प्यार का मौसम (भाग 4 )- स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

नूरी ने कहा -माँ जी मैं आपसे कुछ नहीं छिपाना चाहती । मैं विजय से प्यार करती हूँ हम दोनो एक साथ काम करते है ,और शादी करना चाहते है । लेकिन बेला मेरी ज़िम्मेदारी है ! जब तक मैं इसे सुरक्षित रुखसत नहीं कर देती , तब तक मैं भी शादी नहीं करूँगी । … Read more

प्यार का मौसम (भाग 3 )- स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

माफ़ करना मुझे आने में थोड़ी देरी हो गयी ! कोई बात नहीं …….मैम सर आप बस इसे कभी कभार आकर थोड़ा पढ़ा दिया करे ताकि इसका मनोबल बना रहे । आपका बहुत आभार होगा । मै इसकी पढ़ाई की वजह से चिंतित रहती हूँ । वीर उसकी निःशब्द आँखो को ना कह ही नही … Read more

प्यार का मौसम (भाग 1 )– स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

सोचो के झीलों का शहर हो उसमें अपना एक घर हो ..ये सुनने में जितना अच्छा लगता है। हक़ीक़त में झीलों का शहर सब उथल पुथल कर देता है । ये कहानी भी ऐसे ही झीलों के शहर की है ,जिसमें सब तैर कर पार जाना चाहते है ।वीर और आरोही दो नाम ,दो जान … Read more

रंग बदलती ज़िंदगी – स्नेह ज्योति: Moral Stories in Hindi

रूपा और पलक दोनों अच्छी दोस्त थी । जो भी कुछ करती एक दूसरे को बता के करती थी । कॉलेज में रूपा को एक लड़का पसंद था और पलक को भी इस बारे में सब पता था । लेकिन वो हमेशा रूपा को कहती थी , कि ऐसे रोज़ रोज़ मिलना ठीक नहीं है … Read more

बर्दाश्त की हद : hindi stories with moral

hindi stories with moral : रोज़ की तरह मैं बस स्टॉप पे खड़ा बस का इंतज़ार कर रहा था । लाईन इतनी लम्बी थी लग रहा था कि आज भी ऑफ़िस जाने में देरी हो जाएगी । तभी थोड़ी देर में बस आयी और अंदर जाने के लिए सब एक दूसरे को धक्का देने लगे … Read more

वक्त गुजर जाने पर शर्मिंदगी ही हाथ लगती है – स्नेह ज्योति  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : एक दिन माँ को आने में देरी हो गई थी । मैं उनका बाहर खड़े होकर इंतज़ार कर रहा था , कि अचानक से एक तेज रोशनी मेरी आँखो में लगी । अंधेरे को चीरते हुए जब रोशनी दिखी तो मेरी नज़र कार से बाहर आते हुए पैर पर पड़ी … Read more

बेटी ही क्यों दे त्याग – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : काव्या जो ज़िंदगी को बिंदास होकर जीती थी । जिसने कभी भी ना झुकना सीखा , ना ही कभी ग़लत का साथ दिया । काव्या अपने पिता का मान है या यूँ कहे उनके जीवन का पूरा सारांश है तो गलत नहीं होगा । क्योंकि राम किशोर जी ने उसकी … Read more

सोचा ना था – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज सचिन का कॉलेज ख़त्म हो रहा था और एक नए सफर की शुरुआत हो रही थी । अपने सभी दोस्तों से मिलनें के बाद वो अपने घर के लिए निकल पड़ा । जो की दिल्ली से बहुत दूर पहाड़ों में है । अपने घर जाते हुए वो रास्ते में … Read more

ज़िंदगी है फिर भी कम है – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मोहन नाम से लगता है कि इनकी ज़िंदगी कितनी रंगीन होगी । लेकिन असल ज़िंदगी में इनकी ना तो कोई राधा हैं , ना ही रुक्मणी , ना ही मीरा । अपनी पत्नी के जाने के बाद उन्होंने कई बार सोचा पर अपने बच्चों के कारण कभी दूसरी शादी नहीं … Read more

अरमानों की उड़ान – स्नेह ज्योति: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ओ मुनिया ! कहाँ गई ?? एक काम करने को कह दो इसे …मजाल जो जल्दी से सुन लें । कहाँ हैं ?? सुन रही है !! …..आती हूँ माँ बस थोड़ी देर ऑर रॉकेट आसमान में उड़ा दूँ । रॉकेट उड़ा कर तू ही बनेगी अगली वैज्ञानिक ! घर … Read more

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