बेटी क्यों नहीं…? – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” ये क्या भाभी…आपने रजनी को भईया के मोटर गैराज चलाने को दे दिया।हमारे खानदान में तो लड़कियाँ ऐसा काम नहीं करती।वहाँ पर पचास तरह के लोग आते-जाते हैं…लड़की जात है…कुछ ऊँच-नीच हो गया तो…।” तीखे स्वर में सीमा ने अपनी भाभी सुनंदा से कहा।      सुनंदा का पति सोमेश्वर एक मोटर … Read more

“सुपर मॉम ” – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुप्रिया ने बड़े सुंदर तरीके से आसमानी नीले रंग की साड़ी पहनी, हल्का सा मैकअप कर अपनी बेटी सिया का इंतजार करने लगी। नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली सिया के स्कूल में आज पेरेंट्स टीचर मीटिंग है। शहर के जानें माने इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने वाली सिया के पापा … Read more

अब सोच बदलने की जरूरत हैं – विकास मिश्र : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : राधे श्याम अपने पुत्र राज और पत्नी राधा के साथ एक दिल्ली में एक किराए के घर में रहते हैं।छोटी नौकरी हैं परंतु अपनी जिंदगी में खुश हैं क्योंकि उनके परिवार का बहुत सीमित खर्च हैं।उनकी पत्नी भी बहुत आज्ञाकारी एवं कम खर्चीली हैं।अपने जीवन के 25 साल अपने गांव … Read more

मुसीबत – प्राज्ञी खुराना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : हिमाचल प्रदेश के एक छोटा सा शहर सोलन उसकी हसीन वादियों में एक प्यारा सा परिवार रहता था अशोक जी उनकी धर्मपत्नी अंजू जी और उनके दो  प्यारे-प्यारे बच्चे मानव एवं मानसी। बहुत अच्छे से समय व्यतीत हो रहा था अशोक जी सरकारी विभाग में कार्यरत थे और अंजू जी … Read more

कढ़ी चावल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : चांदनी अपने इकलौते बेटे के साथ बड़ी-बड़ी इमारतों के पीछे बनी बहुत सी कच्ची झोपड़ियों के बीच अपनी एक छोटी सी झोपड़ी में रहती  है चांदनी के पति ,, सूरज ,, का सब्जी बेचने का काम ठीक से नहीं चल रहा था उधारी होने की वजह से सूरज को बहुत … Read more

मां होने की मुसीबत – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज अपनी बेटी के मुंह से नानी की तारीफ सुनकर अंजू अवाक रह गई।बेटियां कितने अच्छे से विश्लेषण कर पातीं हैं,अपनी मां के मायके का।कभी किसी बात पर रोक -टोक ना करके भी ,अपने मन का करवा लेने वाली “मां” की उपाधि दी थी बेटी ने उसे।परंपराओं को स्वेच्छा से … Read more

अभिमान नहीं स्वाभिमान बचाओ – शुभ्रा बनर्जी 

मेरी बेटी मेरी गुरु,मेरी गाइड,मेरी वकील और मेरी न्यायाधीश सभी है।डिलीवरी के समय सोनोग्राफी करवाने पर जब पहली बार पता चला था मुझे कि मेरे गर्भ में जुड़वा बच्चे हैं,जिनमें से एक खराब हो गया और एक स्वस्थ है,सकते में आ गई थी मैं।यह इतिहास बन जाएगा मेरे और पति के खानदान में।ऐसा पहले कभी … Read more

भाई हूँ तेरा ( भाग 2):  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : पत्र पढ़कर राजेश्वरी तो बहुत रोईं, नवल किशोर जी भी दुखी थे कि न जाने बेटा अकेले-अकेले कहाँ भटकेगा।वे रोज उसकी कुशलता के लिए प्रार्थना करते।     हाथ में बैग लिये राघव सोचता चला जा रहा था कि आगे और कौन-कौन-सी मुसीबतें आएँगी…वह कैसे उनका सामना करेगा.. कि अचानक वह एक … Read more

भाई हूँ तेरा ( भाग 1):  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” बस माँ…अब तो इस घर में मैं रहूँगा या ये…।” हाथ से कोने में खड़े राघव की ओर इशारा करते हुए प्रशांत बोला।     ” ये तू क्या कह रहा है प्रशांत….राघव तेरा भाई है…।” राजेश्वरी जी आहत स्वर में बोली।   ” हाँ …मगर सौतेला जो मेरा हक…।” ” नहीं … Read more

जीने का मकसद (भाग -2) : लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अशक्त मां शक्तिमान सी पास ही खड़ी थी उसके स्नेहिल हाथों का स्पर्श उसे अपने बालों पर कंधों पर महसूस हो रहा था … मां कह उसकी ओर मुड़ा ही था कि हॉस्पिटल बेड पर अपने कमर के नीचे की रिक्तता की पीड़ा से स्तब्ध हो उठा … दोनों पैर … Read more

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