बुढ़ापा -उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

आज उषा जी को पनीर खाने का मन हो आया था ।कमबख़्त बुढ़ापा भी न अजीब सी चीज होती है ।पैर कब्र में लटका हो तो जीभ और भी चटोरी हो जाती है ।लेकिन सब दिन ऐसी नहीं थी उषा जी ।शुरू से ही बहुत संतोषी थी वह।अच्छा खाना किसे अच्छा नहीं लगता, लेकिन पहले … Read more

हमसफ़र-उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

शोभा आज बहुत थक गई है ।अब शरीर नहीं चलता है क्या करे वह ।शरीर चलाना पड़ता है ।वह चाहती भी नहीं है कि किसी पर बोझ बने और हर जरूरत के लिए किसी पर आश्रित हो जाए।बेटा बहू दिल्ली में है अपनी नौकरी पर ।बहुत कहा उनहोंने “अम्मा, अब अकेले मत रहो,हमारे साथ चलो, … Read more

अटूट बंधन -उमा वर्मा । Moral stories in hindi

भाभी  के पेट का आपरेशन हुआ था ।करीब पन्द्रह दिन पहले ।अम्मा बाहर अपने आफिस के ग्रुप के साथ तीर्थ यात्रा पर गई हुई थी ।बीच में ही मेरी भाभी की तकलीफ इतनी बढ़ गई कि आपरेशन के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा था ।भाई आकर मुझको ले गया था ।देखभाल के लिए किसी का … Read more

धिक्कार – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

आज लक्ष्मी अपने को कोस रही थी “धिक्कार है ऐसे जीवन पर ” सच में अम्मा जी के पोते की लालसा ने उसे पाँच पाँच बेटियों की माँ बना दिया था ।वह तो कभी ऐसा चाहती भी नहीं थी।पर पति की जिद के आगे हार गई थी वह ” अरे अम्मा गलत क्या सोचती है, … Read more

सही फैसला – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

 नन्दिनी आज अपने घर, अपने गांव लौट आई है ।थकी हारी है ।दिन भर का सफर था।बहुत शान्ति मिली है यहाँ आकर ।शायद सोच रही है, जो फैसला लिया, सही किया है ।वह तो मोह माया का बन्धन था।दुख तो होता ही है छोड़ कर लेकिन उसके सामने और कोई चारा नहीं था ।इसी घर … Read more

भाग्य विधाता – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

” क्या हुआ, कहीँ बात बनी?” अविनाश जी सोफे पर आकर निढाल होकर बैठ गये।जब सरला ने दुबारा पूछा तो उनहोंने नहीं में सिर हिलाया ।बेटी गीता के ब्याह को लेकर दोनों पति पत्नी आजकल परेशान थे।जहां जाते ,कहीँ दहेज की मांग अधिक होती, कहीँ लड़का पसंद नहीं होता, कहीँ खाने पीने वाला होता ।कहीं … Read more

खानदान (भाग 2)- उमा वर्मा  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : बेटा बहू को छोड़ दिया कि जाओ,तुम लोग घूमो,फिरो।फिर समय आगे बढ़ता गया ।पोते की अच्छी शिक्षा और अच्छी परवरिश हुई तो अच्छी नौकरी भी लग गई ।वह मुम्बई के एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करने लगा।नौकरी करते चार साल हो गये ।बेटे को चिंता हुई अब इसकी शादी … Read more

खानदान (भाग 1)- उमा वर्मा  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : मालती चुप चाप सोफे पर चिंता में बैठी है ।बेटा – बहू कल आ रहा है अपने बेटे के पास ।उसे तो खुश होना चाहिए था लेकिन वह बहुत परेशान है।दो महीने से मालती अपने पोते के पास है ।पूना में ।बेटा बहू पटना में रहते थे ।वहां पति का … Read more

आत्मग्लानि – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : -कैंसर की पीड़ा भोग रही रेणुका चौथे स्टेज पर पहुंच गयी है ।डाक्टर ने जवाब दे दिया है ।बेड पर पड़ी पड़ी उब गई है वह ।कहने को अब कुछ भी नहीं बचा है ।सोचते हुए अतीत में पहुंच गयी है रेणुका ।माता पिता की दुलारी तो बहुत थी वह … Read more

गंवार – उमा वर्मा : hindi stories with moral

hindi stories with moral : सुबह सुबह दीदी का फोन आया ” रानू नहीं रही ” मै कुछ पूछती तभी फोन कट गया था ।ठीक है कुछ काम में लगी होगी, बाद में पूछ लूंगी ।यह सोच मन को तसल्ली दिया ।लेकिन मन कहाँ मानने वाला था ।फिर से फोन लगाया तो दीदी ने ही बताया … Read more

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