुःख तभी बांटो जब वह उसका बोझ नहीं … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -95)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

रात के गहरे सन्नाटे में एक अजीब से अपराधबोध से घिरने लगी हूं। कहां गलती हो रही  है ? आखिर हिमांशु अपने काम्प्लेक्स से बाहर क्यों नहीं निकल पा रहा है ? कभी-कभी वह कितना पाॅजिटिव लगता है जब कहता है , ” अगर ढ़ंग से जीवन जिया जाए तो उम्र कुछ भी माएने नहीं … Read more

डार्लिंग!कब मिलोगी” (भाग -94)- सीमा वर्मा : Moral stories in hindi

मुन्नी अनुराधा के बेटे को बस स्टैंड से पिक करने चली गई है।  इसलिए फोन की घंटी बजते-बजते थक कर बंद हो चुकी है। आंखें मूंदे हुए कल के रिहर्सल के  सिलसिले में सोच रही नैना ने फिर हिमांशु को फोन करने के लिए हाथ में फोन उठा लिया है। फरवरी महीने के अन्तिम दिन … Read more

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