जीवन का सवेरा (भाग -8 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

पेड़ों से आच्छादित वादी ने मनोरम दृश्यों का आद्यतन किया था, जहाँ हर एक पेड़ और उनके पत्ते, हरियाली से भरी घास और प्राकृतिक रंगों का मेल बना रहे थे। सभी लम्बी-लम्बी साँसें लेते हुए ऐसा महसूस कर रहे थे कि वे किसी शांतिपूर्ण स्थल में खो गए हैं, जहाँ केवल खुशियों की मिठास के … Read more

सोच बदलो सासु माँ -रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“लोगों का तो काम ही होता है बातें बनाना आप किसी की बातों पर ध्यान मत दीजिएगा ताई जी…कमली के लिए आपलोग नहीं सोचेंगे तो फिर कौन सोचेगा….अभी उसकी उम्र ही क्या है? इक्कीस की ही तो हुई है…आप उसकी शादी तय करें… हम लोग एक दो दिन पहले आ जाएँगे आप किसी बात की … Read more

ताऊ बिहारी का खत-बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शिव कुमार की आंखों के कौर से आंसू टपक रहे थे,उनके हाथ मे आज ही आया ताऊ बिहारी का खत था।अपनी घसीटे लेख में ताऊ बिहारी ने लिखा था,रे शिव मन्ने जरूर पाप करे होंगे तभी तो भगवान सजा दे रहा है।कहवै तो हैं छोरा छोरी बरोबर होवै हैं, हमने तो अपनी छोरी को छोरा … Read more

लोगों का तो काम ही होता है बातें बनाना-आर.जे भाटिया : Moral Stories in Hindi

अंजु बहोत ही सीधी सादी लडकी थी, उसे अपने सादे जीवन से कोई शिकायत नहीं थी, और रहती भी ऐसे थी मानो बाहरी दुनिया जैसे  इसके लिए थी ही नहीं। आराम से वो अपने माता पिता और छोटे भाई के साथ रहती थी , और अचानक एक दिन उसके पापा किसी को कुछ भी  बताए … Read more

बेजा बोझ… -रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“लो माधवी… हो गई रिटायर्ड तुम…!”  रमेश जी जमीन पर निर्जीव पड़ी अपनी पत्नी के पास बैठ उसका सर सहलाते हुए आंखों में आंसू भरे रुंधे गले से बोले…” तुम्हें बैठकर रहना पसंद नहीं था ना… लेकिन रिटायर होना था… इस बुढ़ापे में मुझे अकेला छोड़… मेरी जिम्मेदारियों का त्याग कर… हो गई रिटायर्ड तुम…!” … Read more

बुढ़ापा -उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

आज उषा जी को पनीर खाने का मन हो आया था ।कमबख़्त बुढ़ापा भी न अजीब सी चीज होती है ।पैर कब्र में लटका हो तो जीभ और भी चटोरी हो जाती है ।लेकिन सब दिन ऐसी नहीं थी उषा जी ।शुरू से ही बहुत संतोषी थी वह।अच्छा खाना किसे अच्छा नहीं लगता, लेकिन पहले … Read more

गुस्सा पी जाना-डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

रंजना जी ने अपनी दोनों संतानों को उच्च शिक्षा दिलवाई। उन्होंने बेटी और बेटा दोनों की समान परवरिश की। पढ़ाई के बाद जब उनकी बेटी नमिता ने  शादी मेट्रोमोनियल से एक लड़के को चुना ,तो उनलोगों ने लड़के तथा उसके परिवार से मिलने के बाद शादी करने की स्वीकृति दे दी।रंजना दम्पत्ति तथा उनकी बेटी … Read more

एक नई शुरुआत-कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

“माँ आपसे कितनी बार कहा है,कि बात बात पर पूजा से बहस ना किया करो।लेकिन आप मानती नहीं रोज क्लेश करती रहती हो।”सोमिल गुस्सा होते हुए रमा से बोला। “तू तो हर बार मुझे ही गलत समझता है और बहु को कुछ नहीं कहता।मैंने इसे मायके वालों को फोन करते सुना था,कि मेरी सास कोई … Read more

हम साथ साथ -रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

हम साथ साथ “ कब तक यूँ ही चुपचाप ग़ुस्सा पीते रहोगे…. माना रिश्ता बना कर रहना चाहिए पर ये कैसा व्यवहार है कि बिना गलती तुम सब बर्दाश्त करते रहते हो ।”निकिता अपने पति मयंक को समझाते हुए बोली “ निकिता पाँच साल से मेरे साथ हो ना….फिर भी तुम्हें समझ नहीं आया मैं … Read more

सुखी बुढ़ापा -गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

शशिकांत जी पार्क से सैर करके वापस आए तो देखा कि उनकी माताजी आंगन में कुर्सी पर बैठी है। उन्होंने अपनी माता जी के चरण स्पर्श किए और उन्ही के पास दूसरी कुर्सी खिसका कर बैठ गए और उनका हाल चाल पूछने लगे। वे लगभग प्रतिदिन ऐसाही करते थे। तभी बच्चों की स्कूल वैन उन्हेंलेने … Read more

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