संस्कारहीन – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : भैया का फोन आया है, राधा काकी नहीं रही ” यह कब और कैसे हुआ ” मेरे लगातार सवाल से भैया भी हड़बड़ा गये।” अरे कुछ नहीं, बीमार तो थी ही बहुत दिनों से ।एक रात सोयी तो उठी ही नहीं ” मन में मैंने सोचा, ठीक ही हुआ ।जाना … Read more

ममता – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” मेरा नाम शुभ है ।पता नही क्यों आज मेरा मन बहुत बेचैन हो रहा है ।मम्मी, पापा बहुत याद आ रहे हैं ।वैसे ही बैठे बैठे फोन देख रहा था कि मेरी नजर ” बेटियां ” शीर्षक पर पड़ी ।ममता शीर्षक पर कहानी लिखने की मांग की गई थी … Read more

कैसा ये रिश्ता? – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : राधा काकी मेरे पिता जी की रिश्ते की भाभी लगती थी ।हम लोग उन्हे काकी ही कहते थे।बहुत अच्छी, नेक और शालीन स्त्री थी वह ।मै शायद नौ साल की थी तभी उनका ब्याह राघव काका से हो गया था ।दुबली पतली, गोरी चिट्टी सी काकी बहुत प्यारी लगी थी … Read more

सुलझते रिश्ते – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : दोपहर के बारह बज रहे हैं, पर अभी तक पता नहीं है—जेठानी जी का ।इनहें तो बस,बाहर जाने का बहाना मिलना चाहिए ।लगता है आज रसोई मुझे ही संभालनी पड़ेगी ।मेरे लिए तो मुसीबत खड़ी हो गई है ।थोड़ी देर और इन्तजार कर लेती हूँ ‘ बड़बड़ाती हुई नीतिका लेट … Read more

न्याय – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अनमनी सी मै घर के काम निपटा ही रही थी कि बेल बजी।काम वाली बसंती कयी दिन से नहीं आ रही थी तो मन बहुत खिन्न था।इनको जितना सुविधा दो यह अपने तरीके से बाज नहीं आने वाली।यही सोचती द्वार खोला तो बसंती हांफती हुई खड़ी थी ।पुरे दस दिन … Read more

अम्मा की तेरहवीं – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

 Moral Stories in Hindi : आज अम्मा की तेरहवीं है ।कुछ बाकी रीति रिवाज निभाने हैं मुझे ।फिर सब कुछ खत्म हो जायेगा ।मै उनका इकलौता बेटा हूँ ।मेरे सिवा  और कौन समझ सकता है उन्हे ।जब से होश संभाला है घर में तिरस्कार ही सहते देखा है ।मै छोटा सा था शायद सात या … Read more

चल उड़ जा रे पंछी – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: जानकी का मन ठीक नहीं है आज ।घर का सौदा पक्का हो गया है ।सबने मिल बैठ कर यह फैसला कर लिया है ।तय हुआ कि यह घर बेच कर मुम्बई में ही दूसरा घर ले लिया जाय ।बाल बच्चे तो वहीँ नौकरी पर हैं तो अब कौन रहने आएगा यहाँ … Read more

बालिका वधु – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : चौदह साल की उम्र में सुमी ब्याह कर ससुराल आई तो सास ननदे और जेठानी ने आरती की ।बहुत अच्छा लगा था उसे ।यहां तो सबकुछ अलग ही है ।रिश्ते के चचेरे मौसेरे देवर शादी के बाद अपने घर लौटे तो उनकी माँ ने पूछा था ” कैसी लगी दुलहन?” … Read more

तुम से अच्छा कौन ? – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : न जाने कितनी यादें जो अकेले पन की धरोहर और साथी है मेरे ।जीवन में कितने लोगों से मिलना हुआ, कुछ अपने न होते हुए भी अपने से लगे।कुछ बहुत अपने होते हुए भी पराये हो गये ।सच में कभी कभी ऐसा होता है जब कोई खास से अचानक भेंट … Read more

तुम से अच्छा कौन ? – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : न जाने कितनी यादें जो अकेले पन की धरोहर और साथी है मेरे ।जीवन में कितने लोगों से मिलना हुआ, कुछ अपने न होते हुए भी अपने से लगे।कुछ बहुत अपने होते हुए भी पराये हो गये ।सच में कभी कभी ऐसा होता है जब कोई खास से अचानक भेंट … Read more

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