तुमसे कुछ नहीं हो पायेगा – सुषमा यादव : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रेनू देश के पर्वतीय क्षेत्र के प्रसिद्ध बोर्डिंग स्कूल से अध्ययनरत, दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक तथा जामिया मिल्लिया से मास कम्युनिकेशन में स्नातक होने के बावजूद विदेश में अलग-थलग पड़ गई थी।  वह फ्रांस से एम बी ए करने गई थी। पर वहां की भाषा,रहन सहन में … Read more

ये कैसी पहचान – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रात फिर अविरल और मानसी की लड़ाई ने उग्र रूप ले लिया, “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, मुझे धोखा देने की…”   “मैंने तुम्हे कोई धोखा नहीं दिया, “अविरल शांत स्वर में बोला.   ” मैंने अपनी आँखों से तुम्हे रिया के साथ देखा, वो क्या था…??     “किसी के साथ कॉफी पी … Read more

पहचान – प्राज्ञी खुराना : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : फोन की घंटी से विमला जी की तंद्रा भंग हुई। विमला जी ने फोन उठाया तो फोन डीएम साहब का था। डीएम साहब ने बधाई दी की आपको समाज सेवा के लिए सरकार की तरफ से आपको नामांकित किया गया है। विमला जी अपनी पुरानी यादों में खो गई कि … Read more

पहचान – अनिला द्विवेदी तिवारी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रत्नप्रभा एक सामान्य सी शक्ल सूरत की लड़की थी। उसके पिता ने बहुत सारा दान-दहेज देकर एक अच्छा सा घर-परिवार और लड़का देखकर उसका विवाह करवा दिया। उसके बाद उसने अपना पूरा वक्त घर सम्हालने में लगा दिया।  देखते ही देखते छः-सात वर्षों के भीतर उसको तीन बेटियाँ  पैदा हो … Read more

प्रतिक्रिया – शिप्पी नारंग : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अर्चना जी पलंग पर बैठी बड़े मनोयोग से टीवी पर रामायण देख रहीं थी पति भारत जी अपनी आराम कुर्सी पर बैठे अखबार पढ़ रहे थे ।अर्चना जी पूरी तरह से रामायण में डूबी थी कि अचानक खट की आवाज आई और टीवी बंद हो गया अर्चना जी एकदम चौंक … Read more

“आधा हिस्सा” ( भाग 2) – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा

इसके अलावा छोटे भाई की पत्नी, एक भतीजा और एक भतीजी भी थी। छोटे भाई की अकाल मृत्यु के बाद इन सब की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थीं। सभी बच्चे उनकी नजरों में एक समान थे। उन्होंने सबको पढ़ाया लिखाया। बेटी -भतीजी में कोई फर्क नहीं किया। बेटी से पहले भतीजी का ब्याह अच्छे … Read more

“आधा हिस्सा” ( भाग 1) – डॉ .अनुपमा श्रीवास्तवा

 राकेश बालकनी में बैठे एक हाथ में पेपर और दूसरे हाथ में मोबाईल लिए पता नहीं किस सोच में डूबा था। सामने टेबल पर चाय ठंडी हो रही थी पर उसका ध्यान…..। रिया ने पीछे से आवाज लगाई-” कहाँ ध्यान है आपका? चाय भी ठंडी हो गई। “ “रिया गाँव से पिताजी का फोन था।” … Read more

अपनापन बढ़ाती रस्में!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सास गारी देहे……पता नहीं ससुराल का मतलब हर बार सास का घर ही लगा और सास का मतलब गारी देना..!! गौरी इसीलिए चाहती थी कि शादी ही ना हो और शादी हो भी जाए तो सास के साथ बिल्कुल ना रहना पड़े या फिर सबसे अच्छा तो ऐसे घर में … Read more

वजूद – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आज विद्याधर पाण्डे जी के जीवन की बहुत बड़ी साध पूरी हुई। बहुत ही खुशी का दिन था। उनका बेटा सुबोध आइएएस अफसर बन गया था। उसकी प्रथम पोस्टिंग थी। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था,लग रहा था जैसे उनके पैरो में फिर से जान आ गई है। उनके सारे … Read more

शक का परिणाम – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :  इतना बड़ा कलंक! उसकी आत्मा चित्कार उठी थी।वह समझ गई कि अब कुछ कहने-सुनने को रहा नहीं।उसने नज़र भर के बेटे को देखा और आँचल से अपने आँसुओं को पोंछती हुई भाई का हाथ पकड़कर चली गई।नन्हा आशु सब देखकर चकित था।माँ उसे छोटा भाई देने वाली थी तो फिर … Read more

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